ऐपशहर

आरक्षण: SC ने राजस्थान सरकार को दी राहत

गुर्जरों को आरक्षण का लाभ देने के लिए राजस्थान विधानसभा में पारित ओबीसी आरक्षण बिल 2017 पर रोक लगाने के हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार से कहा है कि मामला पेंडिंग रहने के दौरान इस मामले में कोई प्रशासनिक फैसला राज्य सरकार नहीं ले सकती।

नवभारत टाइम्स 16 Nov 2017, 3:18 am
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम supreme-court

गुर्जरों को आरक्षण का लाभ देने के लिए राजस्थान विधानसभा में पारित ओबीसी आरक्षण बिल 2017 पर रोक लगाने के हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार से कहा है कि मामला पेंडिंग रहने के दौरान इस मामले में कोई प्रशासनिक फैसला राज्य सरकार नहीं ले सकती।

हाई कोर्ट के आदेश को राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार को विधेयक पारित करने का अधिकार है। हाई कोर्ट विधायी प्रक्रिया पर रोक नहीं लगा सकता। अटर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने कहा कि हाई कोर्ट कैसे इस विधेयक पर रोक लगा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट को विधायिका की प्रक्रिया पर रोक लगाने का कोई अधिकार नहीं है।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि मामले में जब तक हाई कोर्ट का फैसला नहीं हो जाता, तब तक वह आरक्षण के लिए 50 फीसदी की सीमा को पार नहीं करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को हाई कोर्ट भेजा है और कहा है कि जब तक हाई कोर्ट का फैसला नहीं हो जाता, सुप्रीम कोर्ट का निर्देश प्रभावी रहेगा। हाई कोर्ट अब इस पूरे मामले की मेरिट के आधार पर सुनवाई करेगा।

राजस्थान सरकार के ओबीसी आरक्षण विधेयक 2017 पर राजस्थान हाई कोर्ट ने गुरुवार को रोक लगा दी थी। यह विधेयक राजस्थान विधानसभा में 25 अक्टूबर को पास किया गया था। इस मामले में गंगासहाय शर्मा नाम के याचिकाकर्ता ने विधेयक की संवैधानिकता को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने दलील दी थी कि विधेयक के माध्यम से आरक्षण देने के बाद रिजर्वेशन की सीमा 54 फीसदी हो गई थी। वह 50 फीसदी की तय सीमा पार कर गया था।

अगला लेख

Indiaकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर