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चीन के साथ बातचीत फेल हुई तो लद्दाख में सैन्‍य कार्रवाई पर विचार : सीडीएस जनरल बिपिन रावत

India China border dispute news: चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ जनरल बिपिन रावत के मुताबिक, सेना हर मोर्चे पर तैयार है। बातचीत असफल रहने पर सैन्‍य विकल्‍पों पर विचार किया जा रहा है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 24 Aug 2020, 9:30 am

हाइलाइट्स

  • भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ का बड़ा बयान
  • जनरल बिपिन रावत ने कहा, लद्दाख में सैन्‍य कार्रवाई पर हो रहा विचार
  • कई स्‍तर पर चल रही बातचीत, फेल हुई तो आगे की कार्रवाई पर चर्चा हो रही है : जनरल रावत
  • मिलिट्री और डिप्‍लोमेटिक तरीके से कई बार पीछे हटने पर सहमति बनी, चीन नहीं माना

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नवभारतटाइम्स.कॉम COAS-Bipin-Rawat
जनरल बिपिन रावत। (फाइल)
नई दिल्‍ली
भारत-चीन के बीच जारी सीमा विवाद पर चीफ आफ डिफेंस स्‍टाफ जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) ने बड़ा बयान दिया है। उन्‍होंने कहा कि लद्दाख में चीनी अतिक्रमण से निपटने के लिए सैन्‍य विकल्‍पों पर भी विचार हो रहा है। अंग्रेजी अखबार हिंदुस्‍तान टाइम्‍स से जनरल रावत ने कहा कि अगर बातचीत फेल होती है तो सैन्‍य विकल्‍पों पर विचार किया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और राष्‍ट्रीय सुरक्षा के जिम्‍मेदार लोग इस कोशिश के साथ सभी विकल्‍पों पर विचार कर रहे हैं कि पीएलए लद्दाख में पहले जैसी स्थिति में लौट जाए।
'हम शांति से सुलझाना चाहते हैं विवाद'
जनरल रावत ने कहा कि सरकार शांतिपूर्ण ढंग से मामला सुलझाना चाहती है। उन्‍होंने इशारा किया कि पूर्वी लद्दाख में सेनाओं की तैयारी पूरी है। उन्‍होंने कहा, "LAC पर अतिक्रमण अलग-अलग नजरिये की वजह से होता है। रक्षा सेवाओं का काम निगरानी रखना और ऐसे अतिक्रमण को घुसपैठ में तब्‍दील होने से रोकने का है। सरकार चाहती है कि शांतिपूर्ण तरीके से मसले सुलझाए जाएं। अगर LAC पर पूर्वस्थिति बहाल करने की कोशिशें सफल नहीं होती हैं तो सैन्‍य कार्रवाई के लिए रक्षा सेवाएं हमेशा तैयार रहती हैं।"


रोज मिल रही हैं खुफिया एजेंसियां
तीन साल पहले जब चीन ने डोकलाम में धौंस दिखाई थी, तब जनरल रावत सेना प्रमुख थे। उन्‍होंने खुफिया एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी की बात को सिरे से खारिज किया है। जनरल रावत ने कहा कि भारत की इतनी लंबी सीमा है कि उसकी लगातार निगरानी करने की जरूरत पड़ती है। उन्‍होंने कहा कि मल्‍टी-एजेंसी सेंटर की रोज मीटिंग हो रही है। एक-दूसरे को लद्दाख व अन्‍य जगहों की जानकारी दी जा रही है।

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बातचीत जारी, तनाव नहीं हो रहा कम
कई दौर की बातचीत के बावजूद, पूर्वी लद्दाख में तनाव कम नहीं हो रहा है। भारतीय सेना का साफ स्‍टैंड है कि चीन को अप्रैल से पहले वाली स्थिति बहाल करनी चाहिए। सैन्‍य स्‍तर पर बातचीत के अलावा विदेश मंत्रालय और दोनों देशों के वर्किंग मकैनिज्म फॉर कंसल्टेशन ऐंड को-ऑर्डिनेशन ने भी चर्चा की है। दोनों पक्ष कंपलीट डिसइंगेजमेंट की दिशा में आगे बढ़ने पर बार-बार सहमत हुए हैं लेकिन धरातल पर असर नहीं हुआ।


बॉर्डर पर आर्मी हाई अलर्ट परसेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी कह चुके हैं कि आर्मी हाई अलर्ट पर है। फारवर्ड पोस्‍ट्स के लिए कई हथियार, गोला बारूद और विंटर गियर खरीद रही है। LAC के साथ ऊंचाई वाले कुछ क्षेत्रों में तापमान सर्दियों के महीनों में शून्य से 25 डिग्री सेल्सियस कम हो जाता है। 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़पों के बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव कई गुना बढ़ गया था।

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