नई दिल्ली
आरबीआई से सरकार को मिलने वाले फंड को लेकर कांग्रेस पार्टी के हमलावर होने के बाद अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका करारा जवाब दिया है। फंड ट्रांसफर को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 'आरबीआई से चोरी' का नाम दिया था। इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि जब भी राहुल गांधी ने चोर और चोरी जैसे शब्द का इस्तेमाल किया, जनता ने उन्हें माकूल जवाब दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसा कहने से पहले राहुल गांधी को कम से कम अपनी सरकार के वित्त मंत्रियों से बात कर लेनी चाहिए थी। मंगलवार शाम में वित्त मंत्री जब प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पहुंची तो उनसे आरबीआई से मिलने वाले फंड को लेकर सवाल किया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार इस फंड का इस्तेमाल कैसे करेगी, इसकी जानकारी अभी नहीं दी जा सकती है।
पढ़ें: 'देश को दिवालियेपन की तरफ धकेल रही सरकार'
'चोर-चोर का जनता देती है जवाब'
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वित्त मंत्री से पूछा गया कि राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि आरबीआई से चोरी करने से कोई फायदा नहीं होगा। यह ऐसा ही है जैसे डिस्पेंसरी से बैंडऐड चुराकर गोली के घाव पर लगाना। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका जवाब देते हुए कहा, 'जब भी राहुल गांधी चोर और चोरी जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं तो एक ही चीज मेरे दिमाग में आती है, उन्होंने चोर-चोर चिल्लाकर काफी कोशिश की, लेकिन जनता ने उन्हें माकूल जवाब दिया। उसी शब्द को बार-बार इस्तेमाल करने का कोई औचित्य नहीं है।'
इससे पहले राहुल गांधी ने मंगलवार सुबह एक ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा था।
'अपनी सरकार के वित्त मंत्रियों से बात करते राहुल'
निर्मला सीतारमण ने कहा कि चाहे छोटी, मंझले, माइक्रो, नैनो या बड़े उद्योगपति हों, हम चाहते हैं कि वे सभी लोग बगैर किसी चिंता के अपना काम करें। वित्त मंत्री ने आरबीआई फंड ट्रांसफर पर कहा कि इस कमिटी (बिमल जानान कमिटी) की नियुक्ति आरबीआई ने की थी। उन्होंने कहा कि कमिटी के एक्सपर्ट ने ही एक फॉर्म्युला दिया था, जिसके आधार पर यह पैसा आया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई की विश्वसनीयता पर सवाल उठाना गलत है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार पर ‘रिजर्व बैंक का धन चुराने’ का आरोप लगाने से पहले कांग्रेस पार्टी को अपने समय के वित्त मंत्रियों से बात कर लेनी चाहिए थी।
कांग्रेस ने की श्वेत पत्र की मांग
यूपीए सरकार में वाणिज्य मंत्री रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देश की आर्थिक स्थिति पर कई तरह की आशंकाएं प्रकट की थी। शर्मा ने कहा कि सरकार देश को दिवालियेपन की तरफ धकेल रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री लगातार नकारने के अंदाज में नहीं रह सकते हैं। उन्होंने सरकार से तुरंत श्वेत पत्र लाकर वास्तविक स्थिति बताने की मांग की।
बताया था मंदी से बड़ा संकट
आनंद शर्मा ने दावा किया कि देश की अर्थव्यवस्था मंदी या सुस्ती नहीं, बल्कि इससे भी कठिन संकट से गुजर रही है। उन्होंने कहा, 'जीडीपी ग्रोथ रेट लगातार घट रही है। औद्योगिक उत्पादन गिर गया है। रुपया कमजोर पड़ रहा है और एशिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली करंसी बन गया है। वास्तविक बेरोजगारी दर 20 प्रतिशत के आसपास पहुंच गई है। ऑटो सेक्टर मुश्किल में है और एनबीएफसी पर संकट है। कृषि क्षेत्र की समस्या जगजाहिर है। इस तरह भारतीय अर्थव्यवस्था के सारे मानक लगातार कमजोर पड़ रहे हैं।'
आरबीआई से सरकार को मिलने वाले फंड को लेकर कांग्रेस पार्टी के हमलावर होने के बाद अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका करारा जवाब दिया है। फंड ट्रांसफर को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 'आरबीआई से चोरी' का नाम दिया था। इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि जब भी राहुल गांधी ने चोर और चोरी जैसे शब्द का इस्तेमाल किया, जनता ने उन्हें माकूल जवाब दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसा कहने से पहले राहुल गांधी को कम से कम अपनी सरकार के वित्त मंत्रियों से बात कर लेनी चाहिए थी।
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'चोर-चोर का जनता देती है जवाब'
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वित्त मंत्री से पूछा गया कि राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि आरबीआई से चोरी करने से कोई फायदा नहीं होगा। यह ऐसा ही है जैसे डिस्पेंसरी से बैंडऐड चुराकर गोली के घाव पर लगाना। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका जवाब देते हुए कहा, 'जब भी राहुल गांधी चोर और चोरी जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं तो एक ही चीज मेरे दिमाग में आती है, उन्होंने चोर-चोर चिल्लाकर काफी कोशिश की, लेकिन जनता ने उन्हें माकूल जवाब दिया। उसी शब्द को बार-बार इस्तेमाल करने का कोई औचित्य नहीं है।'
इससे पहले राहुल गांधी ने मंगलवार सुबह एक ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा था।
'अपनी सरकार के वित्त मंत्रियों से बात करते राहुल'
निर्मला सीतारमण ने कहा कि चाहे छोटी, मंझले, माइक्रो, नैनो या बड़े उद्योगपति हों, हम चाहते हैं कि वे सभी लोग बगैर किसी चिंता के अपना काम करें। वित्त मंत्री ने आरबीआई फंड ट्रांसफर पर कहा कि इस कमिटी (बिमल जानान कमिटी) की नियुक्ति आरबीआई ने की थी। उन्होंने कहा कि कमिटी के एक्सपर्ट ने ही एक फॉर्म्युला दिया था, जिसके आधार पर यह पैसा आया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई की विश्वसनीयता पर सवाल उठाना गलत है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार पर ‘रिजर्व बैंक का धन चुराने’ का आरोप लगाने से पहले कांग्रेस पार्टी को अपने समय के वित्त मंत्रियों से बात कर लेनी चाहिए थी।
कांग्रेस ने की श्वेत पत्र की मांग
यूपीए सरकार में वाणिज्य मंत्री रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देश की आर्थिक स्थिति पर कई तरह की आशंकाएं प्रकट की थी। शर्मा ने कहा कि सरकार देश को दिवालियेपन की तरफ धकेल रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री लगातार नकारने के अंदाज में नहीं रह सकते हैं। उन्होंने सरकार से तुरंत श्वेत पत्र लाकर वास्तविक स्थिति बताने की मांग की।
बताया था मंदी से बड़ा संकट
आनंद शर्मा ने दावा किया कि देश की अर्थव्यवस्था मंदी या सुस्ती नहीं, बल्कि इससे भी कठिन संकट से गुजर रही है। उन्होंने कहा, 'जीडीपी ग्रोथ रेट लगातार घट रही है। औद्योगिक उत्पादन गिर गया है। रुपया कमजोर पड़ रहा है और एशिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली करंसी बन गया है। वास्तविक बेरोजगारी दर 20 प्रतिशत के आसपास पहुंच गई है। ऑटो सेक्टर मुश्किल में है और एनबीएफसी पर संकट है। कृषि क्षेत्र की समस्या जगजाहिर है। इस तरह भारतीय अर्थव्यवस्था के सारे मानक लगातार कमजोर पड़ रहे हैं।'