नई दिल्ली
गुजरात में देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा के अनावरण के मौके पर पीएम मोदी ने कांग्रेस का नाम लिए बगैर विपक्षी पार्टी पर जमकर हमला बोला। वहीं अब कांग्रेस ने भी इन हमलों का जवाब देना शुरू कर दिया है। कांग्रेस के सीनियर नेता और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार ने अपने ट्विटर हैंडल से नेहरू और पटेल के बीच हुआ पत्राचार शेयर किया है। यह पत्र नेहरू ने महात्मा गांधी की मौत के बाद पटेल को लिखा था। अहमद पटेल ने ट्विटर पर लिखा, 'बापू की मौत के बाद नेहरू और पटेल के इन पत्रों को पढ़ें। 70 साल पहले उन्होंने इसका सही अंदाजा लगाया था कि भविष्य में कुछ ताकतें उनके मतभेदों का फायदा उठाने की कोशिश करेंगी। सरदार पटेल और नेहरू ऐसी ताकतों का मिलकर मुकाबला करने पर सहमत हुए थे।'
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पटेल ने कहा, 'कई संस्थानों ने पिछले 70 साल में सरकार की मदद करके देश का निर्माण किया है, उन संस्थानों को वर्तमान सरकार द्वारा पिछले 5 साल से नष्ट करने कर प्रयास किया जा रहा है। वे चहते हैं कि उनके रास्ते में आने वाली किसी भी स्वायत संस्था को नष्ट किया जाए। सरकार की इस तरह की गतिविधि देश के लोकतंत्र के लिए चुनौती हैं। सरदार पटेल की विरासत देश के संस्थानों को मजबूत करने की उनकी उल्लेखनीय क्षमता है। सरदार पटेल की जयंती पर आरबीआई की संस्थागत कमजोरी उनकी विरासत के साथ विश्वासघात है।'
बता दें कि इससे पहले सरदार पटेल की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर मोदी ने कांग्रेस समेत विरोधियों पर हमले का मौका भी नहीं गंवाया। पीएम ने कहा कि आज देश के उन सपूतों का सम्मान हो रहा है जिन्हें चाह कर भी इतिहास में भुलाया नहीं जा सकता। मोदी ने परोक्ष रूप से कांग्रेस पर पटेल का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा। हालांकि उन्होंने अपने संबोधन में कांग्रेस या किसी पार्टी का जिक्र नहीं किया लेकिन यह जरूर कहा कि आज महापुरुषों की प्रशंसा के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है।
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पीएम मोदी ने कहा, 'किसी भी देश के इतिहास में ऐसे अवसर आते हैं जब वे पूर्णता का एहसास कराते हैं। ये वे पल होते हैं जो किसी राष्ट्र के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो जाते हैं और उसे मिटा पाना बहुत मुश्किल होता है। आज का यह दिवस भी भारत के इतिहास के ऐसे ही कुछ क्षणों में से एक महत्वपूर्ण पल है। भारत की पहचान, भारत की सम्मान के लिए समर्पित एक विराट व्यक्तित्व को उचित स्थान नहीं दे पाने का एक अधूरापन लेकर आजादी के इतने वर्षों तक हम चल रहे थे। आज भारत के वर्तमान ने अपने इतिहास के एक स्वर्णिम पुरुष को उजागर करने का काम किया है।'
पीएम ने कहा, 'सरदार सरोवर बांध का शिलान्यास कब हुआ, कितने दशकों के बाद उसका उद्घाटन हुआ, यह तो आपकी आंखों के सामने देखते-देखते हो गया।' मोदी ने कहा, 'आज जो यह सफर एक पड़ाव तक पहुंचा है उसकी यात्रा 8 साल पहले आज के ही दिन शुरू हुई थी। 31 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था। करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरी भावना थी कि जिस महापुरुष ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया उसका वह सम्मान जरूर मिलना चाहिए जिसका वह हकदार है। मैं चाहता था कि यह सम्मान भी उन्हें उस किसान, कामगार के पसीने से मिले जिसके लिए सरदार पटेल ने जीवन भर संघर्ष किया था। आज का सहकारी आंदोलन जो देश के अनेक गांवों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बना है यह उनकी ही दिव्य दृष्टि का परिणाम है। यह स्मारक देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हजारों आदिवासी भाई बहनों को हर साल सीधा रोजगार मिलने वाला है।'
गुजरात में देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा के अनावरण के मौके पर पीएम मोदी ने कांग्रेस का नाम लिए बगैर विपक्षी पार्टी पर जमकर हमला बोला। वहीं अब कांग्रेस ने भी इन हमलों का जवाब देना शुरू कर दिया है। कांग्रेस के सीनियर नेता और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार ने अपने ट्विटर हैंडल से नेहरू और पटेल के बीच हुआ पत्राचार शेयर किया है। यह पत्र नेहरू ने महात्मा गांधी की मौत के बाद पटेल को लिखा था।
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पटेल ने कहा, 'कई संस्थानों ने पिछले 70 साल में सरकार की मदद करके देश का निर्माण किया है, उन संस्थानों को वर्तमान सरकार द्वारा पिछले 5 साल से नष्ट करने कर प्रयास किया जा रहा है। वे चहते हैं कि उनके रास्ते में आने वाली किसी भी स्वायत संस्था को नष्ट किया जाए। सरकार की इस तरह की गतिविधि देश के लोकतंत्र के लिए चुनौती हैं। सरदार पटेल की विरासत देश के संस्थानों को मजबूत करने की उनकी उल्लेखनीय क्षमता है। सरदार पटेल की जयंती पर आरबीआई की संस्थागत कमजोरी उनकी विरासत के साथ विश्वासघात है।'
बता दें कि इससे पहले सरदार पटेल की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर मोदी ने कांग्रेस समेत विरोधियों पर हमले का मौका भी नहीं गंवाया। पीएम ने कहा कि आज देश के उन सपूतों का सम्मान हो रहा है जिन्हें चाह कर भी इतिहास में भुलाया नहीं जा सकता। मोदी ने परोक्ष रूप से कांग्रेस पर पटेल का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा। हालांकि उन्होंने अपने संबोधन में कांग्रेस या किसी पार्टी का जिक्र नहीं किया लेकिन यह जरूर कहा कि आज महापुरुषों की प्रशंसा के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है।
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पीएम मोदी ने कहा, 'किसी भी देश के इतिहास में ऐसे अवसर आते हैं जब वे पूर्णता का एहसास कराते हैं। ये वे पल होते हैं जो किसी राष्ट्र के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो जाते हैं और उसे मिटा पाना बहुत मुश्किल होता है। आज का यह दिवस भी भारत के इतिहास के ऐसे ही कुछ क्षणों में से एक महत्वपूर्ण पल है। भारत की पहचान, भारत की सम्मान के लिए समर्पित एक विराट व्यक्तित्व को उचित स्थान नहीं दे पाने का एक अधूरापन लेकर आजादी के इतने वर्षों तक हम चल रहे थे। आज भारत के वर्तमान ने अपने इतिहास के एक स्वर्णिम पुरुष को उजागर करने का काम किया है।'
पीएम ने कहा, 'सरदार सरोवर बांध का शिलान्यास कब हुआ, कितने दशकों के बाद उसका उद्घाटन हुआ, यह तो आपकी आंखों के सामने देखते-देखते हो गया।' मोदी ने कहा, 'आज जो यह सफर एक पड़ाव तक पहुंचा है उसकी यात्रा 8 साल पहले आज के ही दिन शुरू हुई थी। 31 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था। करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरी भावना थी कि जिस महापुरुष ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया उसका वह सम्मान जरूर मिलना चाहिए जिसका वह हकदार है। मैं चाहता था कि यह सम्मान भी उन्हें उस किसान, कामगार के पसीने से मिले जिसके लिए सरदार पटेल ने जीवन भर संघर्ष किया था। आज का सहकारी आंदोलन जो देश के अनेक गांवों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बना है यह उनकी ही दिव्य दृष्टि का परिणाम है। यह स्मारक देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार निर्माण का भी महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है। इससे हजारों आदिवासी भाई बहनों को हर साल सीधा रोजगार मिलने वाला है।'