नयी दिल्ली, एक अगस्त : भाषा : राष्ट्रीय हरित अधिकरण :एनजीटी: ने दिल्ली और उार प्रदेश सरकार को यमुना के डूबक्षेत्र से मलबा हटाने का निर्देश दिया और कहा कि अंधाधुंध तरीके से कूड़ा डालना नदी के प्रदूषण का परोक्ष स्रोत है। एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्त िस्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि दिल्ली और उार प्रदेश के सिंचाई विभाग की इन निर्देशों को पूरा करने की जिम्मेदारी होगी। पीठ ने कहा, अगर नहीं हटाया गया है तो यमुना नदी के दोनों तरफ से मलबा तीन हफ्तों के भीतर हटाया जाए। अधिकरण ने कहा कि यमुना नदी के पुनरोद्धार का काम बिना वजह रूकना नहीं चाहिए क्योंकि प्रदूषण प्रतिदिन बढ रहा है और अधिकारियों द्वारा किसी भी निष्क््िरुयता को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। पीठ ने कहा कि पर्यावरण एवं लोक स्वास्थ्य के हित में, सरकार और सभी संबंधित प्राधिकारों को अपना कामकाज करना चाहिए और यह सुनिश्चित हो कि यमुना नदी का पुनरोद्धार करके वह अपने वास्तविक रूप में लौटे। अब परियोजना एक सुनियोजित, वैग्यानिक और लागू करने योग्य तरीके से पूरी की जा रही है और इसमें किसी भी तरह का अवरोध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकरण ने यमुना की साफ सफाई के काम को देखने के लिए बनी प्रधान समिति का फिर से गठन किया और इसमें जल संसाधन मंत्रालय के पूर्व सचिव शशि शेखर को विशेष आमंत्र्ाित सदस्य बनाया। पीठ ने यमुना नदी की सफाई और पुनरोद्धार के लिए दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उार प्रदेश के अधिकारियों सहित अन्य पक्षों की बैठक बुलाई जो आठ अगस्त को अपरान तीन बजे से होगी। भाषा
यमुना डूब क्षेत्र से मलबा तीन हफ्ते में हटाया जाए:एनजीटी
नयी दिल्ली, एक अगस्त : भाषा : राष्ट्रीय हरित अधिकरण :एनजीटी: ने दिल्ली और उार प्रदेश सरकार को यमुना के डूबक्षेत्र से मलबा हटाने का निर्देश दिया और कहा कि अंधाधुंध तरीके से कूड़ा डालना नदी के प्रदूषण का परोक्ष स्रोत है।
भाषा 1 Aug 2017, 6:50 pm