नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को केदारनाथ धाम पहुंचे। प्रधानमंत्री बनने के बाद केदारनाथ धाम की यह उनकी पांचवीं यात्रा थी। केदारनाथ पहुंचकर उन्होंने भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने वहां कई परियोजनाओं की समीक्षा के साथ ही जगतगुरु आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण भी किया। पीएम के कार्यक्रम और मीडिया में उनकी तस्वीरों को देख इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने सवाल उठाया है। इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम पर ऐतराज जताते हुए कहा कि सरकारी खर्चे पर यह सार्वजनिक प्रदर्शन सही नहीं है। गुहा के इस ट्वीट पर लोगों की अलग- अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
रामचंद्र गुहा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि यदि प्रधानमंत्री किसी मंदिर में प्रार्थना करना चाहते हैं तो उन्हें निजी तौर पर और बिना कैमरे के जाना चाहिए। राज्य के खर्च पर ये सार्वजनिक प्रदर्शन ठीक नहीं हैं। उन्होंने अपने पद की गरिमा को ठेस पहुंचाया है।
रामचंद्र गुहा के इस ट्वीट पर राहुल ईश्वर ने लिखा है कि आप जैसे कद के विद्वान को गांधीवादी बहुलवाद को प्रोत्साहित करने की जरूरत है न कि नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता को। वह युग चला गया महोदय, क्या आपको लगता है कि गांधीजी को पीएम मोदी की यात्रा पर आपत्ति होती यदि वह जीवित होते।
एक दूसरी यूजर पल्लवी ने लिखा है कि पूर्व के प्रधानमंत्री जब मंदिरों में गए तो क्या उनकी तस्वीर नहीं ली गई। उषा निर्मला ने इंदिरा गांधी की तस्वीर शेयर करते हुए रामचंद्र गुहा से पूछा है कि क्या यह याद है। कई यूजर्स ने पूर्व के प्रधानमंत्रियों की तस्वीर शेयर करते हुए इतिहासकार रामचंद्र गुहा से सवाल पूछ डाला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को केदारनाथ धाम पहुंचे। प्रधानमंत्री बनने के बाद केदारनाथ धाम की यह उनकी पांचवीं यात्रा थी। केदारनाथ पहुंचकर उन्होंने भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने वहां कई परियोजनाओं की समीक्षा के साथ ही जगतगुरु आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण भी किया। पीएम के कार्यक्रम और मीडिया में उनकी तस्वीरों को देख इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने सवाल उठाया है।
रामचंद्र गुहा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि यदि प्रधानमंत्री किसी मंदिर में प्रार्थना करना चाहते हैं तो उन्हें निजी तौर पर और बिना कैमरे के जाना चाहिए। राज्य के खर्च पर ये सार्वजनिक प्रदर्शन ठीक नहीं हैं। उन्होंने अपने पद की गरिमा को ठेस पहुंचाया है।
रामचंद्र गुहा के इस ट्वीट पर राहुल ईश्वर ने लिखा है कि आप जैसे कद के विद्वान को गांधीवादी बहुलवाद को प्रोत्साहित करने की जरूरत है न कि नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता को। वह युग चला गया महोदय, क्या आपको लगता है कि गांधीजी को पीएम मोदी की यात्रा पर आपत्ति होती यदि वह जीवित होते।
एक दूसरी यूजर पल्लवी ने लिखा है कि पूर्व के प्रधानमंत्री जब मंदिरों में गए तो क्या उनकी तस्वीर नहीं ली गई। उषा निर्मला ने इंदिरा गांधी की तस्वीर शेयर करते हुए रामचंद्र गुहा से पूछा है कि क्या यह याद है। कई यूजर्स ने पूर्व के प्रधानमंत्रियों की तस्वीर शेयर करते हुए इतिहासकार रामचंद्र गुहा से सवाल पूछ डाला।