नई दिल्ली
राहुल गांधी को लेकर एक बार फिर देश की राजनीति गरमा गई है। एक सभा को संबोधित करते हुए उत्तर भारत का सांसद और बतौर वायनाड सांसद राहुल गांधी ने अपने अनुभव साझा किए जिसको लेकर अब सियासी बवाल मच गया है। यह मामला अब उत्तर बनाम दक्षिण हो गया है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से इस मसले पर जोरदार हमला बोला गया है और लगातार राहुल गांधी पर निशाना साधा जा रहा है। इतना ही इस पूरे मसले पर अब राहुल गांधी अपनों के भी निशाने पर आ गए हैं। ऐसे में कांग्रेस बचाव में उतर आई है। कांग्रेस के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने इस पूरे मामले पर कहा कि हर प्रदेश का हर जगह का वोटर अपने -अपने मुद्दे पर वोट देता है। क्षेत्र के अलग- अलग मुद्दे होते हैं और इसकी तुलना ठीक नहीं। वहीं, कांग्रेस ने राहुल गांधी के दक्षिण वाले बयान का बचाव किया है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। देश में मुद्दों की राजनीति होनी चाहिए, राजनीति का मुद्दा नहीं। उन्होंने आगे कहा कि एकीकरण की राजनीति होनी चाहिए, तुष्टिकरण की नहीं, परंतु इसमें भी BJP ने उत्तर-दक्षिण के विभाजन का toolkit जारी कर दिया। सुरजेवाला ने पेट्रोल की बढ़ती कीमतों और चीन के मुद्दे को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि महंगाई पर मोदी सरकार चुप क्यों है और देश का असली मुद्दा ये है।
स्मृति बोलीं- थोथा चना बाजे घना
वहीं, बीजेपी की ओर से लगातार राहुल गांधी पर हमला जारी है। केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने उन्हें एहसान फरामोश तक कह दिया। स्मृति ने कहा कि इस तरह के व्यक्ति के बारे में लोकप्रिय कहावत है 'थोथा चना बाजे घना'। स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी जिस उत्तर भारत पर सवाल खड़े कर रहे हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि सोनिया गांधी भी यहीं से सांसद हैं।
'राहुल ने उत्तर भारत को कांग्रेस मुक्त किया, अब दक्षिण चले हैं'
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी तीखा प्रहार किया। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राहुल गांधी ने पहले उत्तर भारत को कांग्रेस मुक्त कर दिया, अब दक्षिण को चले हैं। हमारे और जनता के लिए पूरा देश एक है। कांग्रेस भारत को उत्तर और दक्षिण में बांटना चाहती है। जनता ऐसे प्रयासों को सफल नहीं होने देगी।
गौरतलब है कि तिरुवनंतपुरम में एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा, 'मैं पहले 15 सालों के लिए उत्तर भारत से सांसद था। मुझे एक अलग प्रकार की राजनीति की आदत हो गई थी। केरल आने पर मुझे अलग तरह का अनुभव हुआ क्योंकि मैंने अचानक पाया कि लोग मुद्दों में रुचि रखते हैं और मुद्दों में विस्तार से जाते हैं।'
राहुल गांधी को लेकर एक बार फिर देश की राजनीति गरमा गई है। एक सभा को संबोधित करते हुए उत्तर भारत का सांसद और बतौर वायनाड सांसद राहुल गांधी ने अपने अनुभव साझा किए जिसको लेकर अब सियासी बवाल मच गया है। यह मामला अब उत्तर बनाम दक्षिण हो गया है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से इस मसले पर जोरदार हमला बोला गया है और लगातार राहुल गांधी पर निशाना साधा जा रहा है। इतना ही इस पूरे मसले पर अब राहुल गांधी अपनों के भी निशाने पर आ गए हैं। ऐसे में कांग्रेस बचाव में उतर आई है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। देश में मुद्दों की राजनीति होनी चाहिए, राजनीति का मुद्दा नहीं। उन्होंने आगे कहा कि एकीकरण की राजनीति होनी चाहिए, तुष्टिकरण की नहीं, परंतु इसमें भी BJP ने उत्तर-दक्षिण के विभाजन का toolkit जारी कर दिया। सुरजेवाला ने पेट्रोल की बढ़ती कीमतों और चीन के मुद्दे को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि महंगाई पर मोदी सरकार चुप क्यों है और देश का असली मुद्दा ये है।
स्मृति बोलीं- थोथा चना बाजे घना
वहीं, बीजेपी की ओर से लगातार राहुल गांधी पर हमला जारी है। केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने उन्हें एहसान फरामोश तक कह दिया। स्मृति ने कहा कि इस तरह के व्यक्ति के बारे में लोकप्रिय कहावत है 'थोथा चना बाजे घना'। स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी जिस उत्तर भारत पर सवाल खड़े कर रहे हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि सोनिया गांधी भी यहीं से सांसद हैं।
'राहुल ने उत्तर भारत को कांग्रेस मुक्त किया, अब दक्षिण चले हैं'
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी तीखा प्रहार किया। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राहुल गांधी ने पहले उत्तर भारत को कांग्रेस मुक्त कर दिया, अब दक्षिण को चले हैं। हमारे और जनता के लिए पूरा देश एक है। कांग्रेस भारत को उत्तर और दक्षिण में बांटना चाहती है। जनता ऐसे प्रयासों को सफल नहीं होने देगी।
गौरतलब है कि तिरुवनंतपुरम में एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा, 'मैं पहले 15 सालों के लिए उत्तर भारत से सांसद था। मुझे एक अलग प्रकार की राजनीति की आदत हो गई थी। केरल आने पर मुझे अलग तरह का अनुभव हुआ क्योंकि मैंने अचानक पाया कि लोग मुद्दों में रुचि रखते हैं और मुद्दों में विस्तार से जाते हैं।'