भाषा, कोटा : राजस्थान के कोटा में मां के छोड़े गए 96,500 रुपये के पुराने नोटों के अचानक मिलने की घटना ने एक अनाथ भाई-बहन के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। इन नोटों को बदलने का कोई रास्ता नहीं पाकर भाई और बहन ने अब प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनसे मदद की गुहार लगाई है। चलन से बाहर हो चुके 500 और 1000 रुपये के बैंक नोटों को बदलने की अंतिम तारीख समाप्त हो चुकी है। इस महीने की शुरुआत में सरवड़ा गांव स्थित भाई-बहन के बंद पड़े पैतृक घर में पुलिस सर्वेक्षण के दौरान नोट मिले थे। बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के अध्यक्ष हरीश गुरुबक्षाणी ने बताया, 'आरबीआई के इन पुराने बैंक नोटों को बदलने से इनकार करने के बाद बच्चों ने शनिवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इन्हें बदलने की व्यवस्था करने का अनुरोध किया है। 96,500 रुपये की यह रकम उनकी मां की जीवन भर की बचत है। भाई इस रकम को अपनी बहन के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) कराना चाहता है। हरीश के मुताबिक, दोनों के मां-बाप की मौत पहले हो चुकी है।
येचुरी ने जमा नोटों का आंकड़ा मांगा
सीपीएम ने नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा किए गए चलन से बाहर हो चुके नोटों के आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए जाने पर मोदी सरकार पर निशाना साधा। सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्विटर पर पूछा कि क्या मोदी सरकार 'इतनी अक्षम' है कि वह अभी तक आंकड़े सामने नहीं ला पाई है।