विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद वर्ष 2001 में पहली बार मंत्री बनने वाले पन्नीरसेल्वम को जयललिता ने अहम राजस्व विभाग सौंपकर उनमें अपने विश्वास का संकेत दे दिया था। पन्नीरसेल्वम में अपने विश्वास को बढ़ाते हुए जयललिता ने वर्ष 2011 में उन्हें वित्त विभाग और लोकनिर्माण विभाग जैसे बड़े विभाग भी सौंप दिए थे। विपक्ष में रहने के दौरान भी पन्नीरसेल्वम वर्ष 2001-2006 तक दूसरे नंबर :अन्नाद्रमुक विधायी दल के उपनेता: के नेता रहे। पार्टी के नेताओं में उन्हें जयललिता का विश्वसनीय व्यक्ति माना जाता था। हमेशा से मृदुभाषी रहे पन्नीरसेल्वम को दलगत रेखाओं से परे सभी से सम्मान मिला है। वर्ष 2011 से सदन के नेता के रूप में, उन्होंने सदन की कार्यवाही को सुगमता से संचालित किया है। जयललिता को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिए जाने पर कुछ समय के लिए पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री पद संभालना पड़ा था। वित्तीय मामलों में राज्य की स्थिति को स्पष्ट करने के लिए वित्त मंत्री के रूप में उनके द्वारा किया गया संचालन खासतौर पर अहम रहा है। वर्ष 2011 और 2014 में जब जयललिता को भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी करार दिया गया तो उन्होंने अपनी कुर्सी के लिए पन्नीरसेल्वम को चुना। अदालतों द्वारा जयललिता को दोनों मामलों मंे बरी किए जाने के बाद पन्नीरसेल्वम ने भी एक वफादार सिपाही की तरह उन्हें सत्ता की कमान वापस सौंप दी। इस साल जब अन्नाद्रमुक प्रमुख को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया तो 12 अक्तूबर को एक बार फिर ओपीएस को जयललिता के विभाग, गृह विभाग और पुलिस की जिम्मेदारी सौ।प दी गई। उन्हें मंत्रिमंडल की बैठकों की अध्यक्षता की जिम्मेदारी भी सौंपी गई।
पन्नीरसेल्वम प्रभावशाली मुदुकुलाथोर समुदाय से हैं और बेहद मामूली पृष्ठभूमि से आते हैं। वह अपने गृहनगर पेरियाकुलम में चाय की दुकान चलाते थे। इस दुकान को आज उनका परिवार चलाता है।
विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद वर्ष 2001 में पहली बार मंत्री बनने वाले पन्नीरसेल्वम को जयललिता ने अहम राजस्व विभाग सौंपकर उनमें अपने विश्वास का संकेत दे दिया था।
नवभारतटाइम्स.कॉम 6 Dec 2016, 11:49 am