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Farmers Protest Update: सात दिन में 4 किसानों की मौत, फिर भी प्रदर्शन जारी, कहा- हम लंबे संघर्ष के लिए तैयार

Kisan Andolan Update: सिंघू बॉर्डर पर जुटे प्रदर्शनकारी किसानों (Farmers Protest News) ने कहा कि हम तब तक यहां रहेंगे जबतक हमारी मांगें केंद्र सरकार स्वीकार नहीं कर लेती। महीनों तक यहां टिके रहने के लिए हमारे पास पर्याप्त राशन है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 3 Dec 2020, 7:08 am
नई दिल्ली
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कृषि कानून (Farm Laws) के विरोध में धरना प्रदर्शन (Kisan Andolan) में जुटे किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। अपने घरों से दूर, सर्दियों से बेपरवाह दिल्ली के बॉर्डर पर डटे किसानों का कहना है कि वे लंबे संघर्ष के लिए तैयार हैं। जब तक उनकी मांगें मान नहीं ली जातीं तब तक वे हटेंगे नहीं। इस बीच बुधवार देर शाम एक और किसान गुरजंत सिंह की मौत हो गई। उनकी उम्र 60 साल थी। बहादुरगढ़ बॉर्डर उनकी मौत हो गई। इससे पहले दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान गुरुभाष सिंह की मौत हुई थी। वहीं पिछले सात दिनों में चार किसानों की मौत हो चुकी है। बावजूद इसके किसानों का आंदोलन लगातार जारी है।

पीछे हटने को तैयार नहीं किसान
सिंघू बॉर्डर पर जुटे प्रदर्शनकारी किसान सोनू कुमार ने कहा कि हम यहां मंगलवार को आये और हम तब तक यहां रहेंगे जबतक हमारी मांगें केंद्र सरकार स्वीकार नहीं कर लेती। महीनों तक यहां टिके रहने के लिए हमारे पास पर्याप्त राशन है। उन्होंने कहा कि हर आदमी अपना खाना खुद ही बना रहा है और दूसरों को बांट रहा है। हम पंजाबी हैं और हमें पता है कि मुश्किल घड़ी में कैसे खुश रहना है। हमें स्थानीय लोगों से भी मदद मिल रही है। वे हमें पानी और अन्य जरूरी चीजें दे रहे हैं।

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प्रदर्शनकारी किसानों ने बताया कैसे मिलता है खाना-पीना
पंजाब और हरियाणा से पहुंचे ये किसान पेट्रोल पंपों पर स्नान के साथ दिन की शुरुआत करते हैं। वे वहीं अपने कपड़े भी धोते हैं । बदले में वे पेट्रोल पंपों पर साफ-सफाई कर देते हैं। फिर वे सड़कों के किनारे खाना पकाते हैं। प्रदर्शन पर पहुंचने वाले किसी भी व्यक्ति को पूरा खाना दिया जाता है जिसमें दाल, चावल, पराठा और खीर आदि जैसे व्यंजन शामिल होते हैं। चाय की सतत आपूर्ति प्रदर्शनकारियों को ठंड का मुकाबला करने में मदद करती है। शाम के वक्त वे अपना जोश बनाये रखने के लिए समूह में जमा होते, गाने गाते हैं और ड्रम बजाते हैं। प्रदर्शनकारी हर सुबह लंगर की तैयारी शुरू करते हैं और दिनभर खाना वितरित किया जाता है।


ठंड की वजह से कुछ किसानों को बुखार की शिकायत
एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, 'दाल, परांठे, चावल और खीर समेत अलग अलग व्यंजन बनाये जा रहे हैं। लोगों को चाय दी जा रही है।' सिंघू बॉर्डर पर खुले आसमान या ट्रैक्टरों के नीचे सो रहे इन प्रदर्शनकारियों के लिए मेडिकल कैंप भी लगाये गए हैं। डॉ. विमल शर्मा ने कहा, 'चूंकि वे बहुत चलकर आ रहे हैं, इसलिए उनके पैरों में घाव है। कई को गैस्ट्रिक है। जोड़ों में दर्द तो आम है। ट्रैक्टरों के बाहर सो रहे लोग बुखार या ठंड की शिकायत कर रहे हैं।'


चंडीगढ़ के डॉ. सुखविंदर सिंह बरार ने कहा, 'प्रदर्शनकारियों की अलग अलग परेशानियां हैं। ज्यादातर को अधिक उम्र के चलते जोड़ों में दर्द है।' बुधवार को दिल्ली में प्रदर्शनकारियों की संख्या और बढ़ गई। हजारों प्रदर्शनकारियों की ओर से सातवें दिन भी राष्ट्रीय राजधानी की सीमाएं अवरूद्ध करने के बाद पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है। यात्रियों को बहुत मुश्किलें हो रही हैं।

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