विश्व मोहन, नई दिल्ली
आपको शायद इस बात की जानकारी हो कि मौसम में क्या बदलाव हो सकते हैं, लेकिन शायद इसकी जानकारी न हो कि यह बदलाव आपके जीवन पर कैसे असर डाल सकता है। मौसम विभाग जानकारी के इस अभाव को भरने के लिए कोशिश कर रहा है। भारतीय मौसम विभाग अगले कुछ दिनों में प्रभाव आधारित पूर्वानुमान जारी कर सकता है। यह पूर्वानुमान उसी तरह का होगा जैसा साइक्लोन को लेकर होता है।
मौसम के प्रभाव के बारे में दी जाएगी सूचना
प्रभाव आधारित पूर्वानुमान में देश की राष्ट्रीय मौसम एजेंसी न सिर्फ आपको बारिश, लू, तापमान, हवा की गति की जानकारी देंगे बल्कि इस परिवर्तन के क्या असर हो सकते हैं इसकी भी सूचना देंगे। इसका फायदा यह होगा कि स्थानीय प्रशासन के साथ आम नागरिक भी प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों को देखकर अपने स्तर पर तैयारी कर सकेंगे। बदलते मौसम का प्रभाव हर क्षेत्र में अलग
मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस के सेक्रेटरी माधवन राजीवन ने बताया, 'भारी बारिश का असर देश के विभिन्न क्षेत्रों पर अलग-अलग तरह से पड़ सकता है। यह क्षेत्र, मौसम और जमीनी परिस्थितियों पर निर्भर करता है। इसलिए यह जरूरी है कि अब लोगों को प्रभाव आधारित मौसम की जानकारी दी जाए। किसी शहर विशेष, राज्य या क्षेत्र के लोगों पर मौसम का क्या असर होगा, यह जानकारी दी जानी चाहिए। '
2013 उत्तराखंड बाढ़ का किया जिक्र
भारतीय मौसम विभाग के 145वें फाउंडेशन डे मौके पर राजीवन ने कहा, 'इन दिनों देश के हर हिस्से में लोग सिर्फ यह बात नहीं कर रहे हैं कि मौसम कैसा रहेगा। यह भी चर्चा करते हैं कि मौसम का असर कैसा पड़ेगा।' उन्होंने कहा कि 2013 में उत्तराखंड आपदा के वक्त हमने भारी बारिश का अनुमान लगाया था। हम संतुष्ट हैं कि हमने ठीक अनुमान लगाया, लेकिन जरूरी सुरक्षा उपाय उस वक्त उस तरह से नहीं लागू हो सके जैसी उम्मीद थी।
उत्तराखंड आपदा का पहले से ही था पूर्वानुमान
बता दें कि 2013 में उत्तराखंड में आई भारी बाढ़ और बारिश को लेकर तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं करने की काफी आलोचना हुई थी। उस वक्त राज्य सरकार ने कहा था कि इस तरह की भारी बारिश का पूर्वानुमान अक्सर ही आता है, ऐसे में सुरक्षा और राहत उपाय करना संभव नहीं है।
आपको शायद इस बात की जानकारी हो कि मौसम में क्या बदलाव हो सकते हैं, लेकिन शायद इसकी जानकारी न हो कि यह बदलाव आपके जीवन पर कैसे असर डाल सकता है। मौसम विभाग जानकारी के इस अभाव को भरने के लिए कोशिश कर रहा है। भारतीय मौसम विभाग अगले कुछ दिनों में प्रभाव आधारित पूर्वानुमान जारी कर सकता है। यह पूर्वानुमान उसी तरह का होगा जैसा साइक्लोन को लेकर होता है।
मौसम के प्रभाव के बारे में दी जाएगी सूचना
प्रभाव आधारित पूर्वानुमान में देश की राष्ट्रीय मौसम एजेंसी न सिर्फ आपको बारिश, लू, तापमान, हवा की गति की जानकारी देंगे बल्कि इस परिवर्तन के क्या असर हो सकते हैं इसकी भी सूचना देंगे। इसका फायदा यह होगा कि स्थानीय प्रशासन के साथ आम नागरिक भी प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों को देखकर अपने स्तर पर तैयारी कर सकेंगे।
मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस के सेक्रेटरी माधवन राजीवन ने बताया, 'भारी बारिश का असर देश के विभिन्न क्षेत्रों पर अलग-अलग तरह से पड़ सकता है। यह क्षेत्र, मौसम और जमीनी परिस्थितियों पर निर्भर करता है। इसलिए यह जरूरी है कि अब लोगों को प्रभाव आधारित मौसम की जानकारी दी जाए। किसी शहर विशेष, राज्य या क्षेत्र के लोगों पर मौसम का क्या असर होगा, यह जानकारी दी जानी चाहिए। '
2013 उत्तराखंड बाढ़ का किया जिक्र
भारतीय मौसम विभाग के 145वें फाउंडेशन डे मौके पर राजीवन ने कहा, 'इन दिनों देश के हर हिस्से में लोग सिर्फ यह बात नहीं कर रहे हैं कि मौसम कैसा रहेगा। यह भी चर्चा करते हैं कि मौसम का असर कैसा पड़ेगा।' उन्होंने कहा कि 2013 में उत्तराखंड आपदा के वक्त हमने भारी बारिश का अनुमान लगाया था। हम संतुष्ट हैं कि हमने ठीक अनुमान लगाया, लेकिन जरूरी सुरक्षा उपाय उस वक्त उस तरह से नहीं लागू हो सके जैसी उम्मीद थी।
उत्तराखंड आपदा का पहले से ही था पूर्वानुमान
बता दें कि 2013 में उत्तराखंड में आई भारी बाढ़ और बारिश को लेकर तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं करने की काफी आलोचना हुई थी। उस वक्त राज्य सरकार ने कहा था कि इस तरह की भारी बारिश का पूर्वानुमान अक्सर ही आता है, ऐसे में सुरक्षा और राहत उपाय करना संभव नहीं है।