मुम्बई, 17 सितम्बर :: बम्बई उच्च न्यायालय ने मुम्बई उपनगरीय जिला कलेक्टर को विक्रोली उपनगरीय इलाके में एक पहाड़ी के कथित अवैध उत्खनन के संबंध में एक निरीक्षण करने और एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लुर और न्यायमूर्ति एम एस सोनक की खंडपीठ ने कल एक जनहित याचिका में उठाये गए मुद्दे के प्रति महाराष्ट्र सरकार की उदासीनता पर नाराजगी जतायी। जनहित याचिका में कथित अवैध उत्खनन के चलते भूस्खलन होने की आशंका को लेकर चिंता जतायी गई थी। शहर के एक एनजीओ जनसेवा विकास समिति की ओर से दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया कि एक निजी बिल्डर ने विक्रोली पार्कसाइट क्षेत्र में अवैध तौर पर एक पहाड़ी का उत्खनन किया है और पेड़ काटे हैं। याचिकाकर्ता के अनुसार पहाड़ी क्षेत्र में करीब पांच हजार झुग्गियां हैं। यदि डेवलपर कथित अवैध कार्य जारी रखता है तो भूस्खलन होने का खतरा है। पीठ ने मामले की सुनवायी तीन सप्ताह बाद करना तय करते हुए निर्देश दिया, संबंधित कलेक्टर निजी तौर पर जाएंगे और स्थान का निरीक्षण करेंगे ताकि यह पता लगाया जा सके कि कितना उत्खनन किया गया है। वह इसके साथ ही याचिका में उठाई गई सुरक्षा चिंताओं पर भी गौर करेंगे। कलेक्टर एक रिपोर्ट इस अदालत में पेश करेंगे।
मुम्बई कलेक्टर को कथित अवैध उत्खनन की जांच करने का निर्देश
मुम्बई, 17 सितम्बर :भाषा: बम्बई उच्च न्यायालय ने मुम्बई उपनगरीय जिला कलेक्टर को विक्रोली उपनगरीय इलाके में एक पहाड़ी के कथित अवैध उत्खनन के संबंध में एक निरीक्षण करने और एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
नवभारतटाइम्स.कॉम 17 Sep 2016, 9:50 pm