नई दिल्ली
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर देते हुए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज उच्च शैक्षणिक संस्थानों से कहा कि छात्रों को स्थानीय सामाजिक-आर्थिक जरूरतों के प्रति ज्यादा संवेदनशील बनाया जाए। उन्होंने कहा, 'उच्च शैक्षणिक संस्थानों के लिए आधुनिक और प्रासंगिक बनना ही पर्याप्त नहीं है। उनका इस तरह से डिजाइन किया जाना चाहिए कि वे समाज की सेवा कर सकें और समाज पर उनका प्रभाव हो।'
राष्ट्रपति ने कहा कि छात्रों के शोध की क्षमता का इस्तेमाल इस उद्देश्य से होना चाहिए कि देश में जो वास्तविक समस्याएं हैं उनका समाधान हो सके। उन्होंने कहा, 'उच्च शैक्षणिक संस्थान को सामुदायिक संपत्ति बनने का प्रयास करना चाहिए।'
वह यहां राष्ट्रपति भवन में बीएमएल मुंजाल यूनिवर्सिटी को देश की सेवा में समर्पित करते हुए बोल रहे थे। विश्वविद्यालय की स्थापना देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों में शुमार बृजमोहन लाल मुंजाल के जीवन और सिद्धांतों को समझने के उद्देश्य से किया गया है।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर देते हुए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज उच्च शैक्षणिक संस्थानों से कहा कि छात्रों को स्थानीय सामाजिक-आर्थिक जरूरतों के प्रति ज्यादा संवेदनशील बनाया जाए। उन्होंने कहा, 'उच्च शैक्षणिक संस्थानों के लिए आधुनिक और प्रासंगिक बनना ही पर्याप्त नहीं है। उनका इस तरह से डिजाइन किया जाना चाहिए कि वे समाज की सेवा कर सकें और समाज पर उनका प्रभाव हो।'
राष्ट्रपति ने कहा कि छात्रों के शोध की क्षमता का इस्तेमाल इस उद्देश्य से होना चाहिए कि देश में जो वास्तविक समस्याएं हैं उनका समाधान हो सके। उन्होंने कहा, 'उच्च शैक्षणिक संस्थान को सामुदायिक संपत्ति बनने का प्रयास करना चाहिए।'
वह यहां राष्ट्रपति भवन में बीएमएल मुंजाल यूनिवर्सिटी को देश की सेवा में समर्पित करते हुए बोल रहे थे। विश्वविद्यालय की स्थापना देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों में शुमार बृजमोहन लाल मुंजाल के जीवन और सिद्धांतों को समझने के उद्देश्य से किया गया है।