नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) गैर भाजपा शासित कुछ राज्यों के कड़े विरोध के बीच केन्द्र सरकार ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की कवायद में सूचना का खुलासा करना अनिवार्य नहीं है बल्कि स्वैच्छिक है। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि एनपीआर पहली बार 2010 में कांग्रेस के नेतृत्व वाले संप्रग द्वारा शुरू किया गया था और यह एक संवैधानिक दायित्व है। उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘एनपीआर में सूचना का खुलासा करना स्वैच्छिक है।’’ रेड्डी ने कहा कि एनपीआर एक संवैधानिक दायित्व है, राज्यों को इस पर आपत्ति नहीं करनी चाहिए। मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार एनपीआर के विभिन्न पहलुओं के बारे में राज्य सरकारों को जागरूक करेगी। एनपीआर की कवायद एक अप्रैल से 30 सितंबर 2020 के बीच की जाएगी।
एनपीआर में सूचना का खुलासा करना स्वैच्छिक है: रेड्डी
नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) गैर भाजपा शासित कुछ राज्यों के कड़े विरोध के बीच केन्द्र सरकार ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की कवायद में सूचना का खुलासा करना अनिवार्य नहीं है बल्कि स्वैच्छिक है। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि एनपीआर पहली बार 2010 में कांग्रेस के नेतृत्व वाले संप्रग द्वारा शुरू किया गया था और यह एक संवैधानिक दायित्व है। उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘एनपीआर में सूचना का खुलासा करना स्वैच्छिक है।’’ रेड्डी ने कहा कि एनपीआर एक संवैधानिक दायित्व है, राज्यों को इस पर आपत्ति नहीं करनी चाहिए।
भाषा 21 Jan 2020, 4:55 pm