इलाहाबाद, 15 फरवरी :: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बसपा सुप्रीमो मायावती और उनके दो करीबी रिश्तेदारों को एक जनहित याचिका पर आज नोटिस जारी किया। इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि उनके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के दौरान उनके मूल गांव में भूमि रिकॉर्ड में हेरफेर की गई। सामाजिक कार्यकर्ता संदीप भाटी की जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले और न्यायमूर्ति वाई वर्मा की खंडपीठ ने यह नोटिस जारी किये। याचिका में आरोप लगाया गया है कि गौतमबुद्ध नगर जिले के बादलपुर गांव में 47,433 वर्गमीटर में फैले इलाके को आबादी घोषित कर दिया गया। याचिकाकर्ता का यह भी आरोप है कि ऐसा भूमि के इस्तेमाल को बदलने के इरादे से किया गया ताकि भूमि की खंड-खंड या पूरे भूखंड की बिक्री करके इस भूमि के मालिकों को अच्छा-खासा धन प्राप्त हो सके। यह गांव ग्रेटर नोएडा में आता है और याचिकाकर्ता ने मायावती, उनके भाई प्रभु दयाल और भतीजे आनंद कुमार को इसमें पक्षकार बनाया है। अदालत ने इस याचिका को इसी तरह के आरोपों के साथ पहले से ही लंबित एक अन्य याचिका के साथ संलग्न करके अगली सुनवाई के लिये सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।
भूमि रिकॉर्ड में हेरफेर पर जनहित याचिका, उच्च न्यायालय का मायाचती को नोटिस
इलाहाबाद, 15 फरवरी :भाषा: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बसपा सुप्रीमो मायावती और उनके दो करीबी रिश्तेदारों को एक जनहित याचिका पर आज नोटिस जारी किया। इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि उनके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के दौरान उनके मूल गांव में भूमि रिकॉर्ड में हेरफेर की गई।
नवभारतटाइम्स.कॉम 15 Feb 2017, 2:46 pm