चर्चा में भाग लेते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले ने विधेयक का समर्थन किया लेकिन कहा कि सरकार ध्यान रखे कि इस उद्योग के चलते कहीं भारत विदेशी कचरे का ‘डंपिंग ग्राउंड’ नहीं बन जाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने श्रमिकों की सुरक्षा की बात की है लेकिन इसमें श्रमिक संहिता, 2019 का कोई उल्लेख नहीं है।जदयू के कौशलेंद्र कुमार ने भी कहा कि सरकार ध्यान रखे कि पूरी दुनिया का कचरा भारत में जमा नहीं हो। इस पर निगरानी के लिए प्रणाली बनानी होगी।वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के टी रंगैया ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इसमें मानवीय और पर्यावरण सुरक्षा संबंधी कुछ चिंताएं हैं जिन पर सरकार को ध्यान रखना चाहिए।तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रभाकर रेड्डी ने भी स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं पर सरकार का ध्यान खींचते हुए कहा कि जहाजों को तोड़ने में घटिया तरीकों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए और अंतरराष्ट्रीय मानकों का उपयोग किया जाना चाहिए। बसपा के दानिश अली ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से ऐसा न हो कि विदेश का कचरा ‘ब्रेक इन इंडिया’ के लिए लाकर यहां ‘डंप इन इंडिया’ बन जाए। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस शर्त के साथ विधेयक का समर्थन करती है कि भारत में विदेशी कचरा एकत्रित नहीं हो और रोजगार उपलब्ध होने के साथ ही मजदूरों की सेहत से समझौता नहीं हो।कांग्रेस के डीन कुरियाकोस ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों का ध्यान रखने की बात कही।भाजपा की पूनमबेन मदाम ने कहा कि यह विधेयक जहाज पुनर्चक्रण में भारत की अग्रणी भूमिका को और मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि विधेयक में मानवीय सुरक्षा और पर्यावरण सुरक्षा को लेकर स्पष्ट प्रावधान हैं।शिवसेना के अरविंद सावंत ने विधेयक के प्रावधानों और सरकार की मंशा का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार ने मुंबई बंदरगाह के विकास की बात कही थी लेकिन दक्षिण मुंबई में समुद्र किनारे बसी झुग्गी झोपड़ियों की वजह से यह काम कैसे होगा, सरकार को बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को मुंबई तटीय क्षेत्र के विकास की ओर भी ध्यान देना चाहिए। बीजू जनता दल की शर्मिष्ठा सेठी ने कहा कि विधेयक पारित होने और कानून बनने के बाद इस उद्योग को बढ़ावा मिलेगा तथा सख्त प्रावधानों से पर्यावरण की भी सुरक्षा होगी।द्रमुक के कलानिधि वीरास्वामी ने विधेयक को अच्छा बताते हुए मजदूरों के संबंध में और भी विचार-विमर्श की जरूरत बताई। भाजपा के मनोज कोटक ने कहा कि विधेयक के मसौदे से स्पष्ट है कि इसमें पर्यावरण सुरक्षा के पर्याप्त प्रावधान हैं।जारी
पोत विधेयक चर्चा दो लोस
चर्चा में भाग लेते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले ने विधेयक का समर्थन किया लेकिन कहा कि सरकार ध्यान रखे कि इस उद्योग के चलते कहीं भारत विदेशी कचरे का ‘डंपिंग ग्राउंड’ नहीं बन जाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने श्रमिकों की सुरक्षा की बात की है लेकिन इसमें श्रमिक संहिता, 2019 का कोई उल्लेख नहीं है।जदयू के कौशलेंद्र कुमार ने भी कहा कि सरकार ध्यान रखे कि पूरी दुनिया का कचरा भारत में जमा नहीं हो। इस पर निगरानी के लिए प्रणाली बनानी होगी।वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के टी रंगैया ने विधेयक का समर्थन करते हुए
भाषा 3 Dec 2019, 5:20 pm