नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार सुबह कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवाई। उन्हें दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) में पहला डोज दिया गया। पीएम मोदी को भारत बायोटेक की बनाई कोविड वैक्सीन Covaxin दी गई है। इस वैक्सीन को पिछले महीने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की बनाई Covishield के साथ इमर्जेंसी यूज की मंजूरी दी गई थी। मोदी ने Covaxin लगवाकर सिर्फ वैक्सीन से जुड़ी संदेहों को ही नहीं दूर किया, उन्होंने एक तीर से कई शिकार किए हैं। भारत में 16 जनवरी 2021 से कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था। उससे पहले, 3 जनवरी को Covishield और Covaxin को मंजूरी दी गई। Covishield को ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और अस्त्राजेनेका के रिसर्चर्स ने डिवेलप किया है जबकि Covaxin को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और भारत बायोटेक ने। Covishield का फेज 3 ट्रायल पूरा होने के बाद उसे अप्रूवल मिला था जबकि Covaxin तब फेज 3 ट्रायल से गुजर रही थी। ऐसे में Covaxin को लेकर सवाल उठाने वालों की कमी नहीं थी। विपक्षी सदस्यों की तरफ से Covaxin को कई बार कठघरे में खड़ा किया गया।
मोदी वैक्सीन क्यों नहीं लगवा रहे? पूछने वालों को जवाब
जब टीकाकरण शुरू हुआ तो कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने पूछा कि पीएम मोदी या सरकार में शामिल अन्य लोग वैक्सीन क्यों नहीं लगवा रहे हैं। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने तो यहां तक कहा था कि अगर वैक्सीन इतनी ही भरोसेमंद है तो बीजेपी के नेता सबसे पहले क्यों नहीं लगवा रहे। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कई राष्ट्राध्यक्षों का उदाहरण देते हुए कहा था कि भारत में भी प्रधानमंत्री मोदी को वैक्सीन लगाकर उदाहरण पेश करना चाहिए।
पीएम ने लगवाई वैक्सीन तो विरोधी भी हुए गदगद
कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर ने भी कोवैक्सीन पर सवाल उठाए थे। थरूर का तर्क था कि अभी तीसरे चरण का ट्रायल नहीं हुआ है। उन्होंने सरकार पर 'बिना सोचे-समझे कोवैक्सीन को मंजूरी देने' का आरोप लगाया था और कहा था कि ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। समाजवार्टी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने तो वैक्सीन को बीजेपी की वैक्सीन करार दिया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें इसपर भरोसा नहीं है। सिंह ने कहा था कि जब उनकी पार्टी की सरकार बनेगी तो सबको मुफ्त में वैक्सीन लगवाएंगे।
बीजेपी की तरफ से कहा गया था कि अपनी बारी आने पर पीएम और अन्य नेता वैक्सीन लगवाएंगे। मोदी ने सोमवार सुबह Covaxin का पहला डोज लगवाकर विरोधियों को वही जवाब दे दिया है। सोमवार से 60 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों का टीकाकरण शुरू हुआ है। मोदी 70 साल के हैं और टीका लगवाने के योग्य हैं, ऐसे में अपनी बारी आने पर उन्होंने टीका लगवाया। मोदी ने Covaxin का डोज लेकर भारत बायोटेक के टीकों पर सवाल उठाने वाले विपक्षी सदस्यों को भी जवाब दे दिया है।
वैक्सीन के प्रति लोगों के मन का शक भी किया दूर
कोरोना वैक्सीन को लेकर आम लोगों के मन भी में कई सवाल थे। वैक्सीन सुरक्षित है या नहीं, इसे लेकर शंका थी। हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन देने के दौरान भी ऐसे वाकये सामने आए थे जब Covaxin लगवाने से इनकार किया गया था। ऐसे में पीएम मोदी ने वही वैक्सीन लगवाकर एक तरह से सभी शंकाओं को निराधार साबित कर दिया है। इससे टीके के प्रति आम जनता में विश्वास पैदा होगा।
पीएम मोदी को AIIMS में वैक्सीन किसने लगाई... जानें हर बात
टीकाकरण के जरिए चुनावी संदेश भी दे गए मोदीपीएम मोदी के टीकाकरण में कुछ चुनावी संदेश भी छिपे थे। मसलन उन्होंने असमिया गमछा डाला हुआ था। उन्हें पुडुचेरी की सिस्टर पी निवेदा ने वैक्सीन लगाई। उनके साथ केरल से आने वाली सिस्टर रोजम्मा अनिल भी शामिल थीं। 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच देश के पांच राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में चुनाव होने हैं। इनमें पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार सुबह कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवाई। उन्हें दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) में पहला डोज दिया गया। पीएम मोदी को भारत बायोटेक की बनाई कोविड वैक्सीन Covaxin दी गई है। इस वैक्सीन को पिछले महीने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की बनाई Covishield के साथ इमर्जेंसी यूज की मंजूरी दी गई थी। मोदी ने Covaxin लगवाकर सिर्फ वैक्सीन से जुड़ी संदेहों को ही नहीं दूर किया, उन्होंने एक तीर से कई शिकार किए हैं।
मोदी वैक्सीन क्यों नहीं लगवा रहे? पूछने वालों को जवाब
जब टीकाकरण शुरू हुआ तो कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने पूछा कि पीएम मोदी या सरकार में शामिल अन्य लोग वैक्सीन क्यों नहीं लगवा रहे हैं। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने तो यहां तक कहा था कि अगर वैक्सीन इतनी ही भरोसेमंद है तो बीजेपी के नेता सबसे पहले क्यों नहीं लगवा रहे। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कई राष्ट्राध्यक्षों का उदाहरण देते हुए कहा था कि भारत में भी प्रधानमंत्री मोदी को वैक्सीन लगाकर उदाहरण पेश करना चाहिए।
पीएम ने लगवाई वैक्सीन तो विरोधी भी हुए गदगद
कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर ने भी कोवैक्सीन पर सवाल उठाए थे। थरूर का तर्क था कि अभी तीसरे चरण का ट्रायल नहीं हुआ है। उन्होंने सरकार पर 'बिना सोचे-समझे कोवैक्सीन को मंजूरी देने' का आरोप लगाया था और कहा था कि ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। समाजवार्टी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने तो वैक्सीन को बीजेपी की वैक्सीन करार दिया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें इसपर भरोसा नहीं है। सिंह ने कहा था कि जब उनकी पार्टी की सरकार बनेगी तो सबको मुफ्त में वैक्सीन लगवाएंगे।
बीजेपी की तरफ से कहा गया था कि अपनी बारी आने पर पीएम और अन्य नेता वैक्सीन लगवाएंगे। मोदी ने सोमवार सुबह Covaxin का पहला डोज लगवाकर विरोधियों को वही जवाब दे दिया है। सोमवार से 60 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों का टीकाकरण शुरू हुआ है। मोदी 70 साल के हैं और टीका लगवाने के योग्य हैं, ऐसे में अपनी बारी आने पर उन्होंने टीका लगवाया। मोदी ने Covaxin का डोज लेकर भारत बायोटेक के टीकों पर सवाल उठाने वाले विपक्षी सदस्यों को भी जवाब दे दिया है।
वैक्सीन के प्रति लोगों के मन का शक भी किया दूर
कोरोना वैक्सीन को लेकर आम लोगों के मन भी में कई सवाल थे। वैक्सीन सुरक्षित है या नहीं, इसे लेकर शंका थी। हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन देने के दौरान भी ऐसे वाकये सामने आए थे जब Covaxin लगवाने से इनकार किया गया था। ऐसे में पीएम मोदी ने वही वैक्सीन लगवाकर एक तरह से सभी शंकाओं को निराधार साबित कर दिया है। इससे टीके के प्रति आम जनता में विश्वास पैदा होगा।
पीएम मोदी को AIIMS में वैक्सीन किसने लगाई... जानें हर बात
टीकाकरण के जरिए चुनावी संदेश भी दे गए मोदीपीएम मोदी के टीकाकरण में कुछ चुनावी संदेश भी छिपे थे। मसलन उन्होंने असमिया गमछा डाला हुआ था। उन्हें पुडुचेरी की सिस्टर पी निवेदा ने वैक्सीन लगाई। उनके साथ केरल से आने वाली सिस्टर रोजम्मा अनिल भी शामिल थीं। 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच देश के पांच राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में चुनाव होने हैं। इनमें पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी शामिल हैं।