अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day) वैसे तो हर साल मनाया जाता है। लेकिन इसबार यह ज्यादा खास है। जब दुनिया को कोरोना वायरस ने घेरा हुआ है तो हमें नर्सों और मेडिकल स्टाफ के लोगों की अहमियत पता लग रही है। यह दिन दुनिया में नर्सिंग की संस्थापक की फ्लोरेंस नाइटिंगेल (florence nightingale) की याद में मनाया जाना शुरू हुआ था। कोरोना काल में दुनियाभर की नर्सें लगातार बिना आराम के मरीजों की सेवा में जुटी हैं। फर्ज के आगे ये लोग अपने परिवार से अलग रहने को मजबूर हैं। अपनी जान की परवाह तो जैसे इन्होंने करनी ही छोड़ दी है।
International Nurses Day: न होते ये देवदूत, तो कोरोना में न जाने क्या हो जाता
12 मई को दुनिया हर साल अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day) के रूप में मनाती है। लेकिन कोरोना वायरस के इस दौर में लोगों ने नर्सों की अहमियत को अच्छे से समझ भी लिया है। कोरोना के मरीजों ने जान लिया है कि मेडिकल स्टाफ और डॉक्टर उनके लिए कितना जरूरी है। किस तरह दिन-रात ये लोग अपनी जान को दांव पर लगाकर उनकी सेवा में लगे रहते हैं।
नवभारतटाइम्स.कॉम 12 May 2020, 1:57 pm