जयपुर, 28 फरवरी :भाषा: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद केन्द्र सरकार द्वारा दिल के मरीजों के लिए स्टेंट की कीमतों में कमी किये जाने के बावजूद मरीजों को निजी क्षेत्र के अस्पतालों में इसका लाभ नहीं मिलना राज्य सरकार की विफलता है। गहलोत ने आज यहां एक बयान में कहा कि स्टेंट की कीमत कम होने से दिल के मरीजों के ईलाज पर होने वाले खर्च में 50 प्रतिशत से ज्यादा कमी आने की संभावना थी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। उन्होंने कहा, निजी क्षेत्र का अपना महत्व है, इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती, लेकिन मेरा मानना है कि देश में आबादी के साथ बढ़ती मरीजों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य के साथ शिक्षा के प्रबंधन में केवल धनोपार्जन के लिए संस्थाओं को आगे नहीं आना चाहिए बल्कि जनकल्याण को ध्यान में रखकर इन क्षेत्रों में कदम रखना चाहिए। गहलोत ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने निशुल्क दवा एवं जांच योजना लागू की थी, जिसकी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना की गई थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने बिना समीक्षा किये आनन-फानन में इस योजना के प्रभाव को कम कर दिया। उन्होंने राज्य सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना की आलोचना करते हुए कहा कि इसे लागू हुए एक साल से ज्यादा हो चुका है, लेकिन इसमें भ्रष्टाचार की अत्यधिक गुंजाइश को देखते हुए मुख्यमंत्री को इसका ऑडिट करवाना चाहिए। हर जिला एवं उपखण्ड स्तर पर राज्य सरकार को सक्षम अधिकारी को अधिकृत करना चाहिए ताकि सरकारी एवं गैर सरकारी क्षेत्र में गम्भीर शिकायतें सामने आने पर तत्काल कार्यवाही की जा सके।
दिल के मरीजों को निजी अस्पतालों में लाभ नहीं मिलना राज्य सरकार की विफलता : गहलोत
जयपुर, 28 फरवरी :भाषा: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद केन्द्र सरकार द्वारा दिल के मरीजों के लिए स्टेंट की कीमतों में कमी किये जाने के बावजूद मरीजों को निजी क्षेत्र के अस्पतालों में इसका लाभ नहीं मिलना राज्य सरकार की विफलता है।
नवभारतटाइम्स.कॉम 28 Feb 2017, 7:49 pm