Please enable javascript.आर्थिक मामले देखने के दीवानी अदालतों का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने का अनुरोध - request to increase the jurisdiction of civil courts to deal with economic matters - Navbharat Times

आर्थिक मामले देखने के दीवानी अदालतों का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने का अनुरोध

भाषा 21 Aug 2021, 2:48 pm

नयी दिल्ली, 21 अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय से एक अधिवक्ता ने अनुरोध किया है कि यहां दीवानी अदालतों के आर्थिक मामलों संबंधी अधिकार क्षेत्र को बढ़ाया जाए जो फिलहाल तीन लाख रूपये तक है। यह अनुरोध इस आधार पर किया गया है कि इससे जिला अदालतों में ऐसे मामलों का भार कम होगा। अधिवक्ता अमित साहनी ने 14 अगस्त के अभिवेदन में कहा कि दीवानी अदालतों की सीमा में अंतिम बार संशोधन 2003 में किया गया था। इसमें कहा गया कि, अभी राष्ट्रीय राजधानी में अदालतों के बीच ‘‘आर्थिक मामलों के अधिकार क्षेत्र का वितरण उपयुक्त नहीं है।’’ उच्च न्यायालयों

request to increase the jurisdiction of civil courts to deal with economic matters
आर्थिक मामले देखने के दीवानी अदालतों का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने का अनुरोध
नयी दिल्ली, 21 अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय से एक अधिवक्ता ने अनुरोध किया है कि यहां दीवानी अदालतों के आर्थिक मामलों संबंधी अधिकार क्षेत्र को बढ़ाया जाए जो फिलहाल तीन लाख रूपये तक है। यह अनुरोध इस आधार पर किया गया है कि इससे जिला अदालतों में ऐसे मामलों का भार कम होगा।

अधिवक्ता अमित साहनी ने 14 अगस्त के अभिवेदन में कहा कि दीवानी अदालतों की सीमा में अंतिम बार संशोधन 2003 में किया गया था। इसमें कहा गया कि, अभी राष्ट्रीय राजधानी में अदालतों के बीच ‘‘आर्थिक मामलों के अधिकार क्षेत्र का वितरण उपयुक्त नहीं है।’’ उच्च न्यायालयों का आर्थिक मामलों का अधिकार क्षेत्र 1969 में 25,000 रूपये से बढ़ाकर 2015 में दो करोड़ रूपये से अधिक किया गया वहीं जिला अदालतों का 2003 में 20 लाख रूपये से बढ़ाकर 2018 में दो करोड़ रूपये तक किया गया लेकिन दीवानी अदालतों के आर्थिक मामलों के अधिकार क्षेत्र में कोई परिवर्तन नहीं किया गया जो अब भी तीन लाख रूपये है।

इसमें कहा गया कि दीवानी न्यायाधीशों के आर्थिक मामलों को देखने के अधिकार क्षेत्र में वितरण को संशोधनों के वक्त आनुपातिक रूप से बदला गया लेकिन 2003 से दिल्ली जिला अदालतों में पदस्थ दीवानी न्यायाधीशों के आर्थिक मामलों के अधिकार क्षेत्र में कोई वृद्धि नहीं की गई।

अभिवेदन में कहा गया कि दिल्ली में अब ऐसी कोई संपत्ति नहीं है जिसकी कीमत महज तीन लाख रूपये हो और दीवानी न्यायाधीशों पर लगाई गई वित्तीय सीमा बहुत ही कम है।

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