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लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान की दुखती रग पर रख दिया मजबूत हाथ

15 अगस्त के मौके पर लाल किले से दिए गए अपने संबोधन में PM मोदी ने आतंकवाद को संरक्षण देने के लिए पाकिस्तान को निशाने पर लिया। उन्होंने पेशावर घटना का जिक्र करते हुए कहा कि निर्दोषों के मारे जाने पर भारत में शोक था। पाकिस्तान का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि वह आतंकवादी घटनाओं का जश्न मनाता है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 15 Aug 2016, 11:19 am
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम speaking of terrorism modi reminds the world of differences between india and pakistan
लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान की दुखती रग पर रख दिया मजबूत हाथ

प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन के दौरान बिना नाम लिए ही आतंकवाद का संरक्षण करने के लिए पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया। मोदी ने कहा, 'मानवता से पले-बढ़े लोग और आतंकवाद से साथ बढ़े लोग कैसे होते हैं, इसके लिए मैं विश्व के सामने दो चित्र रखना चाहता हूं। पेशावर में आतंकवादियों ने निर्दोष बच्चों को स्कूल में जान से मार दिया। घटना पेशावर में हुई, लेकिन हिंदुस्तान के संसद की आंखों में आंसू थे। भारत के हर स्कूल में इसका शोक था। आतंकवाद से मरने वाला पेशावर का बच्चा भी हमें दर्द दे रहा था। यह हमारी मानवता थी।'

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मोदी ने आगे कहा, 'दूसरी तस्वीर वह देखिए जहां आतंकवाद के महिमामंडन का काम किया जा रहा है। जहां किसी आतंकवादी हमले में निर्दोष लोग मारे जाते हैं, तो उस पर खुशियां मनाई जाती हैं। यह भेद दुनिया अच्छी तरह समझ लेगी। मैं मानवता में यकीन करने वालों से अपील करता हूं कि वे इन दोनों तस्वीरों को तराजू में तौलकर देखें।'

गिलगित, बलूचिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे पर पाकिस्तान को घेरते हुए मोदी ने कहा, 'पिछले कुछ दिनों गिलगित, बलूचिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लोगों ने मेरे प्रति जो सद्भावना जताई है, उसके लिए मैं उनका विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। उस जमीन को मैंने देखा नहीं, लेकिन वहां के लोग मेरा आदर करते हैं तो यह मेरे देश का सम्मान है। पाक के कब्जे वाले कश्मीर, बलूचिस्तान और गिलगित के लोगों के प्रति दिल से आभार प्रकट कर रहा हूं।'

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बलूचिस्तान, गिलगित और PoK में हालात काफी तनावपूर्ण बने हुए हैं। यहां के लोग पाकिस्तानी आर्मी के अत्याचारों खिलाफ लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बलूचिस्तान के नेताओं ने इस मामले में भारत से मदद भी मांगी है। पिछले दिनों पाकिस्तान द्वारा कश्मीर के मुद्दे को बार-बार भुनाने की कोशिश की गई। दक्षिणी कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए हिजबुल आतंवादी बुरहान वानी को पाकिस्तान ने शहीद घोषित किया है। इसके समर्थन में पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ ने ब्लैक डे भी मनाया था।

पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए बलूचिस्तान का मुद्दा स्पष्ट शब्दों में उठाया। पीएम ने कहा वह बलूचिस्तान, पाक के कब्जे वाले कश्मीर और गिलगित के लोगों को प्रति आभार व्यक्त करते हैं। उनके इस बयान पर बलूचिस्तान के लोगों ने प्रधानमंत्री के प्रति आभार जताते हुए यह मुद्दा UN में उठाने की अपील की थी। रविवार को पाकिस्तान ने कहा था कि वह अपनी जश्न-ए-आजादी को 'कश्मीर की आजादी' के नाम करना चाहता है।



मोदी ने पाकिस्तान सहित अपने पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध बनाने की भारत की कोशिशों का जिक्र करते हुए कहा, 'जिस दिन हमारी सरकार ने शपथ लिया, उस दिन हमने SAARC देशों को बुलाया था। हम शांतिपूर्ण संबंध बनाकर सहयोग का रास्ता खोलना चाहते हैं। SAARC देशों की सबसे बड़ी चुनौती गरीबी है। हम मिलकर गरीबी से लड़ना चाहते हैं। मैं सभी पड़ोसियों को गरीबी से लड़ने के इस संघर्ष में शामिल होने का निमंत्रण देता हूं। हमारे पड़ोसी देश का गरीब भी अगर गरीबी से आजादी पाता है, तो हमें खुशी होगी।'

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर आतंकवाद के साथ-साथ माओवाद और नक्सल समस्या का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'हिंसा और अत्याचार का भारत के लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है। कंधे पर बंदूक लेकर निर्दोषों को मारने का खेल चल रहा है। यह देश हिंसा और आतंकवाद को कभी सहन नहीं करेगा। यह देश हिंसा के सामने कभी नहीं झुकेगा।' उन्होंने नक्सलवाद की ओर रुख कर गए लोगों से अपील करते हुए कहा, 'अभी भी समय है। मैं उन नौजवानों से अपील करता हूं कि वे लौट आएं। वे लौटकर अपने मां-बाप की उम्मीदों को पूरा करें।'

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