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Amit Shah: अमित शाह नेपथ्य के नायक... राजनाथ ने कहा, श्रेय की लालसा के बिना किया काम

Rajnath Singh on Amit Shah: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने शाह को नेपथ्य का नायक बताया है। साथ ही कहा कि उन्होंने बिना श्रेय की लालसा के काम किया।

Edited byराहुल पराशर | भाषा 11 Aug 2022, 2:34 am
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री को ‘नेपथ्य के नायक’ करार दिया। राजनाथ ने कहा कि अमित शाह ने किसी श्रेय की लालसा के बिना काम किया है। वह अपने जीवन में खट्टे-मीठे अनुभवों के बावजूद अपने कर्तव्यों पर अडिग रहे। राजनाथ सिंह ने विभिन्न मामलों पर दिए अमित शाह के भाषणों के संग्रह ‘शब्दांश’ के विमोचन पर कहा कि शाह राजनीति और अध्यात्म का दुर्लभ संगम हैं। उनके अध्ययन का दायरा कई लोगों को आश्चर्यचकित करेगा।

भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने अमित शाह के बारे में कहा कि यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि शाह नेपथ्य के नायक हैं। उनमें श्रेय की कोई लालसा नहीं है। वह पर्दे के पीछे रहते हैं। सरकार और पार्टी के लिए कई बड़े कार्य करते हैं। इसके बावजूद उन्हें इतना पढ़ने का समय मिल जाता है। राजनाथ ने कहा कि शाह का जीवन एक प्रयोगशाला रहा है, जिसमें खट्टे-मीठे अनुभव रहे हैं। उन्होंने सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले का जिक्र करते हुए कहा कि गुजरात के नेता को कई महीने जेल में बिताने पड़े। इस मामले में शाह को अदालत ने बाद में सभी आरोपों से बरी कर दिया था।

रक्षा मंत्री ने कहा कि विभिन्न जांच एजेंसी ने उन्हें बहुत परेशान किया। उन्होंने गुजरात दंगों के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भी निशाना बनाया गया था। इस मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने प्रधानमंत्री मोदी को क्लीन चिट दे दी है। उन्होंने कहा कि शाह को इस बात का विश्वास था कि सच सामने आएगा।

राजनाथ सिंह ने ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले में प्रवर्तन निदेशालय की कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ किए जाने को लेकर पार्टी के प्रदर्शनों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी ने जब भी शाह को तलब किया, वे गए। उन्होंने इसे लेकर कोई हाय-तौबा नहीं मचाई या कोई आंदोलन नहीं चलाया। जब भाजपा के दोनों नेताओं के खिलाफ संघीय एजेंसियों की जांच चल रही थी, उस समय कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार सत्ता में थी।

राजनाथ ने कहा कि हर चुनौती ने उन्हें (शाह को) मजबूत बनाया। प्रशंसा या अपयश की परवाह किए बिना वह अपने कर्तव्यों के मार्ग पर चले। राजनीति और अध्यात्म का मेल दुर्लभ ही पाया जाता है, जो उनमें है। उन्होंने कहा कि राजनीति का अर्थ समाज को उचित मार्ग पर लाना है, लेकिन इस शब्द ने अपना अर्थ खो दिया है।लोग राजनीति और नेताओं को नकारात्मक रूप से देखते हैं। उन्होंने कहा कि शाह राजनीति के इस असल लक्ष्य को बहाल करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
लेखक के बारे में
राहुल पराशर
नवभारत टाइम्स डिजिटल में सीनियर डिजिटल कंटेंट क्रिएटर। पत्रकारिता में प्रभात खबर से शुरुआत। राष्ट्रीय सहारा, हिंदुस्तान, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर से होते हुए टाइम्स इंटरनेट तक का सफर। डिजिटल जर्नलिज्म को जानने और सीखने की कोशिश। नित नए प्रयोग करने का प्रयास। मुजफ्फरपुर से निकलकर रांची, पटना, जमशेदपुर होते हुए लखनऊ तक का सफर।... और पढ़ें

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