जस्टिस एस ए बोबडे होंगे अगले चीफ जस्टिस, 18 नवंबर को शपथ ग्रहण
जस्टिस एस ए बोबडे देश के अगले चीफ जस्टिस होंगे। शरद अरविंद बोबडे मौजूदा चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की जगह लेंगे। जस्टिस बोबडे 23 अप्रैल 2021 तक मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहेंगे।
नवभारत टाइम्स 29 Oct 2019, 11:03 am
हाइलाइट्स
- एस ए बोबडे देश के अगले चीफ जस्टिस होंगे
- इनका पूरा नाम शरद अरविंद बोबडे है, 18 नवंबर को लेंगे शपथ
- जस्टिस बोबडे मौजूदा चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की जगह लेंगे
- चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का कार्यकाल 17 नवंबर 2019 को खत्म हो रहा है
- जस्टिस बोबडे 23 अप्रैल 2021 तक मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहेंगे
नई दिल्ली
जस्टिस एस ए बोबडे देश के अगले चीफ जस्टिस होंगे। शरद अरविंद बोबडे मौजूदा चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की जगह लेंगे। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का कार्यकाल 17 नवंबर 2019 को खत्म हो रहा है। इसके अगले दिन यानी 18 नवंबर को बोबडे का शपथ ग्रहण होगा। जस्टिस बोबडे 23 अप्रैल 2021 तक मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहेंगे। परंपरा के हिसाब से ही गोगोई ने इसी महीने सरकार को पत्र लिख कर न्यायमूर्ति एस ए बोबडे को अपना उत्तराधिकारी बनाए जाने की सिफारिश की थी। अब राष्ट्रपति ने एस ए बोबडे को सुप्रीम कोर्ट का अगला चीफ जस्टिस बनाए जाने के आदेश पर हस्ताक्षर भी कर दिए हैं। जस्टिस बोबडे 12 अप्रैल 2013 को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त हुए थे। सुप्रीम कोर्ट आने से पहले जस्टिस बोबडे मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर थे।
रंजन गोगोई ने तीन अक्टूबर 2018 को देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ ग्रहण की थी। वह 17 नवंबर को रिटायर होंगे। उनके कार्यकाल में ही अयोध्या जमीन विवाद का फैसला आने के आसार हैं। प्रधान न्यायाधीश ने परंपरा के अनुसार अपने उत्तराधिकारी के रूप में अपने बाद अगले वरिष्ठतम न्यायाधीश के नाम की सिफारिश की थी।
जस्टिस एस ए बोबडे देश के अगले चीफ जस्टिस होंगे। शरद अरविंद बोबडे मौजूदा चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की जगह लेंगे। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का कार्यकाल 17 नवंबर 2019 को खत्म हो रहा है। इसके अगले दिन यानी 18 नवंबर को बोबडे का शपथ ग्रहण होगा। जस्टिस बोबडे 23 अप्रैल 2021 तक मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहेंगे।
रंजन गोगोई ने तीन अक्टूबर 2018 को देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ ग्रहण की थी। वह 17 नवंबर को रिटायर होंगे। उनके कार्यकाल में ही अयोध्या जमीन विवाद का फैसला आने के आसार हैं। प्रधान न्यायाधीश ने परंपरा के अनुसार अपने उत्तराधिकारी के रूप में अपने बाद अगले वरिष्ठतम न्यायाधीश के नाम की सिफारिश की थी।