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Nupur Sharma: लाल कालीन बिछा रखा है, महौल बिगाड़ने के लिए आप जिम्मेदार, SC नूपुर शर्मा को खूब सुनाया

नूपुर शर्मा ने देशभर में उनके खिलाफ हुए FIR को दिल्ली में ट्रांसफर की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी। कोर्ट ने नूपुर को फटकारते हुए टीवी पर आकर माफी मांगने को कहा। यही नहीं कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को भी फटकार लगाई।

Curated byसत्यकाम अभिषेक | नवभारतटाइम्स.कॉम 1 Jul 2022, 2:04 pm

हाइलाइट्स

  • सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद साहब विवाद पर नूपुर शर्मा को जमकर सुनाया
  • शीर्ष अदालत ने कहा कि नूपुर ही देश में माहौल बिगाड़ने की जिम्मेदार है
  • अदालत ने नूपुर को पूरे देश से माफी मांगने को कहा
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नई दिल्ली: मोहम्मद साहब पर टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने आज नूपुर शर्मा को जमकर खरी-खोटी सुनाई। शीर्ष अदालत ने नूपुर से पूछा कि आखिर आपको कुछ भी कहने की जरूरत ही क्या थी? आप जैसे लोग बयान देकर लोगों को भड़काते हैं और माफी मांगने में भी देरी करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर से कहा कि आप जाकर टीवी पर माफी मांगे। गौरतलब है कि मोहम्मद साहब पर बयान देने के कारण मुस्लिम देशों में भारत की काफी फजीहत हुई थी। बीजेपी ने नुपूर को पार्टी से निलंबित भी कर दिया था। आइए जानते हैं सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर पर क्या-क्या सख्त टिप्पणी की...
बयान की जरूरत ही क्या थी?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नूपुर शर्मा की वजह से उदयपुर की घटना हुई। आपको पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। आपने अपना बयान लेने में बहुत देरी की। शीर्ष अदालत ने कहा कि क्या जरूरत थी आपको ये बयान देने की?

नूपुर पर सुप्रीम कोर्ट सख्त


टीवी पर जाकर माफी मांगो
जब नूपुर शर्मा की तरफ से वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि उनके मुवक्किल ने अपने बयान के लिए माफी मांगी और बयान वापस ले लिया है तो शीर्ष अदालत ने कहा कि इसमें भी देरी की गई थी। आपको टीवी पर जाकर माफी मांगनी चाहिए। एक तो आपने बयान देरी से वापस लिया और उसमें भी शर्त लगाई कि अगर भावनाएं आहत हुई हों तो अपना बयान वापस लेती हूं।

ये महिला देश में विरोध-प्रदर्शन की एकलौती जिम्मेदार

सुप्रीम कोर्ट ने लगातार सख्त टिप्पणियां कीं। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि नूपुर के बयानों से पूरे देश में माहौल बिगड़ा। ये महिला अकेले इस पूरे माहौल के लिए जिम्मेदार है।

किसी पार्टी की प्रवक्ता होने का ये मतलब नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी पार्टी का प्रवक्ता होने का मतलब ये नहीं है कि आप कुछ भी बयान दें।

दिल्ली पुलिस को भी फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा मामले में दिल्ली पुलिस को भी जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने क्या किया है? मुंह मत खुलवाइए। आपने तो लाल कालीन बिछा रखा था।

गधे और घास वाली दलील

नूपूर के वकील ने दलील दी कि देश के हर नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। इसपर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को बोलने का अधिकार है। लोकतंत्र में घास को बढ़ने और गधे को उसे खाने का भी अधिकार है।

कोर्ट का रुख देखते हुए नुपुर ने याचिका वापस ली

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि नुपुर शर्मा का बयान व्यथित करने वाला है और उनके बयान में अहंकार की बू आती है। इस तरह के बयान का क्या मतलब है। इस बयान के कारण ही देश में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई है। ये लोग धार्मिक नहीं हैं ये अन्य धर्म के लोगों का सम्मान नहीं करते हैं। यह सब बयान व टिप्पणियां सस्ता प्रचार पाने के लिए किया गया है और राजनीतिक एजेंडे और नफरत व घृणा वाले एक्टिविटी के लिए किया गया है।
लेखक के बारे में
सत्यकाम अभिषेक
सत्यकाम अभिषेक नवभारत टाइम्स ऑनलाइन में असिस्टेंट एडिटर हैं. यूनिवार्ता, सहारा, ज़ी न्यूज़ से होते हुए अब नवभारत टाइम्स में सेंट्रल टीम और शिफ्ट हेड हैं.... और पढ़ें

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