नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस परेड में इस बार इंडियन आर्मी की अलग-अलग दौर की यूनिफॉर्म दिखाई देगी। साथ ही अलग-अलग दौर के हथियार भी दिखाई देंगे। 1950 के दशक में इस्तेमाल होने वाले टैंक और राइफल से लेकर आधुनिक टैंक और हथियार गणतंत्र दिवस परेड में दिखेंगे। गणतंत्र दिवस के डिप्टी परेड कमांडर भारतीय सेना के मेजर जनरल आलोक कक्कड़ ने बताया कि इस बार गणतंत्र दिवस की परेड राजपथ से नेशनल स्टेडियम तक जाएगी। झांकियां लाल किले तक जाएंगी। परेड का संचालन भी इस बार 30 मिनट देरी से यानी 10.30 बजे शुरू होगा। मार्चिंग दस्ते में लोगों की संख्या 144 की बजाय 96 रहेगी ताकि सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे।
गणतंत्र दिवस परेड की रिहर्सल 17 जनवरी से जारी है। मेजर जनरल कक्कड़ ने कहा कि परेड में इंडियन आर्मी के कुल 6 मार्चिंग दस्ते होंगे। पहला दस्ता राजपूत रेजिमेंट का होगा जो 1950 के दशक की इंडियन आर्मी की यूनिफॉर्म पहने होगा और उनके हाथ में होगी 303 राइफल।
दूसरा दस्ता असम रेजिमेंट का होगा। ये 1960 के दशक की आर्मी यूनिफॉर्म पहने होंगे और इनके हाथ में भी होगी 303 राइफल, जो उस वक्त इस्तेमाल होती थी। तीसरा दस्ता जम्मू-कश्मीर लाइट इंफ्रेंटी का होगा और इस दस्ते में शामिल सैनिक 1970 के दशक की आर्मी यूनिफॉर्म पहने होंगे और इनके हाथ में 7.62 एमएम सेल्फ लोडिंग राइफल दिखाई देगी।
चौथा और पांचवां दस्ता सिख लाइट इंफ्रेंट्री और आर्मी ऑर्डिनेंस कोर का होगा। ये दस्ता आर्मी की मौजूदा यूनिफॉर्म पहने होगा और हाथ में होगी इंसास राइफल। आर्मी का आखिरी मार्चिंग दस्ता पैराशूट रेजिमेंट का होगा। ये सैनिक आर्मी की नई कॉम्बेट यूनिफॉर्म पहने होंगे और इनके हाथ में अत्याधुनिक टेवॉर राइफल होगी।
गणतंत्र दिवस परेड में दिखाया जाएगा कि किस तरह वक्त के साथ इंडियन आर्मी की यूनिफॉर्म बदली है और हथियारों में किस तरह का बदलाव आया है। 1965 और 1971 के युद्ध में जिन टैंकों का इस्तेमाल किया गया था वह भी दिखेंगे साथ ही आधुनिक टैंक भी परेड में शामिल होंगे। गणंत्रत्र दिवस परेड में विटेंज हथियार और सैन्य सिस्टम से लेकर आधुनिक सिस्टम तक दिखाए जाएंगे।
परेड में कुल 16 मार्चिंग दस्ते होंगे। इसमें 6 आर्मी के, एक नेवी का, एक एयरफोर्स का, 4 सेंट्रल आर्म्ड फोर्स के, 2 एनसीसी, 1 दिल्ली पुलिस और 1 एनएसएस का होगा। कुल 27 बैंड होंगे।
गणतंत्र दिवस परेड की रिहर्सल 17 जनवरी से जारी है। मेजर जनरल कक्कड़ ने कहा कि परेड में इंडियन आर्मी के कुल 6 मार्चिंग दस्ते होंगे। पहला दस्ता राजपूत रेजिमेंट का होगा जो 1950 के दशक की इंडियन आर्मी की यूनिफॉर्म पहने होगा और उनके हाथ में होगी 303 राइफल।
दूसरा दस्ता असम रेजिमेंट का होगा। ये 1960 के दशक की आर्मी यूनिफॉर्म पहने होंगे और इनके हाथ में भी होगी 303 राइफल, जो उस वक्त इस्तेमाल होती थी। तीसरा दस्ता जम्मू-कश्मीर लाइट इंफ्रेंटी का होगा और इस दस्ते में शामिल सैनिक 1970 के दशक की आर्मी यूनिफॉर्म पहने होंगे और इनके हाथ में 7.62 एमएम सेल्फ लोडिंग राइफल दिखाई देगी।
चौथा और पांचवां दस्ता सिख लाइट इंफ्रेंट्री और आर्मी ऑर्डिनेंस कोर का होगा। ये दस्ता आर्मी की मौजूदा यूनिफॉर्म पहने होगा और हाथ में होगी इंसास राइफल। आर्मी का आखिरी मार्चिंग दस्ता पैराशूट रेजिमेंट का होगा। ये सैनिक आर्मी की नई कॉम्बेट यूनिफॉर्म पहने होंगे और इनके हाथ में अत्याधुनिक टेवॉर राइफल होगी।
गणतंत्र दिवस परेड में दिखाया जाएगा कि किस तरह वक्त के साथ इंडियन आर्मी की यूनिफॉर्म बदली है और हथियारों में किस तरह का बदलाव आया है। 1965 और 1971 के युद्ध में जिन टैंकों का इस्तेमाल किया गया था वह भी दिखेंगे साथ ही आधुनिक टैंक भी परेड में शामिल होंगे। गणंत्रत्र दिवस परेड में विटेंज हथियार और सैन्य सिस्टम से लेकर आधुनिक सिस्टम तक दिखाए जाएंगे।
परेड में कुल 16 मार्चिंग दस्ते होंगे। इसमें 6 आर्मी के, एक नेवी का, एक एयरफोर्स का, 4 सेंट्रल आर्म्ड फोर्स के, 2 एनसीसी, 1 दिल्ली पुलिस और 1 एनएसएस का होगा। कुल 27 बैंड होंगे।