नई दिल्ली
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर अब कमजोर पड़ने लगी है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन जिलों के जिलाधिकारियों (District Magistrates) से बातचीत करने का फैसला किया है जो कोविड-19 महामारी से ज्यादा प्रभावित हैं। उधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नाराजगी की खबर आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, ममता बनर्जी इस बात से खफा हैं कि प्रधानमंत्री सीधे डीएम से क्यों बात कर रहे हैं।
20 मई को मीटिंग का पहला दौर
बहरहाल, देशभर के विभिन्न राज्यों के कोरोना से ज्यादा प्रभावित जिलों को समूहों में बांटा गया है। पीएम मोदी अलग-अलग दिन एक-एक समूह से बात करेंगे। इसकी शुरुआत 20 मई को 10 राज्यों के 54 जिलों के डीएम के साथ बातचीत से होगी। पहले दौर की मीटिंग में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, पुडुचेरी, राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड, ओडिशा, केरल और हरियाणा के जिलाधिकारी शामिल होंगे। जानकारी के मुताबिक, इस मीटिंग में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र के जिलाधिकारी शामिल होंगे। कहा जा रहा है कि पश्चिम बंगाल के 9, उत्तर प्रदेश के 4, राजस्थान के पांच, ओडिशा के 3 जिले जबकि पुडुचेरी के 1 जिले के ताजा हालात पर चर्चा होगी।
बनेगी कोरोना को काबू करने की रणनीति
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस मीटिंग में कोविड मैनेजमेंट के लिए बनी एंपवार्ड कमिटी के सदस्य भी शामिल होंगे जो जिलाधिकारियों से जमीनी हालात का जायजा लेने, महामारी से निपटने में आ रही दिक्कतों को जानने-समझने के बाद अपना सुझाव देंगे। एंपवार्ड कमिटी उन्हें अपने-अपने जिलों में टेस्टिंग, ट्रेकिंग, ट्रीटमेंट के साथ-साथ टीकाकरण अभियान पर जोर देने की रणनीति बताएंगे। कुल मिलाकर, जिलों में जल्दी से कोरोना को नियंत्रित करने की पूरी रूपरेखा तय की जाएगी।
ममता बनर्जी फिर नाराज
सूत्र बताते हैं कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रधानमंत्री की तरफ से की जा रही इस कवायद से खासे नाराज हैं। वो मोदी को चिट्ठी लिखकर अपनी नाराजगी प्रकट कर सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक, ममता बनर्जी यह मानती हैं कि पीएम की सीधे डीएम के साथ मीटिंग करना सीएम को नजरअंदाज करने जैसा है जो देश के संघीय ढांचे का अपमान है।
तीसरी लहर में बच्चों को बचाना है तो मां-बाप को वैक्सीन जरूरी, जानें एक्सपर्ट क्यों कर रहे अलर्ट
पिछली दो बैठकों से नदारद रही थीं ममता, और अब...
हालांकि, हकीकत यह है कि पीएम पहले भी विभिन्न मुद्दों पर देश के विभिन्न राज्यों के डीएम के साथ मीटिंग कर चुके हैं। ऐसे में ममता बनर्जी की नाराजगी रिवायती ज्यादा लग रही है। ध्यान रहे कि ये वही ममता हैं जिन्होंने पीएम मोदी की कोरोना पर मुख्यमंत्रियों के साथ हुई पिछली दो बैठकों में शामिल नहीं हुई थीं। उन्होंने दोनों बैठकों में अपने चीफ सेक्रेटरी को शामिल करवाया था।
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर अब कमजोर पड़ने लगी है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन जिलों के जिलाधिकारियों (District Magistrates) से बातचीत करने का फैसला किया है जो कोविड-19 महामारी से ज्यादा प्रभावित हैं। उधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नाराजगी की खबर आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, ममता बनर्जी इस बात से खफा हैं कि प्रधानमंत्री सीधे डीएम से क्यों बात कर रहे हैं।
20 मई को मीटिंग का पहला दौर
बहरहाल, देशभर के विभिन्न राज्यों के कोरोना से ज्यादा प्रभावित जिलों को समूहों में बांटा गया है। पीएम मोदी अलग-अलग दिन एक-एक समूह से बात करेंगे। इसकी शुरुआत 20 मई को 10 राज्यों के 54 जिलों के डीएम के साथ बातचीत से होगी। पहले दौर की मीटिंग में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, पुडुचेरी, राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड, ओडिशा, केरल और हरियाणा के जिलाधिकारी शामिल होंगे। जानकारी के मुताबिक, इस मीटिंग में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र के जिलाधिकारी शामिल होंगे। कहा जा रहा है कि पश्चिम बंगाल के 9, उत्तर प्रदेश के 4, राजस्थान के पांच, ओडिशा के 3 जिले जबकि पुडुचेरी के 1 जिले के ताजा हालात पर चर्चा होगी।
बनेगी कोरोना को काबू करने की रणनीति
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस मीटिंग में कोविड मैनेजमेंट के लिए बनी एंपवार्ड कमिटी के सदस्य भी शामिल होंगे जो जिलाधिकारियों से जमीनी हालात का जायजा लेने, महामारी से निपटने में आ रही दिक्कतों को जानने-समझने के बाद अपना सुझाव देंगे। एंपवार्ड कमिटी उन्हें अपने-अपने जिलों में टेस्टिंग, ट्रेकिंग, ट्रीटमेंट के साथ-साथ टीकाकरण अभियान पर जोर देने की रणनीति बताएंगे। कुल मिलाकर, जिलों में जल्दी से कोरोना को नियंत्रित करने की पूरी रूपरेखा तय की जाएगी।
ममता बनर्जी फिर नाराज
सूत्र बताते हैं कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रधानमंत्री की तरफ से की जा रही इस कवायद से खासे नाराज हैं। वो मोदी को चिट्ठी लिखकर अपनी नाराजगी प्रकट कर सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक, ममता बनर्जी यह मानती हैं कि पीएम की सीधे डीएम के साथ मीटिंग करना सीएम को नजरअंदाज करने जैसा है जो देश के संघीय ढांचे का अपमान है।
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हालांकि, हकीकत यह है कि पीएम पहले भी विभिन्न मुद्दों पर देश के विभिन्न राज्यों के डीएम के साथ मीटिंग कर चुके हैं। ऐसे में ममता बनर्जी की नाराजगी रिवायती ज्यादा लग रही है। ध्यान रहे कि ये वही ममता हैं जिन्होंने पीएम मोदी की कोरोना पर मुख्यमंत्रियों के साथ हुई पिछली दो बैठकों में शामिल नहीं हुई थीं। उन्होंने दोनों बैठकों में अपने चीफ सेक्रेटरी को शामिल करवाया था।