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इम्‍युनिटी, साइड इफेक्‍ट्स, सावधानियां... एक्‍सपर्ट्स से जानिए कोरोना वैक्‍सीन से जुड़े हर सवाल का जवाब

Covid-19 Vaccination FAQ In Hindi: भारत में कोविड-19 वैक्‍सीनेशन का दायरा अब सभी वयस्‍कों तक बढ़ा दिया गया है। ऐसे में लोगों में मन में कई सवाल हैं जिनके जवाब यहां मेडिकल एक्‍सपर्ट्स दे रहे हैं।

Written byएनबीटी डेस्क | नवभारत टाइम्स 16 May 2021, 11:41 am
नई दिल्‍ली
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1 मई से 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगनी शुरू हो गई है। इस वर्ग को कोरोना की दूसरी लहर के लिए सुपर स्प्रेडर माना जा रहा है, जैसा कि एक्सपर्ट ग्रुप ऑफ वैक्सीनेशन कमेटी (नेगवेक) द्वारा माना गया, ग्रुप की सिफारिश के बाद ही एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू किया गया। इस वर्ग का वैक्सीनेशन कर इंफेक्शन की चेन रोकने की कोशिश की जा रही है। पिछले 2 हफ्ते में 18 से 44 साल तक के 30 लाख से ज्यादा युवाओं को कोरोना की वैक्सीन दिया गया। हालांकि युवाओं के वैक्सीनेशन की गति बढ़ाने की जरूरत है। इस विषय से जुड़े अहम सवालों के जवाब एक्सपटर्स से बात कर दे रही हैं निशि भाट

वैक्‍सीन लेनी है या नहीं?
बॉडी बिल्डिंग के लिए जिम जाता था और स्टेरॉइड भी लेता था। क्या मुझे कोरोना की वैक्सीन लेनी चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
  • सबसे पहले यह पता करना जरूरी है कि आप कितने पावर का स्टेरॉइड लेते थे, स्टेरॉयड शरीर के इम्यून रिस्पांस को कमजोर करते हैं। इसलिए वैक्सीन लगवाने के एक हफ्ते पहले आप अपने फैमिली फिजिशियन से इस बारे में अवश्य सलाह ले लें, डॉक्टर से संपर्क करने के बाद ही वैक्सीन लगवाएं।
मैं हफ्ते में तीन बार शराब पीता हूं। इससे वैक्सीन का कोई नुकसान तोह नही होगा?
  • शराब के सेवन से वैक्सीन का असर कम नहीं होता। इसके बावजूद वैक्सीन लगवाने के सात दिन पहले अल्कोहल न लें। चूंकि सिगरेट फेफड़ों को कमजोर करती है, इसलिए इसका सेवन न करें। सिगरेट पीने वालों की तुलना में, सिगरेट न पीने वालों में कोरोना इंफेक्शन का असर कम देखा गया है।
मुझे मैस्टरबेशन की भी आदत हैं। इससे कोई परेशानी हो सकती है?
  • नहीं, किसी भी सेक्सुअल ऐक्टिविटी का वैक्सीन की प्रभावकारिता पर नहीं पड़ता। आप बिना झिझक कोरोना का वैक्सीन लगवा सकते हैं।
पीरियड्स के समय वैक्सीन लेना सुरक्षित है या फिर यह समय गुजर जाने के बाद?
  • पीरियड्स के समय भी कोरोना की वैक्सीन ले सकती है।
कौन-सी बीमारी में वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए?
  • किसी भी तरह की वैक्सीन एलर्जी, एनाफिलेक्टिक या फूड एलर्जी की पहले से ही शिकायत है तो वैक्सीन लगवाने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें।


कोरोना हो चुका हो तो...
अगर मुझे कोरोना हो चुका है तो कोरोना इंफेक्शन के कम से कम कम और ज्यादा से ज्यादा कितने दिन बाद वैक्सीन की पहली डोज ले सकता हूं?
  • कम से कम आठ से दस हफ्ते के अंतराल में।
यदि पहली डोज लेने के बाद मुझे कोरोना हो गया तो दूसरी डोज कम से कम और अधिक से अधिक कितने दिनों बाद ले सकता हूं?
  • कम से आठ से दस हफ्ते के अंतराल के बाद।
क्या वैक्सीन कोरोना इंफेक्शन से उबरने के बाद क्या असर नहीं करती?
  • कोरोना इंफेक्शन के बाद बनी ऐंटिबॉडी अस्थाई होती है यह दोबारा संक्रमित होने से सुरक्षा नहीं देती, जबकि वैक्सीन के बाद बनी एंटीबॉडी अधिक दिन तक चलती है।

वैक्सीन लगवाना हो तो...
मैं कौन-सी वैक्सीन लूं? नई, पुरानी या कुछ और बेहतर आने का इंतजार करूं?
  • वैक्सीन लगवाकर खुद को कोरोना से सुरक्षित करने की जगह नई बेहतरीन वैक्सीन का इंतजार करना समझदारी नहीं है। अब तक जिन वैक्सीन को इमरजेंसी प्रयोग के लिए मंजूरी मिली है, वे सभी असरदार हैं। सच तो यह है कि वैक्सीन पर हर दिन नई रिसर्च की जा रही है और नई वैक्सीन लॉन्च होती ही रहेंगी। यह एक सामान्य प्रक्रिया है।
सरकार ने खुले बाजार में भी वैक्सीनेशन शुरू कर दिया है? क्या अब भी कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा?
  • बिल्कुल, इस फेज के वैक्सीनेशन में वॉक-इन की व्यवस्था नहीं की गई है कि आप किसी भी नजदीकी सेंटर पर जाएं और टीका लगवाएं। आप वैक्सीन कोई भी लगवाए या कहीं से भी लगवाएं, कोविन या आरोग्य सेतु ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। हालांकि सीनियर सिटिजंस को ध्यान में रखते हुए इस वर्ग को वॉक-इन रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी गई है।
युवाओं के लिए वैक्सीनेशन के लिए वॉक-इन की सुविधा कब से शुरू होगी?
  • युवाओं को वैक्सीन के लिए कोविन पोर्टल या आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। विशेष परिस्थितियों में सिर्फ बुजुर्गों का वॉक-इन वैक्सीनेशन हो रहा है क्योंकि कुछ सीनियर सीटिजंस तकनीकी रूप से सक्षम नहीं होते, इसलिए वे पोर्टल या ऐप पर रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाते हैं। सिर्फ ऐसे लोगों को सरकारी फोटो पहचानपत्र के साथ वॉक-इन वैक्सीनेशन की इजाजत दी गई है।
क्या केमिस्ट से वैक्सीन खरीद कर अपनी मर्जी से कहीं से भी लगवा सकता हूं ?
  • नहीं, सरकार ने खुले बाजार में वैक्सीन को बेचने की छूट दी है। इसका मतलब यह नहीं कि खुद केमिस्ट से खरीदकर वैक्सीन लगवा सकते हैं। हां, प्राइवेट अस्पताल में निर्धारित कीमत देकर वैक्सीन लगवा सकते हैं। एक वैक्सीन की बॉट्ल में 10 वॉयल होते हैं। इसलिए व्यक्तिगत रूप से वैक्सीन खरीदकर लगवाना संभव नहीं। फिर वैक्सीन को निर्धारित तापमान में संरक्षित करना जरूरी है। ये सभी संसाधन अस्पतालों में ही उपलब्ध होते हैं।

ये सावधानियां हैं जरूरी

ज्यादातर अस्पतालों में कोविड केयर सेंटर बनाया गया है। ऐसे में वैक्सीन लेने के लिए अस्पताल तक जाना कितना सुरक्षित है?
  • सिर्फ अस्पताल ही नहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, डिस्पेंसरी और जरूरी स्कूलों में भी कोविड वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए हैं। यहां इंफेक्शन से सुरक्षा का पूरा ध्यान है। वैक्सीनेशन का स्लॉट इस तरह बांटा गया है जिससे एक दिन में एक केंद्र पर 100 से ज्यादा लोग न पहुंच सकें। यह भी ध्यान रखा जाता है कि सुरक्षित दूरी बनाकर रखते हुए वैक्सीनेशन कराया जा सके। इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि जो लोग केंद्र पर टीका लगवाने जा रहे हैं, वे मास्क लगाकर घर से निकलें। भीड़ या दोस्तों के साथ टीका लगवाने न जाएं। जरूरी कागजात के साथ सैनिटाइजर जरूर साथ रखें।
क्या अस्पताल जाकर वैक्सीन लगवाने से लोगों को इंफेक्शन का खतरा हो सकता है?
  • अगर कोई भी शख्स कोरोना के प्रोटोकॉल (दूरी, मास्क, सफाई) का पालन नहीं करता है तो उसे अस्पताल क्या कहीं से भी इंफेक्शन मिल सकता है। वैसे हर स्तर पर इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है कि जिन अस्पतालों में कोविड केयर सेंटर या कोविड वॉर्ड बनाए गए हैं, वहां कोरोना वैक्सीनेशन की व्यवस्था ऐसी हो कि कोरोना मरीजों की एंट्री का रास्ता अलग हो और वैक्सीनेशन के लिए जाने वाले लोगों का रास्ता अलग हो। इससे इंफेक्शन की आशंका काफी है।
क्या कोरोना की दोनों डोज में से एक ही कंपनी का वैक्सीन लेना जरूरी है?
  • बिलकुल, वैक्सीन की प्रभावकारिता जानने के लिए दोनों डोज में एक ही कंपनी का वैक्सीन लेना जरूरी है। ताकि निर्धारित समय में कोरोना के खिलाफ शरीर में रक्षा कवच तैयार हो सके। अभी तक इस बात का कोई भी वैज्ञानिक आधार नहीं है कि दोनों डोज में अलग-अलग कंपनी की वैक्सीन लेने पर भी ऐंटिबॉडी विकसित हो पाई हो।
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दूसरी डोज लेनी हो...
किसी वजह से तय अवधि में दूसरी डोज न लग पाई तो क्या मुझे फिर से पहली डोज लगानी होगी?
  • 6 से 12 हफ्ते के अंतराल पर भी दूसरी डोज लगवाई जा सकती है। इसलिए पहली डोज लेने के बाद, यदि दूसरी डोज लेना भूल गए हैं तो जब भी दूसरी डोज लगवाना याद आए तुरंत केंद्र का चुनाव कर लगवा लें।
अगर किसी ने पहली डोज कोवैक्सिन और दूसरी डोज कोविशील्ड की ली है तो इसका किस तरह का असर पड़ेगा?
  • दोनों डोज में एक ही वैक्सीन लेने का प्रावधान है, पहली डोज से दूसरी डोज की वैक्सीन को बदला नहीं जा सकता है।

ऐसे मैनेज करें साइड इफेक्ट्स
यदि वैक्सीन लेने के बाद कमजोरी महसूस हो तो क्या पावर बूस्टर ले सकते हैं?
  • वैक्सीन लगने के बाद कमजोरी या बुखार या कुछ थकान जैसे हल्के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। अमूमन ये भी 2 से 3 दिनों में ठीक हो जाते हैं। इसलिए ऐसे किसी भी असर के बाद पावर बूस्टर की जरूरत नहीं है।
क्या वैक्सीन से नपुंसकता हो सकती है?
  • नहीं, वैक्सीन प्रजनन क्षमता को किसी भी तरह प्रभावित नहीं करती।
क्या वैक्सीन लगने के बाद शराब या सिगरेट का सेवन नहीं करना है?
  • अगर अल्कोहल बेहद कम मात्रा में ली जाए तो वैक्सीन का असर कम नहीं होता, लेकिन फेफड़ों को कोरोना इंफेक्शन से बचाने के लिए सिगरेट छोड़ना समझदारी है।
वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज लेने के बाद साधारण साइड इफेक्ट्स क्या हो सकते हैं?
  • बुखार, थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, डायरिया और इंजेक्शन की जगह पर दर्द आदि वैक्सीन लगने के बाद होने वाले साधारण साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
ऐसे कई मामले देखे गए हैं जहां वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद भी लोग कोरोना संक्रमित हो रहे हैं और आईसीयू व ऑक्सिजन की जरूरत पड़ रही है। कुछ ऐसे लोगों की मृत्यु भी हो गई। इसकी क्या वजह हो सकती हैं? इस कारण लोग वैक्सीन लगवाने से डर रहे हैं?
  • ऐसा बहुत ही कम मामलों में देखा गया कि कोरोना की दोनों वैक्सीन लगने के बाद व्यक्ति को कोरोना हो या फिर उसकी इंफेक्शन से मृत्यु हो गई हो। इस स्थिति को वैक्सीन ब्रेकथ्रू केस कहा जाता है यानी वैक्सीनेशन के बाद भी ऐंटिबॉडी नहीं बनना। ऐसे शख्स का इम्यून सिस्टम सही तरीके से काम नहीं करता। वैसे इस तरह के मामले लाखों में एक हो सकता है। सभी वैक्सीन को सुरक्षा और क्वॉलिटी जांच के बाद ही इस्तेमाल की इजाजत दी गई है।


इम्यूनिटी कब तक मिलेगी
वैक्सीन लेने के कितने दिन बाद ऐंटिबॉडी बनेगी और दोस्तों के साथ कितने दिन बाद पार्टी कर पाएंगे?
  • ज्यादातर लोगों को कोरोना की वैक्सीन देकर इंफेक्शन चेन को तोड़ा जा सकता है, लेकिन वैक्सीन लगवाने का मतलब यह नहीं कि दोस्तों के साथ पार्टी करें या सामूहिक आयोजनों में शामिल हों। जहां तक ऐंटिबॉडी बनने की बात है तो वैक्सीन की दोनों डोज लेने के 20 से 30 दिनों बाद अमूमन ऐंटिबॉडी तैयार हो जाती है। बावजूद इसके वैक्सीन लगने के बाद भी कोरोना से बचने के तमाम तरीके जरूर अपनाने चाहिए।
वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद हमें कितने दिन बाद कितनी इम्यूनिटी मिलती है?
  • पहली डोज लगने के तीन हफ्ते (21 दिन) बाद 60 से 70 प्रतिशत इम्यूनिटी हासिल की जा सकती है।
वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद कितने दिनों तक इम्यूनिटी बनी रहती है?
  • वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद तैयार ऐंटिबॉडी कितने दिन तक रहेगी यह अभी साफ-साफ नहीं कहा जा सकता। लेकिन अब तक की स्टडी के आधार पर यह पाया गया है कि वैक्सीन 6 से 9 महीने या इससे ज्यादा समय की मजबूत ऐंटिबॉडी देती है।
क्या वैक्सीन लेने के 6 महीने या एक साल बाद वैक्सीन की बूस्टर डोज लेनी होगी?
  • अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन भविष्य में यह संभव है कि वैक्सीन लेने के 6 महीने, सालभर बाद बाद बूस्टर डोज लेनी पड़े।
बच्चों की वैक्सीन कब आएगी?
  • 2 साल से 18 साल के आयु वर्ग के लिए भारत बायोटेक की कोवैक्सिन के टेस्टिंग चल रहे हैं। यह पूरी होने के बाद ही इनके लिए वैक्सीन लॉन्च। उम्मीद है कि इस साल के आखिर तक बच्चों की वैक्सीन आ जाए।
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