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2024 के लिए क्या है देश का सियासी मूड, जानें पीएम मोदी को कितना टक्कर दे पाएगा विपक्ष

लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी और समूचा विपक्ष अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। नीतीश कुमार जहां विपक्ष को एकजुट करने में जुटे हैं। वहीं, बीजेपी भी मिशन 400 के लिए फुलप्रूफ प्लान बना चुकी है। कहा जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक एक-एक सीट के लिए बीजेपी का प्लान तैयार है।

Edited byएनबीटी डेस्क | नवभारतटाइम्स.कॉम 10 Sep 2022, 7:08 pm
नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव में अभी 18 महीने का वक्त बचा है लेकिन देश में बीजेपी के साथ ही विपक्ष भी तैयारियों में जुट गए हैं। क्या विपक्ष के पास पीएम मोदी की टक्कर का नेता है। इसको लेकर एबीपी न्यूज ने देश के सियासी मूड को लेकर सर्वे किया। पहले देश का सियासी मूड को लेकर सर्वे में सवाल पूछा गया कि क्या नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट करने में कामयाब होंगे। इस सवाल के जवाब में 56 प्रतिशत लोगों ने नहीं कहा। वहीं, बीजेपी इसे सत्ता की भूख बता रही है। दूसरी तरफ, लोगों का मानना है कि नीतीश कुमार के विपक्षी दल का नेता बनने पर बीजेपी को फायदा होगा। सर्वे में 53 प्रतिशत लोगों ने कहा कि नीतीश कुमार के पीएम पद का उम्मीदवार बनने से बीजेपी को फायदा होगा। एबीपी और सी वोटर के सर्वे में 6022 लोगों से बात की गई। रिपोर्ट के अनुसार सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 से प्लस माइनस 5 फीसदी बताया गया।
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क्या भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस को फायदा होगा?
सर्वे में सवाल पूछा गया कि क्या कांग्रेस को भारत जोड़ो यात्रा से फायदा होगा। इस सवाल के जवाब में 50 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इससे कांग्रेस को फायदा होगा। वहीं, दूसरी तरफ 50 फीसदी लोगों ने कहा कि इससे फायदा नहीं होगा। वहीं, कांग्रेस पार्टी का यदि बाहर से कोई अध्यक्ष बनेगा तो इसका फायदा होगा? इस सवाल के जवाब में 64 प्रतिशत लोगों ने कहा कि यदि गांधी परिवार से बाहर कांग्रेस अध्यक्ष होगा तो इससे पार्टी का फायदा होगा।

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2024 में मोदी के लिए चुनौती बनेंगे केजरीवाल?
सर्वे में जब लोगों से पूछा गया कि क्या अरविंद केजरीवाल पीएम मोदी के लिए चुनौती बनेंगे। इस सवाल के जवाब में 67 फीसदी लोगों ने कहा कि हां, केजरीवाल पीएम मोदी के लिए चुनौती बनेंगे। जबकि 23 फीसदी लोगों ने कहा कि पीएम मोदी के लिए केजरीवाल चुनौती नहीं बनेंगे। इस को लेकर पॉलिटिकल एक्सपर्ट का भी मानना है कि अरविंद केजरीवाल का जो तौर तरीका है, वो बिल्कुल पीएम मोदी जैसा है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि अरविंद केजरीवाल भी बीजेपी ट्रोल आर्मी की तरह हवा बनाने में कामयाब रहते हैं।
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यूपी में मदरसो का सर्वे सही या गलत?
यूपी में मदरसों का सर्वे को लेकर भी सवाल किया गया। क्या यूपी में मदरसों का सर्वे होना चाहिए? इस सवाल के जवाब में 69 फीसदी लोगों ने कहा कि हां, सर्वे होना चाहिए। 31 फीसदी लोगों ने कहा कि मदरसों का सर्वे नहीं होना चाहिए। वहीं, यूपी में मदरसों के सर्वे को लेकर कांग्रेस ने कहा कि सर्वे होना चाहिए लेकिन इसके पीछे नीयत क्या है, यह जरूरी है। कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि सरकार को नेकनीयती से काम करना चाहिए।

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मदरसों के सर्वे से बीजेपी को फायदा होगा?
क्या यूपी की तरह देशभर में मदरसों का सर्वे होने चाहिए? इस सवाल के जवाब में 75 प्रतिशत लोगों ने कहा कि हां, देश में यूपी की तर्ज पर मदरसों का सर्वे होना चाहिए। वहीं, 25 प्रतिशत लोग इसके खिलाफ थे। क्या मदरसों के सर्वे से बीजेपी को फायदा होगा। इस सवाल के जवाब में 60 प्रतिशत लोगों ने कहा कि हां, इससे बीजेपी को फायदा होगा। इससे साफ साबित होता है कि मदरसों के सर्वे का सीधा-सीधा राजनीतिक रूप से फायदा उठाने की विपक्ष की बात सही साबित हो रही है।

जाति धर्म के मुद्दों पर भारी पड़ेगा मोदी फैक्टर
क्या लोकसभा चुनाव में जाति धर्म के मुद्दों पर मोदी फैक्टर भारी पड़ेगा। इस सवाल को के जवाब में 60 फीसदी लोगों ने पीएम मोदी के पक्ष में जवाब दिया। 60 फीसदी लोगों ने कहा कि हां पीएम मोदी का फैक्टर जाति-धर्म के मुद्दों पर भारी पड़ेगा।
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एनबीटी डेस्क
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