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संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम में भारतीय राजनयिक के लिखे ‘पृथ्वी गान’ की प्रस्तुति

‘यूथ-लेड कम्युनिटी कॉल: कोविड​​-19 एंड क्लाइमेट इमरजेंसी' नामक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें जलवायु संकट को लेकर कार्रवाई और महामारी की प्रतिक्रिया पर संवाद के लिए दुनिया भर के युवाओं की भागीदारी देखी गई।

भाषा 29 Apr 2020, 7:24 pm
संयुक्त राष्ट्रः ‘‘पृथ्वी दिवस’’ मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के एक विभाग ने जलवायु संकट को लेकर कार्रवाई और कोविड-19 से निपटने के प्रयास पर एक वैश्विक युवा संवाद आयोजित किया। इस दौरान भारतीय कवि-राजनयिक अभय कुमार द्वारा रचित ‘अर्थ एंथम’ (पृथ्वी गान) प्रस्तुत किया गया, जिसे प्रसिद्ध गायिका कविता कृष्णमूर्ति ने स्वर दिया।
नवभारतटाइम्स.कॉम presentation of prithvi gaan written by indian diplomat at united nations program
संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम में भारतीय राजनयिक के लिखे ‘पृथ्वी गान’ की प्रस्तुति


संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक संचार विभाग ने सोमवार को ‘यूथ-लेड कम्युनिटी कॉल: कोविड-19 एंड क्लाइमेट इमरजेंसी' नामक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें जलवायु संकट को लेकर कार्रवाई और महामारी की प्रतिक्रिया पर संवाद के लिए दुनिया भर के युवाओं की भागीदारी देखी गई। संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक संचार विभाग में ‘आउटरीच डिवीजन’ के निदेशक माहेर नासेर ने चर्चा शुरू करते हुए कहा कि जलवायु संकट को ध्यान में रखते हुए, कोविड-19 महामारी से निपटने के साथ साथ इस बात पर पुन:विचार करने की आवश्यकता है कि राष्ट्रों और समाज का ज्यादा बेहतर तरीके से पुन:निर्माण कैसे किया जा सकता है। उन्होंने विज्ञान आधारित समाधान निकालने और एकजुटता से इससे निपटने की आवश्यकता पर जोर दिया।

इस अवसर पर मेडागास्कर और कोमोरोस में भारत के राजदूत और कवि अभय कुमार द्वारा लिखे गए ‘पृथ्वी गान’ को पेश किया गया। पृथ्वी दिवस मनाने के लिए और कोविड-19 तथा जलवायु संकट से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर युवाओं को आगे आने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से लिखे गए इस गीत को प्रसिद्ध कलाकार डॉ. एल सुब्रमण्यम ने संगीतबद्ध किया और उनकी पत्नी तथा प्रख्यात पार्श्व गायिका कविता कृष्णमूर्ति ने स्वर दिया।इस अवसर पर कुमार ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में पृथ्वी दिवस मनाने के लिए ‘पृथ्वी गान’ की प्रस्तुति उनके और पृथ्वी गान की पूरी टीम के लिए ‘‘गर्व का क्षण’’ है।कुमार ने 2008 में यह गीत लिखा था और तब से अब तक यह लंबा सफर तय कर चुका है। अब तक इसका 50 भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।

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