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जानें, कैसे अपनी यात्रा पूरी करेगा चंद्रयान-2, 'बाहुबली' के जरिए होगी लॉन्चिंग

इसरो ने चंद्रयान मिशन-2 की लॉन्चिंग की तारीख का ऐलान कर दिया है। 15 जुलाई को यह मिशन रवाना होगा। इस मिशन की सफलता के साथ ही भारत चांद पर पहुंचने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। जानें, कैसे पूरा होगा 978 करोड़ रुपये की लागत वाला चंद्रयान मिशन-2...

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 13 Jun 2019, 12:58 pm
बेंगलुरु
इसरो ने चंद्रयान मिशन-2 की लॉन्चिंग की तारीख का ऐलान कर दिया है। 15 जुलाई को यह मिशन रवाना होगा। इस मिशन की सफलता के साथ ही भारत चांद पर पहुंचने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। जानें, कैसे पूरा होगा 978 करोड़ रुपये की लागत वाला चंद्रयान मिशन-2...

- जीएसएलवी Mk III चंद्रयान-2 को लेकर रवाना होगा। इसका वजन 3.8 टन है। इसे श्रीहरिकोटा से 15 जुलाई को लॉन्च किया जाएगा। इस बार चंद्रयान के साथ एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर भी होगा।

- एक बार जब जीएसएलवी जियो ट्रांसफर ऑर्बिट में पहुंच जाएगा, तब यह चंद्रयान को 170 km×20,000km में स्थापित करेगा। इसके बाद चंद्रयान चंद्रमा की कक्षा की ओर बढ़ेगा।

- करीब 20 से 21 दिन में 3,84,000 किलोमीटर की यात्रा के बाद चंद्रयान चंद्रमा की कक्षा में पहुंचेगा।

- चंद्रमा की कक्षा में यान के पहुंचने के बाद विक्रम नाम का लैंडर कक्षा से अलग हो जाएगा। हालांकि ऑर्बिटर चांद की सतह से 100 किलोमीटर की दूरी पर चक्कर लगाता रहेगा।

- 6 सितंबर को विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करेगा। विक्रम के साथ नासा का पेलोड धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी मापेगा। इसके अलावा लैंडर की सटीक लोकेशन भी पता चल सकेगी।

- 8 पेलोड्स की मदद से ऑर्बिटर चंद्रमा की थ्री डी मैपिंग करेगा। इसके अलावा सोलर एक्स-रे का भी विश्लेषण किया जाएगा। चंद्रमा की बाहरी सतह के अध्ययन के साथ ही अन्य चीजों का भी पता लगाया जाएगा।

'बाहुबली' जीएसएलवी III से होगी लॉन्चिंगचंद्रयान को लेकर जीएसएलवी Mk III रवाना होगा। इसे वीकल को बाहुबली भी कहा जा रहा है। इसकी वजह यह है कि यह 4 टन का भार लेकर रवाना हो सकता है।

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