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कुछ लोग नहीं चाहते ब्लैकमनी का सफाया हो : जेटली

बड़े नोटों को चलन से बाहर किए जाने पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के आरोपों को खारिज करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि विपक्ष के कुछ ...

नवभारतटाइम्स.कॉम 13 Nov 2016, 9:00 am

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली : बड़े नोटों को चलन से बाहर किए जाने पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के आरोपों को खारिज करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि विपक्ष के कुछ लोग गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं। जेटली ने इस बात को गलत बताया कि सरकार ने यह कदम यूपी चुनावों में राजनीतिक लाभ लेने के लिए उठाया है। उन्होंने कहा कि जो लोग ऐसा सोचते हैं, वे गलत सोचते हैं। क्योंकि ऐसे लोग नहीं चाहते हैं कि देश में सिस्टम को साफ किया जाए।

विपक्षी नेताओं के बयान गैर जिम्मेदाराना

बीजेपी नेता जेटली ने कहा, 'कुछ लोगों ने सरकार पर यह आरोप लगाया है कि जुलाई से सितंबर तक बैंकों की जमाराशि में बढ़ोतरी हुई। यानी 500-1000 रुपये के नोट को बंद करने से पहले बैंकों में जमा राशि बढ़ाई गई। यह सरासर झूठा आरोप है। मैं आरबीआई से लिस्ट मंगाकर बैंकों के जमा राशि को चेक किया। इसमें सिर्फ सितंबर में ही बैंकों की जमा राशि में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके पीछे भी एक अहम कारण है। क्योंकि सरकार ने इस दौरान ही 7वें पे-कमीशन की सिफारिशों को लागू कर दिया था।' इस मामले में कांग्रेसी नेताओं के बयान को गैर-जिम्मेदार करार देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कुछ लोगों को मोदी सरकार से इस बात को लेकर तकलीफ है कि यह देश के सिस्टम को साफ करना चाहती है। यह सरकार भ्रष्टचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। यह सरकार चाहती है कि देश में ब्लैक मनी का सफाया हो।

बेखौफ होकर बैंक में डालें बड़े नोट : शाह

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने के फैसले को सही ठहराया है। उन्होंने देश की जनता को आश्वस्त किया कि वह 500 और 1000 रुपये के नोट बेखौफ होकर बैंक में डाले और ढाई लाख रुपये तक आयकर विभाग कोई पूछताछ नहीं करेगा। शनिवार को शाह ने कहा, 'जो प्रामाणिक करदाता है, उसे तकलीफ नहीं होगी। पांच सौ और 1000 रुपये के नोट बेखौफ होकर दें। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि ढाई लाख रुपये बेखौफ होकर बैंक में डाल दीजिए। इसकी कोई आयकर पूछताछ नहीं होगी। हां अगर ढाई लाख रुपये से ज्यादा रकम है तो निश्चित तौर पर हिसाब दें।' इसके फायदे गिनाते हुए बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, 'अगर 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने का फैसला गोपनीय नहीं होता तो उससे देश को फायदा नहीं होता। इस फैसले से बड़े पैमाने पर काले धन की कटौती होने वाली है। इस फैसले से आतंकवादी निर्धन होंगे। नक्सल आंदोलन चरमराएगा। नकली नोट का चलन बंद हो जाएगा और हवाला कारोबार शून्य होगा। इस एक ही फैसले से ड्रग कारोबारी पस्त हो गए हैं। देशहित में इससे बड़ा फैसला नहीं हो सकता।'

सरकार का फैसला आतंकवाद पर प्रहार : राजनाथ

दूसरी ओर, 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने को लेकर उठ रहे सवालों पर केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सरकार के इस फैसले को आतंकवाद पर प्रहार के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे सबसे ज्यादा तकलीफ पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई को हुई है, जो नकली नोटों के सहारे आतंकवादी गतिविधियां संचालित कर रहे थे।

आतंकवाद का वित्तपोषण होगा बंद : जितेंद्र सिंह

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के 500 और 1,000 के नोट को बंद करने का फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में है और इससे देश में आतंकवाद का वित्तपोषण बंद होगा। उन्होंने कहा, 'यह फैसला जहां तक आतंकवाद का वित्तपोषण है उसे बुरी तरह प्रभावित करेगा। इस फैसले पर पहुंचने की यह एक प्रमुख वजह है। साथ ही यह देश की आर्थिक क्षमता को और मजबूत करेगा।'

राहुल ने पहले कभी बैंक से पैसा निकाला? : रविशंकर

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर तंज किया कि इससे पहले क्या उन्होंने कभी बैंक से पैसा निकाला है? उन्होंने कहा कि 1000-500 के नोट बंद करने से आतंकवाद को पनाह देने वालों, कालाबाजारी करने वालों की दिक्कत तो दिक्कत हो सकती है। लेकिन मुलायम सिंह यादव और मायावती क्यों दिक्कत हो रही है, यह समझ में नहीं आ रहा। बीजेपी नेता ने कहा कि स्वच्छ भारत, स्वच्छ गंगा और स्वच्छ अर्थव्यवस्था केंद्र सरकार का मिशन है। इसी के तहत हमने 1000-500 के नोट बंद करने का निर्णय लिया है। इससे आतंकवाद, काला धन और काला बाजारी पर रोक लगेगी।

बीजेपी के 3 करोड़ पर विवाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के ऐलान से आठ दिन पहले, पश्चिम बंगाल बीजेपी द्वारा एक राष्ट्रीयकृत बैंक में जमा किए गए 3 करोड़ रुपये को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कुल तीन करोड़ रुपये में से 40 लाख रुपये तो पीएम की घोषणा से कुछ मिनट पहले ही जमा कराए गए थे। हालांकि बीजेपी कह रही है कि इन दोनों बातों को आपस में जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए, लेकिन विरोधियों को बीजेपी पर हमला करने का मौका मिल गया है। पश्चिम बंगाल में 19 नवंबर को एक विधानसभा और दो लोकसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव से पहले विपक्ष के हाथ यह बड़ा हथियार लग गया है।

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