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आजम खान ने कहा, नोटबंदी के कारण हुई मौत तो शहीद का दर्जा दें

आजम खान ने नोटबंदी से देशभर में लोगों को हो रही परेशानी पर कहा कि केंद्र सरकार को उन लोगों को शहीद का दर्जा देना चाहिए जिनकी मौत लाइन में लगने की वजह से हुई है। उनके परिजनों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए।

भाषा 1 Dec 2016, 1:28 pm
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम if died due to demonetization then give status of martyr says azam khan
आजम खान ने कहा, नोटबंदी के कारण हुई मौत तो शहीद का दर्जा दें


उत्तर प्रदेश के नगर विकास और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री आजम खान ने नोटबंदी से देशभर में लोगों को हो रही परेशानी पर कहा कि केंद्र सरकार को उन लोगों को शहीद का दर्जा देना चाहिए जिनकी मौत लाइन में लगने की वजह से हुई है। आजम ने कहा कि केंद्र सरकार के पैमाने के हिसाब से लाइन में लगने वाले अगर देशभक्त हैं तो जिनकी मौत लाइन में लगने से हुई है उन्हें शहीद का दर्जा देकर उनके परिजनों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए।

यूपी चुनाव में बीजेपी ‘मिशन 265 प्लस’ के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में आजम ने कहा कि बुनियादी स्तर पर बीजेपी का संगठन बेहद कमजोर है। मोदी सरकार और राज्य में उनके 71 सांसदों ने लोकसभा चुनाव में किये गए वादे पूरे नहीं किये। उन्होंने कहा कि ऐसे में जनता को मुद्दों से भटकाने के लिए नोटबंदी का तमाशा खड़ा किया गया है। आजम आगे कहते हैं कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य के विकास के लिए लगातार काम किया है जबकि बीजेपी जनता को गुमराह करने का काम कर रही है। ‘‘ हम उत्तरप्रदेश में सत्ता में अपने काम के बूते वापसी करेंगे।’’

यूपी के राज्यपाल राम नाइक पर आजम खान ने आरोप लगाया है कि वह संविधान के मुताबिक काम करने की बजाय प्रदेश में आरएसएस के विचारों को थोपने की कोशिश कर रहे हैं। आजम खान ने 29 नवंबर को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर राज्यपाल के बारे में शिकायत भी की है। आजम ने दावा किया कि राज्यपाल सरकारी काम में बाधा डाल रहे हैं जिससे राजभवन की गरिमा जितनी इस समय गिर गई है, उतनी कभी नहीं गिरी।

दरअसल राम नाइक के राज्यपाल बनने के बाद से आजम खान के मंत्रालय के कुछ विधेयक राजभवन में अटक गए हैं। ताजा मामले में राजभवन ने एक अध्यादेश पर ही दस्तखत करने से मना कर दिया। इस अध्यादेश के जरिए राज्य सरकार नगर निकायों में 1500 से अधिक पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने वाली थी।

उत्तर प्रदेश के नगर निकाय में अधिकारी और कर्मचारियों के हजारों पद कई साल से खाली पड़े हैं। हालत यह है कि एक कार्यकारी अधिकारी के पास 10-10 नगर पालिकाओं का प्रभार है। नौकरियों से जुड़े इस अध्यादेश को लेकर आजम खान जल्द ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात करेंगे।

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