रजत पंडित, नई दिल्ली
इंडियन नेवी में तीस सालों तक सेवा देने वाले देश के सबसे पुराने जंगी बेड़े आईएनएस विराट पर कबाड़ में बिक जाने का खतरा मंडरा रहा है। 58 साल पुराने इस बेड़े के रिटायरमेंट की तारीख 6 मार्च है। हालांकि, अभी तक इसे म्यूजियम में तब्दील करने के प्रस्ताव पर मामला आगे नहीं बढ़ा है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने सोमवार को बताया कि 27800 टन वजनी इस एयरक्राफ्ट करियर को मजबूरन कबाड़ में बेचना पड़ सकता है।
बता दें कि इसे इंडियन नेवी में 1987 में शामिल किया गया था। इससे पहले, रॉयल ब्रिटिश नेवी में इसने 27 साल सेवाएं दीं। कबाड़ में बेचे जाने की एक वजह आंध्र प्रदेश सरकार और केंद्र के बीच इस बात का विवाद है कि इसे म्यूजियम में तब्दील करने का पैसा कौन देगा। एक सूत्र ने बताया, '13 मंजिले ऊंचे आईएनएस विराट को प्रस्तावित म्यूजियम में तब्दील करने में करीब 1 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। आंध्र प्रदेश सरकार इस बेड़े को लेने की तो इच्छुक है, लेकिन वह चाहती है कि रक्षा मंत्रालय आधा खर्च दे।' वहीं, मंत्रालय का कहना है कि वह तकनीकी मदद और सुझाव तो दे सकता है, लेकिन फंड नहीं। बता दें कि यह बेड़ा फिलहाल मुंबई में है।
नेवी 5 लाख नॉटिकल मील (करीब 9 लाख 30 हजार किमी) का सफर कर चुके आईएनएस विराट के समृद्धशाली इतिहास को संजो कर रखने के मूड में है। वह नहीं चाहती कि इस हश्र वही हो जो भारत के पहले एयरक्राफ्ट करियर आईएनएस विक्रांत के साथ हुआ था। नेवी फिलहाल आईएनएस विराट के डेक से ऑपरेट होने वाले 11 सी हैरिअर जंप जेट्स को देश भर में स्थित विभिन्न रक्षा प्रतिष्ठानों में बतौर प्रतीक स्थापित करने की तैयारी कर रही है। जंप जेट्स वे फाइटर जेट्स होते हैं, जो बिना रनवे के वर्टिकल टेकऑफ या छोटे रनवे पर टेकऑफ में सक्षम होते हैं।
अंग्रेजी में यह रिपोर्ट नीचे क्लिक करके पढ़ें
India’s oldest warship may be sold for scrap
इंडियन नेवी में तीस सालों तक सेवा देने वाले देश के सबसे पुराने जंगी बेड़े आईएनएस विराट पर कबाड़ में बिक जाने का खतरा मंडरा रहा है। 58 साल पुराने इस बेड़े के रिटायरमेंट की तारीख 6 मार्च है। हालांकि, अभी तक इसे म्यूजियम में तब्दील करने के प्रस्ताव पर मामला आगे नहीं बढ़ा है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने सोमवार को बताया कि 27800 टन वजनी इस एयरक्राफ्ट करियर को मजबूरन कबाड़ में बेचना पड़ सकता है।
बता दें कि इसे इंडियन नेवी में 1987 में शामिल किया गया था। इससे पहले, रॉयल ब्रिटिश नेवी में इसने 27 साल सेवाएं दीं। कबाड़ में बेचे जाने की एक वजह आंध्र प्रदेश सरकार और केंद्र के बीच इस बात का विवाद है कि इसे म्यूजियम में तब्दील करने का पैसा कौन देगा। एक सूत्र ने बताया, '13 मंजिले ऊंचे आईएनएस विराट को प्रस्तावित म्यूजियम में तब्दील करने में करीब 1 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। आंध्र प्रदेश सरकार इस बेड़े को लेने की तो इच्छुक है, लेकिन वह चाहती है कि रक्षा मंत्रालय आधा खर्च दे।' वहीं, मंत्रालय का कहना है कि वह तकनीकी मदद और सुझाव तो दे सकता है, लेकिन फंड नहीं। बता दें कि यह बेड़ा फिलहाल मुंबई में है।
नेवी 5 लाख नॉटिकल मील (करीब 9 लाख 30 हजार किमी) का सफर कर चुके आईएनएस विराट के समृद्धशाली इतिहास को संजो कर रखने के मूड में है। वह नहीं चाहती कि इस हश्र वही हो जो भारत के पहले एयरक्राफ्ट करियर आईएनएस विक्रांत के साथ हुआ था। नेवी फिलहाल आईएनएस विराट के डेक से ऑपरेट होने वाले 11 सी हैरिअर जंप जेट्स को देश भर में स्थित विभिन्न रक्षा प्रतिष्ठानों में बतौर प्रतीक स्थापित करने की तैयारी कर रही है। जंप जेट्स वे फाइटर जेट्स होते हैं, जो बिना रनवे के वर्टिकल टेकऑफ या छोटे रनवे पर टेकऑफ में सक्षम होते हैं।
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India’s oldest warship may be sold for scrap