नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आंध्र प्रदेश सरकार को मंगलवार को निर्देश दिया कि वह आवश्यक पर्यावरण मंजूरी के बगैर ‘‘गोदावरी-कृष्णा- पेन्ना’’ नदियों को जोड़ने की परियोजना तथा लिफ्ट सिंचाई योजनाओं पर आगे नहीं बढ़े। लिफ्ट सिंचाई के तहत पानी को उसके स्रोत स्थान से पंप आदि की मदद से ऊंची जगहों पर भेजा जाता है। इस योजना के तहत पट्टीसीमा, पुरूषोत्तपट्टनम और चिंतलापुडी में लिफ्ट सिंचाई का निर्माण किया जाना है। एनजीटी अध्यक्ष न्यायामूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस दक्षिणी राज्य की सरकार को इस सिलसिले में एक संयुक्त समिति की सिफारिशों को लागू करने का निर्देश दिया। संयुक्त समिति में पर्यावरण मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधि शामिल थे। समिति द्वारा एक रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद पीठ का यह निर्देश आया है। समिति ने अधिकरण से कहा है कि परियोजना के प्रस्ताव की समीक्षा और परियोजना स्थल के निरीक्षण के बाद यह सिफारिश की जाती है कि पर्यावरण मंजूरी की जरूरत वाले किसी निर्माण गतिविधि पर आगे बढ़ने से पहले एक विस्तृत परियोजना प्रस्ताव स्वीकार किया जा सकता है और आवश्यक सांविधिक पर्यावरण मंजूरी ली जाए।
गोदावरी-पेन्ना को जोड़ने पर पर्यावरण मंजूरी के बगैर आगे नहीं बढ़ने का एनजीटी का निर्देश
नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आंध्र प्रदेश सरकार को मंगलवार को निर्देश दिया कि वह आवश्यक पर्यावरण मंजूरी के बगैर ‘‘गोदावरी-कृष्णा- पेन्ना’’ नदियों को जोड़ने की परियोजना तथा लिफ्ट सिंचाई योजनाओं पर आगे नहीं बढ़े। लिफ्ट सिंचाई के तहत पानी को उसके स्रोत स्थान से पंप आदि की मदद से ऊंची जगहों पर भेजा जाता है। इस योजना के तहत पट्टीसीमा, पुरूषोत्तपट्टनम और चिंतलापुडी में लिफ्ट सिंचाई का निर्माण किया जाना है। एनजीटी अध्यक्ष न्यायामूर्ति
भाषा 13 Aug 2019, 7:40 pm