सुजित जॉन, नई दिल्ली
रात के करीब 11:30 बजे होंगे, हर तरफ पार्टी का माहौल था और लोग नव वर्ष 2013 के स्वागत की तैयारियों में जुटे थे। तभी इंडिया प्लाजा डॉट कॉम के मालिक के घर के दरवाजे पर जोरों से आवाज आती है। उनकी पत्नी और बच्चे उन्हें आगाह करते हैं, लेकिन वह हिम्मत के साथ दरवाजा खोलते हैं। शराब के नशे में धुत लोगों का समूह खड़ा दिखता है। वे उन्हें, उनकी पत्नी और बेटे को गालियां देते हैं। धमकिया देते हैं और हंगामा करते हैं। शोर सुनकर आसपास के लोग भी बड़ी संख्या में जुट जाते हैं। यह वह दौर था, जब इंडिया प्लाजा डॉट कॉम के संस्थापक के. वैथीस्वरन आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे होते हैं। वह अपनी ईकॉमर्स कंपनी से जुड़े वेंडर्स को पेमेंट नहीं कर पाते और एंप्लॉयीज को सैलरी तक देने का संकट खड़ा हो जाता है।
CCD के शेयरों में गिरावट जारी, 3 दिन में 42% धड़ाम
एक दिन एक वेंडर उनके ऑफिस में आता है और टेबल पर छुरा रख देता है। कुछ लोग उनके घर जाकर पत्नी तक को धमकी देते हैं। सैलरी न मिलने से परेशान एक पूर्व एंप्लॉयी ने तो उनकी पत्नी का यौन उत्पीड़न तक करने की धमकी दी। कंपनी के 5 निदेशकों में के. वैथीस्वरन एक थे और उनकी हिस्सेदारी भी बहुत ज्यादा नहीं थी। लेकिन कंपनी का चेहरा वही थे, लेकिन मुश्किल वक्त में हर किसी का गुस्सा उन्हीं पर फूट रहा था।
पढ़ें:कहीं यही कर्ज तो नहीं बना सिद्धार्थ की खुदकुशी की वजह!
नए साल की सुबह वैथीस्वरन को आया आत्महत्या का ख्याल
31 दिसंबर की रात को हुए हंगामे से परेशान के. वैथीस्वरन 1 जनवरी, 2013 की सुबह अपनी जान देने का भी ख्याल आने लगता है। उन्होंने बताया, 'मैं सोच रहा था कि इस तरह से अपनी पत्नी और बच्चे को परेशान होता नहीं देख सकता।' के. वैथीस्वरन के मुताबिक उन्होंने कुछ रिसर्च कीं, जिसमें यह पता चला कि यदि कोई मर जाता है तो सारा कर्ज भी उसके साथ ही समाप्त हो जाता है।
मेरे बेटे और पत्नी अकेला नहीं छोड़ते थे
उन्होंने बताया कि सूइसाइड एक वक्त में दिमाग पर छाए पागलपन का नतीजा होता है। उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी और बेटे को शंका हुई थी कि मैं कुछ भी कर सकता हूं। इसके चलते वे मुझे छोड़ते नहीं थे। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ जिस वक्त पुल पर खड़े थे, उस दौरान कोई भी उनका हाथ पकड़ने को नहीं था। अचानक उन्होंने इतना बड़ा फैसला ले लिया।
रात के करीब 11:30 बजे होंगे, हर तरफ पार्टी का माहौल था और लोग नव वर्ष 2013 के स्वागत की तैयारियों में जुटे थे। तभी इंडिया प्लाजा डॉट कॉम के मालिक के घर के दरवाजे पर जोरों से आवाज आती है। उनकी पत्नी और बच्चे उन्हें आगाह करते हैं, लेकिन वह हिम्मत के साथ दरवाजा खोलते हैं। शराब के नशे में धुत लोगों का समूह खड़ा दिखता है। वे उन्हें, उनकी पत्नी और बेटे को गालियां देते हैं।
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एक दिन एक वेंडर उनके ऑफिस में आता है और टेबल पर छुरा रख देता है। कुछ लोग उनके घर जाकर पत्नी तक को धमकी देते हैं। सैलरी न मिलने से परेशान एक पूर्व एंप्लॉयी ने तो उनकी पत्नी का यौन उत्पीड़न तक करने की धमकी दी। कंपनी के 5 निदेशकों में के. वैथीस्वरन एक थे और उनकी हिस्सेदारी भी बहुत ज्यादा नहीं थी। लेकिन कंपनी का चेहरा वही थे, लेकिन मुश्किल वक्त में हर किसी का गुस्सा उन्हीं पर फूट रहा था।
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मेरे बेटे और पत्नी अकेला नहीं छोड़ते थे
उन्होंने बताया कि सूइसाइड एक वक्त में दिमाग पर छाए पागलपन का नतीजा होता है। उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी और बेटे को शंका हुई थी कि मैं कुछ भी कर सकता हूं। इसके चलते वे मुझे छोड़ते नहीं थे। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ जिस वक्त पुल पर खड़े थे, उस दौरान कोई भी उनका हाथ पकड़ने को नहीं था। अचानक उन्होंने इतना बड़ा फैसला ले लिया।