पीटीआई, मुंबई : कॉरपोरेट जगत में एक हैरान कर देने वाले घटनाक्रम में साइरस मिस्त्री को सोमवार को टाटा संस के चेयरमैन पद से बर्खास्त कर दिया गया। 78 वर्षीय रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन नियुक्त किया गया है। नए चेयरमैन की खोज के लिए 5 सदस्यों की कमिटी बनाई गई है, जो 4 महीने में यह काम पूरा करेगी। कमिटी में रतन टाटा भी हैं।
21 साल तक ग्रुप के प्रमुख रहे रतन टाटा ने चार साल पहले ही मिस्त्री को अपना उत्तराधिकारी बनाया था और नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक बनाने वाले 100 अरब डॉलर से ज्यादा कारोबार वाले टाटा ग्रुप की कमान सौंपी थी। वह ऐसे दूसरे शख्स थे, जो टाटा न होते हुए भी ग्रुप के इंचार्ज बनाए गए थे। मिस्त्री को हटाने का ऐलान टाटा संस की बोर्ड बैठक के बाद किया गया। इसकी कोई वजह नहीं बताई गई। हालांकि माना जा रहा है कि मंदी में घिरे कारोबारों से ध्यान हटाने और सिर्फ मुनाफे वाली कंपनियों पर जोर देने के मिस्त्री के रवैये से रतन टाटा खुश नहीं थे। इनमें यूरोप में स्टील बिजनेस भी शामिल है।
4 साल में दोगुनी कर दी कंपनी की वैल्यू
साइरस मिस्त्री के 4 साल के कार्यकाल में टाटा ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों की कंबाइंड मार्केट वैल्यू दोगुनी हो गई। हालांकि रतन टाटा के समय 57 गुना ग्रोथ दर्ज की गई थी। टाटा ग्रुप की मार्केट वैल्यू इन दिनों करीब 8.5 लाख करोड़ रुपये है। इसमें से सॉफ्टवेयर की महारथी कंपनी टीसीएस अकेले ही 4.8 लाख करोड़ की कंपनी है। दिसंबर 2012 में जब मिस्त्री ने टाटा संस की कमान संभाली थी, उस समय उसकी मार्केट पूंजी 4.6 लाख करोड़ थी।