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Veer Savarkar News: पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले से लिया नाम, शिवसेना के लिए क्यों जरूरी हो गए वीर सावरकर?

Shiv Sena Veer Savarkar News: पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले से आजादी की लड़ाई में वीर सावरकर का जिक्र कर उन्हें कृतज्ञता जताई थी। पीएम के इस बयान के बाद शिवसेना ने भी उन्हें याद किया। पार्टी ने कहा कि इंदिरा गांधी उनपर पोस्टल स्टैंप भी जारी किया है।

Curated byअनुराग मिश्र | नवभारतटाइम्स.कॉम 16 Aug 2022, 10:53 am

हाइलाइट्स

  • पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले से लिया वीर सावरकर का नाम
  • पीएम के बयान के बाद बीजेपी के साथ आई शिवसेना
  • शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, इंदिरा ने सावरकर पर जारी किया था पोस्टल स्टैंप
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नई दिल्ली: सावरकर का मुद्दा अपने देश में अक्सर सुर्खियों में आता रहता है। कभी पोस्टर लगाने को लेकर बवाल हो जाता है, कभी उनकी देशभक्ति को सवालों के कठघरे में खड़ा किया जाता है। भाजपा वीर सावरकर को देश के महान क्रांतिकारियों के साथ रखती है और उन्हें नमन करती रहती है। हालांकि सावरकर का नाम सुनते ही विपक्ष में बौखलाहट बढ़ जाती है। लेकिन एक दल है जिसकी विचारधारा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से मेल खाती है और वह वीर सावरकर को भरपूर सम्मान भी देती है। जी हां शिवसेना। महाराष्ट्र की सत्ता में लंबे समय तक दोनों भागीदार रहे लेकिन पिछले कुछ वर्षों से दोनों के रास्ते अलग हो गए। दोनों तरफ से वार-पलटवार जारी रहे। खुद को असली हिंदुत्व का स्कूल या कहिए रहनुमा बताने की कोशिशें भी हुईं लेकिन शिवसेना को पता है कि उसकी हिंदुत्व की विचारधारा ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है। बाला साहेब ठाकरे के समय से महाराष्ट्र या देश की जनता में जो सपोर्ट शिवसेना के प्रति दिखता है वह हिंदुत्व की ही देन है और जहां हिंदुत्व है वहां सावरकर को भुलाया नहीं जा सकता है। यही वजह है कि स्वतंत्रता दिवस पर जब पीएम ने लालकिले की प्राचीर से वीर सावरकर को याद किया तो शिवसेना को भी सुर मिलाना पड़ा।
बाला साहेब, वीर सावरकर दो ही झंडाबरदार
शिवसेना बुलंद आवाज में कहती रही है कि बाला साहेब ठाकरे और वीर सावरकर, ये ही दो लोग थे जिसने इस देश को हिंदुत्व सिखाया है, पढ़ाया है बाकी सबकी डिग्री फर्जी है। शिवसेना का हिंदुत्व का स्कूल ओरिजिनल स्कूल है। इसी साल मई के महीने में संजय राउत ने यह बात कही थी। 'फर्जी डिग्री' का उनका इशारा भाजपा की तरफ था। उस समय शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से महाराष्ट्र में सरकार चला रही थी। लेकिन बाद में पार्टी में फूट के बाद भाजपा और एकनाथ शिंदे गुट ने सरकार बना ली। इस समय भाजपा और उद्धव ठाकरे खेमे में छत्तीस का आंकड़ा है। सांसद संजय राउत भ्रष्टाचार के एक मामले में जेल में बंद है। लेकिन फिर भी ठाकरे की शिवसेना को अपना अस्तित्व बचाने के लिए हिंदुत्व और सावरकर की लाइन पर चलना ही होगा।
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पीएम मोदी ने लिया सावरकर का नाम
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर लालकिले से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, वीर सावरकर और कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों एवं महापुरुषों को याद किया। उधर, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का बयान आया। उन्होंने आजादी के 75 साल पूरे होने पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश ने इन 75 वर्षों में अनेक उपलब्धियां हासिल कीं, लेकिन आज की ‘आत्ममुग्ध सरकार’ स्वतंत्रता सेनानियों के महान बलिदानों और देश की गौरवशाली उपलब्धियों को तुच्छ साबित करने पर तुली हुई है। भाजपा और कांग्रेस में स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान पर जुबानी जंग चल रही थी कि शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सावरकर पर अपनी पार्टी का दृष्टिकोण स्पष्ट किया। कांग्रेस को सावरकर से आपत्ति रहती है लेकिन महाराष्ट्र में सरकार चला चुकी शिवसेना ने वीर सावरकर के योगदान को प्रमुख बताया।
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शिवसेना बोली- इंदिरा ने जारी किया था पोस्टल स्टैंप
प्रियंका से पूछा गया कि आजादी की लड़ाई में सावरकर का अपना योगदान है, प्रधानमंत्री ने लालकिले से उनका जिक्र किया, शिवसेना का क्या स्टैंड है? शिवसेना सांसद ने कहा, 'बिल्कुल, वीर सावरकर जी का जो योगदान रहा है भारत के स्वतंत्रता संग्राम में, उसे कोई नकार नहीं सकता है। इंदिरा गांधी भी जब प्रधानमंत्री थीं तो उन्होंने उनका पोस्टल स्टैंप जारी किया था। उन्होंने उनके ऊपर एक फिल्म बनाई थी। संसद में उनकी एक बड़ी पोर्ट्रेट भी लगी हुई है।'

शिवसेना का बीजेपी पर तंज

प्रियंका चतुर्वेदी ने आगे कहा कि मैं मानती हूं कि हर जन का योगदान होना चाहिए। किसी को बड़ा दिखाने में और किसी को छोटा दिखाने का, जो आजकल काम हो रहा है उससे हमें बचना चाहिए। हम आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं तो कोई भी छोटे से छोटा हो, बड़े से बड़ा हो, नामी गामी हो सभी का स्मरण करना चाहिए और उनके योगदान का आभार व्यक्त करना चाहिए।
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भाईचारे का रखना होगा ध्यान
जब उनसे कहा गया कि प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने बापू के सपनों को पूरा करने के लिए अपने आप को समर्पित कर दिया है और समाज के अंतिम व्यक्ति को शक्तिशाली बनाना है। प्रियंका ने जवाब दिया कि बिल्कुल शक्तिशाली बनाना है और ये एक बहुत बड़ा उदाहरण है कि आप कितना भी आप महात्मा गांधी के खिलाफ बोल लीजिए, कितना भी आप गोडसेवादी सोच रख लीजिए। आपको बापू के पदचिन्हों पर चलना ही होगा। ये देश महात्मा गांधी की ऊर्जा और सिद्धांत पर चलता है और उनका सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत था भाईचारा। उस भाईचारे को ध्यान में रखते हुए देखें तो जो ध्रुवीकरण हो रहा है वो उनकी सोच से काफी परे है।

कांग्रेस ने पीएम मोदी पर कसा था तंज
पीएम के संबोधन के कुछ घंटे बाद ही कांग्रेस की तरफ से बयानों की बौछार होने लगी थी। पार्टी के प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने तंज कसा, ‘आप महात्मा गांधी, पटेल, नेहरू और मौलाना आजाद का कद तो नहीं घटा पाएंगे...सबको पता है कि किसने आजादी के लिए संघर्ष किया, कौन जेल गया और किसने माफी मांगी और अंग्रेजों से पेंशन ली।’ दरअसल, कांग्रेस यही आरोप लगाकर सावरकर को क्रांतिकारियों की पंक्ति से अलग रखती आई है।

शिवसेना के लिए हिंदुत्व जरूरी
खैर, इतना साफ है कि शिवसेना में फूट के बाद भी उद्धव ठाकरे खेमा हिंदुत्व और सावरकर को आदर्श मानते हुए अपना जनाधार मजबूत करने की कोशिश करेगा। इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि आगे चलकर फिजा बदले और समान विचारधारा वाली पार्टियां फिर से साथ आएं, वैसे भी शिवसेना का गुट ही महाराष्ट्र की सत्ता में है। शिवसेना का यह बयान इस बात के भी संकेत दे रहा है कि कांग्रेस के साथ की मजबूरी खत्म होते ही शिवसेना वापस सावरकर पर अपना उग्र स्टैंड रखेगी, जिसके बारे में कुछ लोगों को लग रहा था कि सरकार चलाने की मजबूरी में उसने हिंदुत्व की विचारधारा को खूंटी पर टांग दिया है।
लेखक के बारे में
अनुराग मिश्र
साइंस में ग्रैजुएट होने के बाद मीडिया की पढ़ाई की। डिप्लोमा के बाद मीडिया मैनेजमेंट में MBA, रेडियो से करियर की शुरुआत। आज, आज समाज, अमर उजाला में प्रिंट जर्नलिज्म के बाद नवभारतटाइम्स डॉट कॉम में कार्यरत। पेशे से पत्रकार, दिल से ठेठ इलाहाबादी।... और पढ़ें

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