ऐपशहर

नक्‍शे से पाकिस्‍तान ही मिट जाता...जब लाहौर से लौट आई सेना, यह तस्‍वीर हर भारतीय का सीना कर देती है 56

साल था 1965। पाकिस्‍तान ने हमें उकसाया था। कश्‍मीर के अखनूर सेक्‍टर में उसने हमला कर दिया। तब भारतीय सेना जवाबी कार्रवाई में लाहौर सेक्‍टर में उतर गई थी। पाकिस्‍तानी सेना के तब होश उड़ गए थे। उसने कभी उम्मीद भी नहीं की थी कि भारत लाहौर सेक्‍टर में मोर्चा खोल देगा। तब उसे एहसास हो गया था कि कहीं कश्‍मीर के चक्‍कर में नक्‍शे से पाकिस्‍तान का नाम ही न मिट जाए।

Curated byअमित शुक्‍ला | नवभारतटाइम्स.कॉम 29 Sep 2022, 5:30 pm
नई दिल्‍ली: यह तस्‍वीर हर भारतीय का सीना फख्र से चौड़ा कर देती है। इसे ध्‍यान से देखिए। यह लाहौर जिले के बरकी पुलिस स्‍टेशन के बाहर की है। पुलिस स्‍टेशन के बाहर लेफ्टिनेंट कर्नल हरि सिंह खड़े हैं। तस्‍वीर 1965 की है। इस पुलिस स्‍टेशन पर भारतीय सेना का कब्‍जा हो चुका था। पाकिस्‍तान के दूसरे सबसे बड़े शहर में हम घुसने वाले थे। नक्‍शे से पाकिस्‍तान तो तभी मिट जाता, लेकिन हमने अंतरराष्‍ट्रीय कानूनों का उल्‍लंघन नहीं किया। पाकिस्‍तान को उसकी औकात दिखाकर भारतीय सेना (India-Pakistan War 1965) वापस लौट आई थी। पाकिस्‍तान से भारत के जितने भी युद्ध हुए वह हर बार शर्मसार हुआ। मजे की बात यह भी है कि जंग के लिए हर बार पाकिस्‍तान ने भारत (India-Pakistan) को उकसाया। 1965 की जंग को आज याद करने की एक और वजह है। आज ही के दिन 2016 में भारत ने उरी का बदला लिया था। भारतीय सेना ने सर्जिकल स्‍ट्राइक (Surgical Strike) कर 11 दिनों में पाकिस्‍तान को जवाब दिया था। अपने 18 जवानों के खून का बदला लेने के लिए हम पाकिस्‍तान में घुस गए थे। यहां भारतीय सेना ने आतंकी ठिकानों को कब्रगाह बना दिया था। 1965 में भी पाकिस्‍तान को भारत को छेड़ना बहुत महंगा पड़ा था। वह कश्‍मीर के चक्‍कर में अपना वजूद गंवा देने वाला था।
नवभारतटाइम्स.कॉम lahore front 1965


कैसे शुरू हुई 1965 की जंग?
भारत और पाकिस्‍तान में अब तक हुई सभी जंगों के पीछे जम्‍मू-कश्‍मीर वजह रहा है। 1965 में भी इसी को लेकर पाकिस्‍तान ने अगस्‍त में गीदड़ों की तरह बिना कुछ बोले मोर्चा खोल दिया था। 1 सितंबर को जम्‍मू के नजदीक अखनूर सेक्‍टर में पाकिस्‍तान ने हमला कर दिया। इस सेक्‍टर में पाकिस्‍तान की हिमाकत के लिए भारतीय सेना ने तीखा जवाब दिया था। हमले के जवाब में भारतीय सेना ने पंजाब में इंटरनेशनल बॉर्डर पर अटैक कर दिया। 5 और 6 सितंबर की दरमियानी रात में भारतीय सेना के जवान सीमा लांघकर पाकिस्‍तान की ओर बढ़ चले। पाकिस्‍तान के होश फाख्‍ता हो गए थे। उसने उम्‍मीद नहीं की थी कि भारतीय सेना लाहौर सेक्‍टर में कूच कर जाएगी।

आज का दिन याद है न! जब खौल उठा था भारतीयों का खून, 11 दिन में पाकिस्‍तान से लिया था बदला

भारत ने क्‍यों खोला लाहौर में मोर्चा?
यह बहुत सोची-समझी रणनीति का हिस्‍सा था। भारतीय सेना चाहती थी कि पाकिस्‍तान अखनूर सेक्‍टर से अपनी फौजों को कम करे। उस वक्‍त पाकिस्‍तान ने लगभग अपनी पूरी फौज इस सेक्‍टर में लगा दी थी। भारत ने इसका बड़ी चतुराई से फायदा उठाया। भारतीय सेना की योजना थी कि पाकिस्‍तान के बड़े हिस्‍से को अपने कब्‍जे में लेने से पाकिस्‍तान के साथ भविष्‍य में मेज पर बात करना आसान हो जाएगा। भारतीय सेना लाहौर के बाहरी हिस्‍से तक पहुंच गई थी। वह इचोगिल नहर को कब्‍जे में लेकर पाकिस्‍तान की जान सुखा देना चाहती थी। यह नहर भारतीय सेना से लाहौर को बचाती है।


हक्‍की-बक्‍की रह गई थी PAK सेना
पाकिस्‍तान सरकार और उसकी सेना ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत पंजाब में मोर्चा खोल देगा। उन्‍हें सिर्फ जम्‍मू-कश्‍मीर में भारत की जवाबी कार्रवाई की उम्‍मीद थी। ऐसे में जब 6 सितंबर को पाकिस्‍तान पर हमला हुआ तो उसकी सेना हक्‍की-बक्‍की रह गई। हम पाकिस्‍तानी में उसकी छाती पर खड़े थे। इस समय तक पाकिस्‍तान पूरी तरह नर्वस हो गया था। उसकी सेना के हाथ-पांव फूल गए थे। भारतीय हमले को रोकने के लिए लाहौर सेक्‍टर में पाकिस्‍तान सेना को तुरंत भेजा गया। अखनूर फ्रंट से फोकस हटाकर पाकिस्‍तान की एयर फोर्स लाहौर सेक्‍टर की तरफ चल दी। उसे एहसास हो चला था कि कश्‍मीर के चक्‍कर में वह पाकिस्‍तान से ही हाथ धो बैठेगा। भारतीय सेना की भी मंशा लाहौर को कब्‍जे में लेने की नहीं थी। इसे कब्‍जे में लेने का मतलब था कि वहां भारतीय सेना को बड़े पैमाने पर अपने सैनिकों को तैनात करना पड़ता।

भारत से रिश्ते सुधारे पाकिस्तान, जयशंकर ने F-16 पर लगाई फटकार तो अब बदले अमेरिका के सुर
क्‍यों लौट आई थी भारतीय सेना? लाहौर के बरकी गांव पर कब्‍जा करने के बाद भारतीय सेना रुक गई थी। इसके पीछे कारण य‍ह था कि जल्‍द ही सीजफायर के मसौदे पर हस्‍ताक्षर होने थे। इसमें अमेरिका और रूस भी पार्टी थे। तब सेना को यह बात मालूम थी कि अगर उसने शहर पर कब्‍जा कर भी लिया तो उसे इसे पाकिस्‍तान को लौटाना ही पड़ेगा। लाहौर पर अटैक करके भारत ने कश्‍मीर के अखनूर सेक्‍टर में दबाव को कम कर लिया था। इस तरह वह अपनी स्‍ट्रैटेजी में पूरी तरह कामयाब रहा था। 23 सितंबर को जब यह जंग खत्‍म हुई तो पाकिस्‍तान नुकसान में रहा। लाहौर सेक्‍टर में भारत के हाथों पाकिस्‍तान 360 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र गंवा चुका था। पाकिस्‍तान को सिर्फ खेमकरण के पास एक छोटा सा हिस्‍सा अपने झोली में ले जाने का फायदा हुआ था।
लेखक के बारे में
अमित शुक्‍ला
पत्रकारिता और जनसंचार में पीएचडी की। टाइम्‍स इंटरनेट में रहते हुए नवभारतटाइम्‍स डॉट कॉम से पहले इकनॉमिकटाइम्‍स डॉट कॉम में सेवाएं दीं। पत्रकारिता में 15 साल से ज्‍यादा का अनुभव। फिलहाल नवभारत टाइम्स डॉट कॉम में असिस्‍टेंट न्‍यूज एडिटर के रूप में कार्यरत। टीवी टुडे नेटवर्क, दैनिक जागरण, डीएलए जैसे मीडिया संस्‍थानों के अलावा शैक्षणिक संस्थानों के साथ भी काम किया। इनमें शिमला यूनिवर्सिटी- एजीयू, टेक वन स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय (नोएडा) शामिल हैं। लिंग्विस्‍ट के तौर पर भी पहचान बनाई। मार्वल कॉमिक्स ग्रुप, सौम्या ट्रांसलेटर्स, ब्रह्मम नेट सॉल्यूशन, सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी और लिंगुअल कंसल्टेंसी सर्विसेज समेत कई अन्य भाषा समाधान प्रदान करने वाले संगठनों के साथ फ्रीलांस काम किया। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। देश-विदेश के साथ बिजनस खबरों में खास दिलचस्‍पी।... और पढ़ें

अगला लेख

Indiaकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर