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संसद भवन से कुछ दिनों के लिए हटाए जाएंगे 'गांधी'

नए संसद भवन के निर्माण के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ध्यान मुद्रा वाली प्रतिमा को कुछ दिनों के लिए हटाया जाएगा। नए संसद भवन के निर्माण के बाद इसे एक प्रमुख स्थान दिया जाएगा। संसद भवन के गेट नंबर एक के सामने स्थापित बापू की इस मूर्ति के आगे बैठकर ही सांसदों द्वारा सत्याग्रह के अंदाज में अपना विरोध जताने की परंपरा रही है।

एजेंसियां 25 Nov 2020, 11:34 am

हाइलाइट्स

  • संसद भवन के निर्माण के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ध्यान मुद्रा वाली प्रतिमा को कुछ दिनों के लिए हटाए जाने की तैयारी है
  • गांधी की 16 फीट ऊंची प्रतिमा आगंतुकों को संसद भवन तक ले जाती है
  • सांसदों के जमावड़े, विरोध प्रदर्शन और प्रेस वार्ता का स्थल है
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नवभारतटाइम्स.कॉम संसद भवन में महात्मा गांधी की प्रतिमा (फाइल फोटो)
संसद भवन में महात्मा गांधी की प्रतिमा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली
संसद भवन के बाहर स्थित महात्मा गांधी की ध्यान में केन्द्रित प्रतिमा को उसकी जगह से अस्थायी तौर पर हटाया जाएगा। सरकार के अधिकारियों के मुताबिक नए संसद भवन के निर्माण के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ध्यान मुद्रा वाली प्रतिमा को कुछ दिनों के लिए हटाए जाने की तैयारी है। नए संसद भवन के निर्माण के बाद इसे एक प्रमुख स्थान दिया जाएगा। बता दें कि संसद भवन के गेट नंबर एक के सामने स्थापित बापू की इस मूर्ति के आगे बैठकर ही सांसदों द्वारा सत्याग्रह के अंदाज में अपना विरोध जताने की परंपरा रही है।
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के अधिकारियों के अनुसार, मौजूदा धरोहर ढांचे से सटे नए संसद भवन का निर्माण दिसंबर में शुरू होने वाला है। अधिकारियों ने कहा कि काम शुरू होने से पहले गांधी प्रतिमा को संसद भवन के गेट नंबर-1 के सामने अपने मौजूदा स्थान से हटाना होगा।

16 फीट की है प्रतिमा
एक अधिकारी के मुताबिक 22 महीने के निर्माण के दौरान संसद के नए भवन को साउंड-प्रूफ किया जाएगा। वहीं प्रतिमा नए 'विधायी एन्क्लेव' में प्रतिमा का अंतिम स्थान तय किया गया था। वहीं प्रतिमा को स्थानांतरित करने का निर्णय अस्थायी रूप से लोकसभा अध्यक्ष द्वारा लिया जाएगा और प्रतिमा को स्थानांतरित करने के बाद ही इसका निर्माण शुरू होगा। गांधी की 16 फीट ऊंची प्रतिमा आगंतुकों को संसद भवन तक ले जाती है और सांसदों के जमावड़े, विरोध प्रदर्शन और प्रेस वार्ता का स्थल है।

तेजी चल रहा नए संसद भवन का निर्माण
राजपथ पर सत्ता के गलियारे को नया रूप देने को तैयार की गई सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत मौजूदा संसद भवन के बराबर में निर्मित होने वाले नए संसद भवन का निर्माण कार्य 21 महीने में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। नए संसद भवन के निर्माण के लिए सितंबर में टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने 861.90 करोड़ रुपये की बोली लगाकर टेंडर हासिल किया था।

बापू की आश्रय में धरना देने की परंपरा
निर्माण कार्य के लिए विस्थापित होने वाली पांच प्रतिमाओं में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ध्यान मुद्रा वाली प्रतिमा भी शामिल है। करीब 16 फुट ऊंची इस प्रतिमा को परिसर के अघोषित धरना स्थल का दर्जा हासिल है। संसद भवन के गेट नंबर एक के सामने स्थापित बापू की इस मूर्ति के आगे बैठकर ही सांसदों द्वारा सत्याग्रह के अंदाज में अपना विरोध जताने की परंपरा रही है।

27 साल पहले हुआ था अनावरण
इस मूर्ति का निर्माण विख्यात शिल्पकार रामसुतार ने किया था। राज्यसभा की वेबसाइट के मुताबिक, शहरी विकास मंत्रालय की तरफ से संसद भवन को तोहफे में दी गई इस मूर्ति का अनावरण 2 अक्टूबर, 1993 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने किया था। इस मूर्ति के विस्थापित होने पर यहां धरना देने की अघोषित परंपरा भी खत्म हो जाएगी।

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