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मसूद अजहर को बैन करने के प्रस्ताव को ब्लॉक करने पर चीन के खिलाफ भारत ने दर्ज कराया विरोध

भारत ने मसूद अजहर को बैन करने के प्रस्ताव पर अड़ंगा लगाने के लिए चीन के खिलाफ विरोध दर्ज कराया है। जैश-ए-मोहम्मद सरगना और पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड मसूद के मामले में भारत ने चीन के खिलाफ 'डेमार्श' जारी किया है।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 9 Feb 2017, 9:36 pm
इंद्राणी बाग्ची, नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम india formally protests to china for blocking ban on masood azhar
मसूद अजहर को बैन करने के प्रस्ताव को ब्लॉक करने पर चीन के खिलाफ भारत ने दर्ज कराया विरोध

भारत ने मसूद अजहर को बैन करने के प्रस्ताव पर अड़ंगा लगाने के लिए चीन के खिलाफ विरोध दर्ज कराया है। जैश-ए-मोहम्मद सरगना और पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड मसूद के मामले में भारत ने चीन के खिलाफ 'डेमार्श' जारी किया है। 'डेमार्श' एक कूटनीतिक कदम है जिसे विरोध दर्ज कराने के लिए जारी किया जाता है।

गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने भारत के तरफ से दर्ज कराए गए विरोध की पुष्टि भी की है। विदेश मंत्रालय ने बताया है कि दिल्ली में चीनी दूतावास और पेइचिंग में विदेश विभाग को डेमार्श सौंप दिया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा है कि यह प्रस्ताव भारत ने पेश नहीं किया है बल्कि UNSC के 3 स्थाई सदस्यों अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की तरफ से आया है। अमेरिका ने पिछले दिनों ही फ्रांस और ब्रिटेन के समर्थन से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर पर बैन का प्रस्ताव किया था।

Proposal wasn't moved by India bt by 3UNSC members US, UK&France;It was classic counter-terror proposal meant to proscribe Masood Azhar: MEA pic.twitter.com/4mD0ClDcDF — ANI (@ANI_news) February 9, 2017 यूएनएससी 1267 कमिटी के सामने पेश किए गए इस प्रस्ताव को चीन ने एक बार फिर ब्लॉक कर दिया है। अमेरिका की तरफ से 19 जनवरी को लाए गए इस प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों में से 14 ने सहमति जताई थी। अकेले चीन ही इस प्रस्ताव का विरोध कर रहा है।

बीते दिसंबर में चीन ने भारत के इस प्रस्ताव को स्थाई रूप से ब्लॉक कर दिया था। अमेरिका द्वारा प्रस्ताव लाने के बाद फिर एक बार मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने की सुगबुगाहट शुरू हुई है। चीन के विदेश मंत्रालय ने दावा किया था कि इस प्रस्ताव पर आम सहमति नहीं है।

इसका जवाब देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवत्ता विकास स्वरूप ने कहा कि 'अगर चीन के पोजिशन में बदलाव आता है तो आम सहमति खुद-ब-खुद बन जाएगी।' विकास स्वरूप ने चीन के उस स्टैंड को भी खारिज किया कि भारत-पाकिस्तान को एक-दूसरे से बातचीत करनी चाहिए।

विकास स्वरूप ने कहा, 'हमारी समझ के मुताबिक आतंकवाद से मुकाबले के लिए एक यह क्लासिक प्रस्ताव था। इसमें खूंखार आतंकवादी नेता मसूद अजहर की बात थी, जिसके संगठन जैश-ए-मोहम्मद को यूएन 1267 कमिटी पहले ही बैन कर चुकी है।'

विकास स्वरूप ने आगे कहा, 'हमें इसे भारत और पाकिस्तान के बीच के द्विपक्षीय मसले के रूप में नहीं देखते। यह वैश्विक आतंकवाद से जुड़ा मामला है। हमें उम्मीद है कि चीन भी अंत में इस समझ को स्वीकार कर लेगा।' इस बीच भारत ने मॉस्को में होने वाली कॉन्फ्रेंस के लिए गोपाल बागले को भेजने का निर्णय लिया है।

गोपाल बागले विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान-अफगानिस्तान-ईरान डेस्क के इंचार्ज है। अफगानिस्तान पर आधारित इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन रूस करा रहा है।

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