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जब राहुल गांधी ने किसान आंदोलन में जान गंवाने वालों को लोकसभा में दी श्रद्धांजलि, मच गया हंगामा, लगे शेम-शेम के नारे

मौका था बजट पर चर्चा का लेकिन राहुल गांधी ने पहले से ही तय कर लिया था कि वह नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर हमले बोलेंगे। सत्ता पक्ष की आपत्तियों के बावजूद उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ हमला जारी रखा। भाषण के आखिर में उन्होंने किसान आंदोलन में 'शहीद' हुए लोगों के सम्मान में 2 मिनट के मौन का ऐलान कर दिया, जिस पर हंगामा मच गया।

नवभारतटाइम्स.कॉम 11 Feb 2021, 8:15 pm

हाइलाइट्स

  • बजट पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने गुरुवार को लोकसभा में तीन नए कृषि कानूनों पर बोला हमला
  • भाषण के आखिर में उन्होंने किसान आंदोलन में मारे गए किसानों के लिए 2 मिनट के मौन का ऐलान किया
  • राहुल और कांग्रेस के सदस्य अपनी सीटों पर खड़े होकर मौन हो गए, सत्ता पक्ष ने लगाए 'शेम-शेम' के नारे
  • स्पीकर ओम बिरला ने जताई नाराजगी, कहा- इस तरह का व्यवहार उचित और गरिमामय नहीं
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नई दिल्ली
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कृषि कानूनों का मुद्दा उठाया। इस दौरान सत्ता पक्ष नियमों का हवाला देते हुए उनसे बजट पर बोलने की अपील करता रहा जबकि कांग्रेस सदस्यों ने कृषि को बजट का हिस्सा बताते हुए टोका-टाकी नहीं करने की सलाह दी। लगातार हो रही टीका-टिप्पणियों के बीच राहुल ने अपना भाषण तो पूरा किया लेकिन आखिर में कुछ ऐसा कर दिया जिस पर हंगामा मच गया। स्पीकर को भी कहना पड़ा कि यह व्यवहार उचित नहीं है, गरिमामय नहीं है।
दरअसल, राहुल गांधी ने अपने भाषण के आखिर में किसान आंदोलन में जान गंवाने वालों के सम्मान में 2 मिनट मौन रखने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा, 'जो 200 किसान शहीद हुए, उनको इन लोगों ने (सत्ता पक्ष) श्रद्धांजलि नहीं दी। मैं अपने भाषण के बाद 2 मिनट शहीदों के लिए मौन रहूंगा, आप भी हमारे साथ खड़े हो जाइए।' इसके बाद राहुल गांधी किसानों को श्रद्धांजलि के तौर पर मौन खड़े हो गए। साथ में कांग्रेस के दूसरे सदस्य भी अपनी-अपनी सीटों पर खड़े हो गए। इस पर स्पीकर ओम बिरला ने नाराजगी जताई और सत्ता पक्ष के सदस्यों ने 'शेम, शेम' के नारे लगाए।

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स्पीकर ओम बिरला ने कहा, 'माननीय सदस्यगण प्लीज बैठिए। इस सदन को चलाने की जिम्मेदारी आपने मुझे दी है तो कोई भी सदस्य इस तरह श्रद्धांजलि देगा तो ठीक नहीं है। इस तरह का व्यवहार करना उचित नहीं है, गरिमामय भी नहीं है।'


राहुल गांधी ने अपने भाषण में तीनों कृषि कानूनों के कंटेंट और इंटेंट को लेकर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इन कानूनों का मकसद बड़े उद्योगपतियों को कृषि उत्पादों के अनलिमिटेड स्टोरेज, अनलिमिटेड खरीदारी और वाजिब दाम नहीं मिलने पर किसानों को अदालत जाने देने से रोकना है। उन्होंने कहा, 'जब ये कानून लागू होंगे तो जो इस देश के किसान हैं, मजदूर हैं, छोटे व्यापारी हैं, उनका धंधा बंद हो जाएगा। किसान को सही दाम नहीं मिलेगा। सिर्फ दो लोग हम दो और हमारे दो इस देश को चलाएंगे। फूड सिक्यॉरिटी सिस्टम नष्ट हो जाएगा, हिंदुस्तान के लोगों को भूख से मरना पड़ेगा। ग्रामीण अर्थ्व्यवस्था नष्ट हो जाएगी और देश रोजगार पैदा नहीं कर पाएगा।' राहुल गांधी ने कहा कि नए कानूनों से भूख, बेरोजगारी और आत्महत्या का ही विकल्प बचेगा।

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राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा, 'कल प्रधानमंत्री जी ने अपने भाषण में विपक्ष के बारे में बोला था कि विपक्ष आंदोलन की बात कर रहा है, मगर जो कृषि कानून हैं, उनके कॉन्टेंट और इंटेंट के बारे में नहीं बोल रहा है। तो मैंने सोचा कि आज प्रधानमंत्री जी को खुश करें। तीनों कानूनों के कॉन्टेंट और इंटेंट पर बात करें। ...किसान का मुद्दा भी बजट का मुद्दा है। आप उनका आदर कीजिए। इन तीनों कानूनों का कॉन्टेंट और इंटेंट क्या है? पहले कानून का कॉन्टेंट और इंटेंट यह है कि कोई भी व्यक्ति देश में कहीं भी, कितना भी अनाज, सब्जी-फल खरीद सकता है। अगर खरीदी देश में अनलिमिटेड हो जाएगी तो मंडी में कौन जाएगा? पहले कानून का लक्ष्य देश से मंडी को खत्म करने का है।'


कांग्रेस नेता ने आगे कहा, 'दूसरे कानून का कॉन्टेंट है कि बड़े से बड़े उद्योगपति जितना भी अनाज, फल, सब्जी स्टोर कर लेना चाहते हैं, कर सकते हैं। वे जितना जमाखोरी करना चाहते हैं, कर सकते हैं। दूसरे कानून का इंटेंट इशेंशियल कमोडिटीज ऐक्ट को खत्म करने का है। दूसरे कानून का कॉन्टेंट जमाखोरी को अनलिमिटेड तौर पर शुरू करने का है। तीसरे कानून का कॉन्टेंट है कि जब कोई किसान किसी बड़े उद्योगपति से अपने अनाज, अपनी फसल, फल-सब्जी के लिए सही दाम मांगे तो उसे अदालत में नहीं जाने दिया जाएगा।'

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राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार को सिर्फ 4 लोग चला रहे हैं। हम दो और हमारे दो की तर्ज पर। इस दौरान कुछ कांग्रेस सदस्य टिप्पणी करते नजर आए कि हम दो हमारे दो मोदी, शाह, अंबानी और अडानी हैं। हालांकि, राहुल गांधी ने किसी का नाम नहीं लिया। सत्ता पक्ष से आपत्ति भी जताई गई कि अगर राहुल इस तरह के आरोप लगा रहे हैं तो उनकी विश्वसनीयता के लिए आंकड़ें पेश करें। इस पर स्पीकर ने कहा कि वह देखेंगे कि कुछ बातों को रेकॉर्ड में रखा जाए या नहीं।


राहुल गांधी ने कहा, 'सालों पहले फैमिली प्लानिंग का नारा था- हम दो हमारे दो। अब इंटेंट की बात करता हूं। जैसे कोरोना दूसरे रूप में आता है, वैसे ही यह नारा दूसरे रूप में आता है। आज इस देश को 4 लोग चलाते हैं- हम दो और हमारे दो। हमारे दो मित्रों में से एक जो सबसे बड़ा मित्र है उसे पूरे हिंदुस्तान में फल, अनाज और सब्जी बेचने का अधिकार। नुकसान छोटे व्यापारियों को होगा, मंडी में काम करने वालों को होगा।'

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, 'दूसरे कानून का इंटेंट दूसरे मित्र की मदद करने का है। दूसरे मित्र को देशभर में फल, सब्जी, अनाज को स्टोरेज करने की मोनोपोली देना है।' इस पर सत्ता पक्ष ने ऐतराज जताया कि यह कोई सभा नहीं है, बजट पर ही बोलिए। राहुल गांधी ने आगे कहा, 'प्रधानमंत्री कहते हैं कि मैंने ऑप्शन दिया है। आपने तीन ऑप्शन दिए हैं- भूख, बेरोजगारी और आत्महत्या।'

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राहुल गांधी ने कहा, 'हिंदुस्तान का सबसे बड़ा बिजनस एग्रीकल्चर का है। 40 प्रतिशत आबादी इससे जीती है। 40 लाख करोड़ रुपये का धंधा है। दूसरे कानून का इंटेंट है- एक व्यक्ति को आप पूरे देश के अनाज के स्टोरेज की मोनोपॉली दे दो। इससे यह होगा कि किसान से सस्ते दाम पर अनाज खरीदे जाएंगे लेकिन जब किसान अनाज उपभोक्ता के तौर पर खरीदेगा तो उसे महंगे दाम पर मिलेगा।'

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