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क्‍या दिल्‍ली क्‍या यूपी... भयंकर गर्मी से सबकी हालत होगी खराब, IMD की ये भविष्‍यवाणी डरा रही

IMD Weather Forecast For Summer 2021: मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि इस साल दिल्‍ली-एनसीआर समेत उत्‍तर भारत में सामान्‍य से ज्‍यादा गर्मी पड़ेगी। रात के समय भी तापमान में इजाफा देखने को मिलेगा।

Reported byNeha Madaan | नवभारतटाइम्स.कॉम 2 Mar 2021, 10:11 am
दिल्‍ली-एनसीआर, हरियाणा और पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश समेत उत्‍तर भारत में इस साल खूब गर्मी पड़ेगी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार को मार्च से मई तक के अपने पूर्वानुमान में यही कहा है। IMD के मुताबिक, दिल्‍ली और हरियाणा में औसत अधिकतम तापमान सामान्‍य से 0.71 डिग्री सेल्सियस ज्‍यादा रह सकता है। पश्चिमी यूपी में तापमान सामान्‍य से 0.61 डिग्री ज्‍यादा रहने का अनुमान लगाया गया है। सबसे ज्‍यादा अंतर छत्‍तीसगढ़ में रहने का अनुमान है जहां IMD के मुताबिक, पाारा सामान्‍य से 0.86 डिग्री ज्‍यादा रह सकता है। दिल्‍ली, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, पूर्वी राजस्‍थान, मध्‍य महाराष्‍ट्र और अन्‍य जगहों पर रात के वक्‍त भी सामान्‍य से ज्‍यादा गर्मी रहने का अनुमान है।
नवभारतटाइम्स.कॉम summer season in india 2021 imd forecast suggests scorching heat ahead
क्‍या दिल्‍ली क्‍या यूपी... भयंकर गर्मी से सबकी हालत होगी खराब, IMD की ये भविष्‍यवाणी डरा रही


दक्षिणी राज्‍यों, महाराष्‍ट्र में रहेगी थोड़ी राहत

ऊपर के मानचित्र में आप जो नंबर्स देख रहे हैं, वह उन इलाकों में सामान्‍य तापमान से भिन्‍नता के पूर्वानुमान को दर्शाता है। IMD के अनुसार, दक्षिण और उससे सटे मध्य भारत में दिन का तापमान सामान्य से कम रहेगा। महाराष्‍ट्र के अधिकतर हिस्‍से, रयालसीमा, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में दिन के वक्‍त तापमान थोड़ा कम रह सकता है।

'ला नीना' मौजूद लेकिन तापमान फिर भी बढ़ेगा!

प्रशांत महासागर के ऊपर 'अल नीनो' और 'ला नीना' की स्थितियों का असर भारत के तापमान पर पड़ता है। 'ला नीना' वाले साल में आमतौर पर 'अल नीनो' के मुकाबले लू का प्रकोप कम रहता है। मौसम विभाग ने कहा कि विषुवतीय प्रशांत क्षेत्र के ऊपर मध्यम ‘ला नीना’ की स्थिति बनी हुई है। इसके बावजदू देश के कई हिस्सों में तापमान बढ़ने का पूर्वानुमान जारी किया गया है। IMD अप्रैल से जून तक के लिए दूसरा ग्रीष्मकाल पूर्वानुमान अप्रैल में जारी करेगा।

दिल्ली: इतिहास में दूसरा सबसे गर्म महीना रहा फरवरी

सूखा पड़ने की तीव्रता बढ़ेगी: IIT र‍िसर्च

मौसम विभाग के अनुसार देश में जनवरी न्यूनतम तापमान के लिहाज से 62 साल में सबसे अधिक गर्म महीना रहा। वहीं, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) गांधीनगर के रिसर्चर्स का कहना है कि जलवायु परिवर्तन से भारत में भविष्य में सूखा पड़ने की तीव्रता बढ़ेगी, जिसका फसल उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, सिंचाई की मांग बढ़ेगी और भूजल का दोहन बढ़ेगा।

'फसल पर बुरा असर होगा, सिंचाई की डिमांड बढ़ेगी'

IIT रिसर्चर्स के मुताबिक, मिट्टी की नमी में तेजी से कमी आने के चलते अचानक सूखा पड़ने की तीव्रता बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि परंपरागत सूखे की तुलना में अचानक सूखा पड़ने से दो-तीन हफ्ते के अंदर एक बड़ा क्षेत्र प्रभावित हो सकता है, इससे फसल पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा तथा सिंचाई के लिए पानी की मांग बढ़ेगी। यह अध्ययन एनपीजे क्लाइमेट जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इसमें मॉनसून के दौरान पड़ने वाले सूखे में मानव जनित जलवायु परिवर्तन की भूमिका की पड़ताल की गई है।

1979 में पड़ा था सबसे भयानक सूखा

रिसर्चर्स ने IMD द्वारा एकत्र किए गये मिट्टी के नमूनों और जलवायु अनुमान का उपयोग अपने इस अध्ययन में किया। अध्ययन टीम ने इस बात का जिक्र किया है कि 1951 से 2016 के बीच सबसे भीषण सूखा 1979 में पड़ा था, जब देश का 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सा प्रभावित हुआ था। IIT गांधीनगर में सिविल इंजीनियिरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर विमल मिश्रा ने कहा, ‘‘हमने पाया कि मॉनसून में अंतराल से या मॉनसून आने में देर होने से भारत में अचानक सूखा पड़ने की स्थिति देखी गई है तथा भविष्य में अचानक सूखा पड़ने की तीव्रता बढ़ेगी।’’

लेखक के बारे में
Neha Madaan
Neha Madaan is a senior feature writer at The Times of India, Pune. She holds an M A degree in Mass Communication and Journalism from University of Pune. She covers tourism, heritage development and its conservation, apart from an array of subjects such as civic issues, environment, astronomy, civic school education as well as social issues concerning persons with disabilities. Her interests include metaphysical research and animal rights.... और पढ़ें

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