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भारत-मालदीव में तनाव बरकरार, चुनाव से पहले हेलिकॉप्टर्स रखने-हटाने पर सहमति नहीं

बीते दिनों थोड़ी राहत मिलने के बाद एक बार फिर भारत और मालदीव संबंधों में एक बार फिर तनाव देखने को मिल रहा है। मालदीव ने एक बार फिर कहा है कि भारत की ओर से उपहार में दिए गए सैन्य हेलिकॉप्टरों को हटाने या रखने को लेकर अब तक कोई सहमति नहीं बन पाई है।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 29 Aug 2018, 7:51 am
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

भारत और मलादीव के बीच पिछले कुछ समय से जारी रिश्तों में तल्खी बरकरार है। दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्ते में तनातनी के कारण भारत द्वारा मालदीव को उपहार में दिए गए दो हेलिकॉप्टर को हटाने या रखने पर कोई सहमति नहीं बन पाई है। भारत सितंबर में मालदीव में होने वाले चुनाव के परिणाम तक इंतजार करना चाहता है।

भारत सरकार जहां मालदीव में होने वाले चुनाव तक तो हेलिकॉप्टर्स हटाने पर सहमत नहीं है, वहीं मालदीव की ओर से भी इसपर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। जहां मालदीव में संयुक्त विपक्ष को डर है कि राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन चुनाव में छेड़छाड़ कर सकते हैं वहीं कुछ को अब भी उम्मीद है कि सरकार के खिलाफ लोगों की नाराजगी उनकी हार की वजह बन सकती है।

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भारतीय अधिकारियों की ओर से सैन्य हेलिकॉप्टर्स को हटाने पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। मालदीव के राजनयिक सूत्रों का कहना है कि हेलिकॉप्टर्स हटाने के लिए इस साल 30 जून तक की समय सीमा का पालन किया जाना चाहिए था। यह उस रिपोर्ट से उल्टा है जिसमें कहा गया था कि भारत और मालदीव के बीच हेलिकॉप्टर्स न हटाने को लेकर समझौता हो गया है।

इससे पहले कहा गया था कि मालदीव को उपहार में दिए दो भारतीय सैन्य हेलिकॉप्टरों के चालक दल के 48 सदस्यों तथा सहायक स्टाफ के साथ अभी कुछ महीने और द्वीपीय देश में रुके रहने की संभावना है। राजनयिक और सैन्य सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि इस द्वीपीय देश में हेलिकॉप्टरों की लगातार तैनाती पर बातचीत सकारात्मक रही है।

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पूरा हो चुका है लीज अग्रीमेंट
आपको बता दें कि मालदीव को 2013 में दिए दोनों हेलिकॉप्टरों का लीज अग्रीमेंट पूरा हो चुका है। इनमें से एक हेलिकॉप्टर हिंद महासागर के दक्षिणतम अड्डू द्वीप तथा दूसरा हेलिकॉप्टर सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण लम्मू क्षेत्र में तैनात है। मालदीव में आपातकाल लगाए जाने के बाद दोनों देशों के संबंधों में तल्खी आने के बीच मालदीव सरकार ने संकेत दिया था कि वह इन दोनों हेलिकॉप्टरों और इनके स्टाफ को अपने यहां रखने के पट्टा समझौते का नवीनीकरण नहीं करेगी।

स्वामी के बयान पर हुआ था विवाद
बता दें, बीजेपी सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने मालदीव को लेकर विवादित बयान दिया था, जिससे संबंधों में और तल्खी आई है। हालांकि केंद्र सरकार ने उनके बयान से रविवार को खुद को अलग कर लिया था। स्वामी ने कहा था कि अगर इस देश (मालदीव) के आगामी राष्ट्रपति चुनावों में गड़बड़ी होती है तो भारत को मालदीव पर हमला बोल देना चाहिए।

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