नई दिल्ली
कांग्रेस पार्टी में कन्हैया कुमार मंगलवार शामिल हो गए। कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी में शामिल होने के बाद कन्हैया कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि आज शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती है। शहीदी पार्क में हम गए थे उन्हें श्रद्धांजलि देने। युवाओं के आइकन भगत सिंह को प्रणाम करता हूं। सूचना क्रांति के दौर में हमसे ज्यादा मालूम हमारे पत्रकार साथियों को होता है। बेहतर यह होगा कि आप सवाल करें। आप सवाल कहां से पूछेंगे, आपके मन में क्या सवाल है, इसका अंदेशा है मुझे।
कन्हैया कुमार ने कहा कि हम देश की सबसे पुरानी पार्टी, सबसे लोकतांत्रिक पार्टी में इसलिए शामिल हो रहे हैं क्योंकि इस देश के लाखों-करोड़ों लोगों को लगने लगा है कि कांग्रेस नहीं बची तो देश नहीं बचेगा। कांग्रेस पार्टी वो पार्टी है जो गांधी की विरासत को आगे ले जाएगी, जो सरोजिनी नायडू, आंबेडकर, नेहरू, अशफाक उल्लाह खान, भगत सिंह और मौलाना आजाद के रास्तों पर चलेगी। हम जब भी हम समानता और बराबरी की बात करते हैं- यह कुछ व्यक्तियों तक सीमित नहीं है, ये भारतीय होने का इतिहास है और इस भारतीय होने के इतिहास को अगर कोई अपने आप में कोई समेटे हुए है तो वह देश की सबसे पुरानी पार्टी है।
कन्हैया कुमार ने कहा कि जो लोग कह रहे हैं- विपक्ष कमजोर हो गया है। यह सिर्फ विपक्ष की चिंता की बात नहीं है। यह मैं नहीं कह रहा हूं- कोई शास्त्र, कोई किताब उठाकर देख लीजिए, जब विपक्ष कमजोर हो जाता है तो सत्ता तानाशाही रुख अख्तियार कर लेती है। मुझे यह बात सीधे तौर पर कर रहा हूं कि लोकसभा में 545 में से 200 लगभग ऐसी सीटें हैं जहां बीजेपी के सामने कांग्रेस के अलावा कोई विकल्प नहीं है। अगर सबसे बड़ी पार्टी को नहीं बचाया गया, अगर बड़े जहाज को नहीं बचाया गया तो छोटी-छोटी कश्तियां भी नहीं बचेंगी।
जिस पार्टी में मैं पला-बढ़ा, उसका आभार प्रकट करता हूं। उसने मुझे सिखाया, पढ़ाया, लड़ने का जज्बा दिया। देश में जो वैचारिक संघर्ष छिड़ा है, उसे कांग्रेस पार्टी ही नेतृत्व दे सकती है। युवाओं से कहना चाहता हूं कि दीवार पर बैठकर टुकुर-टुकुर ताकने का वक्त नहीं है। कांग्रेस पार्टी एक बड़ा जहाज है, अगर कांग्रेस पार्टी बचेगी तो लाखों-करोड़ों युवाओं का आकांक्षाएं बचेंगी, भगत सिंह का भारत बचेगा। इसी आशा और उम्मीद के साथ इस पार्टी से जुड़ा हूं।
कांग्रेस पार्टी में कन्हैया कुमार मंगलवार शामिल हो गए। कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी में शामिल होने के बाद कन्हैया कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि आज शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती है। शहीदी पार्क में हम गए थे उन्हें श्रद्धांजलि देने। युवाओं के आइकन भगत सिंह को प्रणाम करता हूं। सूचना क्रांति के दौर में हमसे ज्यादा मालूम हमारे पत्रकार साथियों को होता है। बेहतर यह होगा कि आप सवाल करें। आप सवाल कहां से पूछेंगे, आपके मन में क्या सवाल है, इसका अंदेशा है मुझे।
कन्हैया कुमार ने कहा कि हम देश की सबसे पुरानी पार्टी, सबसे लोकतांत्रिक पार्टी में इसलिए शामिल हो रहे हैं क्योंकि इस देश के लाखों-करोड़ों लोगों को लगने लगा है कि कांग्रेस नहीं बची तो देश नहीं बचेगा। कांग्रेस पार्टी वो पार्टी है जो गांधी की विरासत को आगे ले जाएगी, जो सरोजिनी नायडू, आंबेडकर, नेहरू, अशफाक उल्लाह खान, भगत सिंह और मौलाना आजाद के रास्तों पर चलेगी। हम जब भी हम समानता और बराबरी की बात करते हैं- यह कुछ व्यक्तियों तक सीमित नहीं है, ये भारतीय होने का इतिहास है और इस भारतीय होने के इतिहास को अगर कोई अपने आप में कोई समेटे हुए है तो वह देश की सबसे पुरानी पार्टी है।
कन्हैया कुमार ने कहा कि जो लोग कह रहे हैं- विपक्ष कमजोर हो गया है। यह सिर्फ विपक्ष की चिंता की बात नहीं है। यह मैं नहीं कह रहा हूं- कोई शास्त्र, कोई किताब उठाकर देख लीजिए, जब विपक्ष कमजोर हो जाता है तो सत्ता तानाशाही रुख अख्तियार कर लेती है। मुझे यह बात सीधे तौर पर कर रहा हूं कि लोकसभा में 545 में से 200 लगभग ऐसी सीटें हैं जहां बीजेपी के सामने कांग्रेस के अलावा कोई विकल्प नहीं है। अगर सबसे बड़ी पार्टी को नहीं बचाया गया, अगर बड़े जहाज को नहीं बचाया गया तो छोटी-छोटी कश्तियां भी नहीं बचेंगी।
जिस पार्टी में मैं पला-बढ़ा, उसका आभार प्रकट करता हूं। उसने मुझे सिखाया, पढ़ाया, लड़ने का जज्बा दिया। देश में जो वैचारिक संघर्ष छिड़ा है, उसे कांग्रेस पार्टी ही नेतृत्व दे सकती है। युवाओं से कहना चाहता हूं कि दीवार पर बैठकर टुकुर-टुकुर ताकने का वक्त नहीं है। कांग्रेस पार्टी एक बड़ा जहाज है, अगर कांग्रेस पार्टी बचेगी तो लाखों-करोड़ों युवाओं का आकांक्षाएं बचेंगी, भगत सिंह का भारत बचेगा। इसी आशा और उम्मीद के साथ इस पार्टी से जुड़ा हूं।