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सिब्बल का पीएम मोदी पर हमला- संकट के वक्त देशवासियों के साथ खड़े नहीं होने वाले को सत्ता में रहने का नैतिक हक नहीं

पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने केंद्र पर कोरोना महामारी से सही से नहीं निपटने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर के दौरान लोगों के साथ खड़े नहीं होकर पीएम मोदी ने शासन करने का अपना नैतिक अधिकार खो दिया है।

भाषा 18 Jun 2021, 8:50 pm
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम kapil-sibal

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान लोगों के साथ खड़े नहीं होकर बिना किसी शक के शासन करने का अपना नैतिक अधिकार खो चुके हैं। उन्होंने साथ ही प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि महामारी के दौरान वह चुनावों में खुद को श्रेष्ठ साबित करने का खेल खेलते रहे।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने भाषा को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री पर तीखा हमला बोला और कहा कि विश्वसनीय राजनीतिक विकल्प के अभाव का यह मतलब नहीं है कि प्रधानमंत्री को यह सोचकर अपने कर्तव्य का निर्वहन करना छोड़ देना चाहिए कि उनका राजनीतिक भविष्य सुरक्षित है। सिब्बल ने सरकार पर कोरोना टीकाकरण की कारगर रणनीति बनाने में नाकाम रहने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह अपराधिक लापरवाही है और सरकार की प्राथमिकताएं ‘गलत हैं और उसमें गंभीरता की कमी’ है।

सिब्बल ने कहा कि टूलकिट मुद्दा कुछ नहीं, बल्कि सरकार की नाकामियों से ध्यान भटकाने के लिए ‘जालसाजी’ का प्रयास है। उन्होंने दावा किया, ‘महामारी के दौरान जब लोग चिकित्सीय मदद के लिए अस्पतालों के बाहर कतारों में थे तो उस समय प्रधानमंत्री को लोगों का साथ देना चाहिए था, लेकिन वह पश्चिम बंगाल, असम और कुछ अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान स्वयं को राजनीतिक रूप से श्रेष्ठ साबित करने की होड़ में लगे थे। वह शासन करने का अधिकार नि:संदेह खो चुके हैं।’

उन्होंने यह भी कहा, ‘कोई विश्वसनीय विकल्प हो भी सकता है, नहीं भी हो सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि प्रधानमंत्री को यह मानकर अपनी जिम्मेदारियां निभाना छोड़ देना चाहिए कि उनका राजनीतिक भविष्य सुरक्षित है।’

सिब्बल ने कहा कि वह इस बात से सहमत हैं कि मौजूदा समय में मजबूत राजनीतिक विकल्प के संदर्भ में निश्चित तौर पर एक शून्यता है और इसी कारण उन्होंने अपनी पार्टी में सुधारों का सुझाव दिया ताकि देश के पास एक मजबूत और विश्वसनीय विपक्ष हो।

कांग्रेस में व्यापक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल रहे सिब्बल ने कहा कि जब पूरी दुनिया इस महामारी से निपटने में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही थी तो प्रधानमंत्री मोदी पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु और केरल में चुनावी सभाओं को संबोधित करने में लगे थे। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने अपनी ही सरकार द्वारा तय कोविड प्रोटोकॉल का खुला उल्लंघन किया जिससे देश की बदनामी हुई।

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