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क्या सेंट्रल विस्टा निर्माण कार्य जारी रहने से बढ़ रहा प्रदूषण? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अगर राज्य सरकारें वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए शीर्ष अदालत, केंद्र और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को लागू नहीं करती हैं, तो अदालत इन निर्देशों के कार्यान्वयन के लिए एक टास्क फोर्स का गठन करेगी।

Edited byअनिल कुमार | नवभारतटाइम्स.कॉम 29 Nov 2021, 1:05 pm

हाइलाइट्स

  • SC ने कहा- ऐसा मत सोचें कि हम कुछ नहीं जानते, ध्यान ना भटकाएं
  • कोर्ट ने कहा- कदम उठा रहे हैं तो उसका रिजल्ट क्यों नहीं दिख रहा
  • अदालत ने AQMC के निर्देशों पर उठाए गए कदमों की मांग जानकारी
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नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जाहिर की है। शीर्ष अदालत ने प्रदूषण के बेहद खराब होते स्तर के बीच सेंट्रल विस्टा परियोजना निर्माण कार्य जारी रखने को लेकर भी सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह केंद्र से पूछेगा कि क्या सेंट्रल विस्टा परियोजना में निर्माण कार्य जारी रखने से धूल प्रदूषण बढ़ रहा है।
पलूशन कंट्रोल करने को लेकर स्ट्रगल
सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से यह बताने के लिए कहा कि दिल्ली में परियोजना के कारण वायु प्रदूषण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए। शीर्ष अदालत ने कहा कि हम दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, चाहे वह सेंट्रल विस्टा हो या कुछ और। अदालत ने कहा कि ऐसा मत सोचें कि हम कुछ नहीं जानते। ध्यान भटकाने के लिए कुछ मुद्दों को फ़्लैग न करें। सॉलिसिटर जनरल को इस पर जवाब देना होगा।


प्रदूषण के साथ कोरोना वायरस का खतरा
चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि केंद्र का कहना है कि वह कदम उठा रहा है, फिर भी राजधानी में प्रदूषण का स्तर दिन-ब-दिन खराब होता जा रहा है और कोरोनावायरस का भी खतरा मंडरा रहा है। चीफ जस्टिस ने इसपर कहा, ‘क्या करना है?’ याचिकाकर्ता नाबालिग आदित्य दुबे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने दलील दी कि सेंट्रल विस्टा परियोजना के संबंध में चल रही निर्माण गतिविधि भी दिल्ली में वायु प्रदूषण को बढ़ा रही है और अदालत से इसे रोकने के लिए निर्देश जारी करने का आग्रह किया।


तो टास्क फोर्स का गठन करना होगा
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अगर राज्य सरकारें वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए शीर्ष अदालत, केंद्र और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को लागू नहीं करती हैं, तो अदालत इन निर्देशों के कार्यान्वयन के लिए एक टास्क फोर्स का गठन करेगी। सीजेआई एन.वी. रमणा की अध्यक्षता वाली और जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि एक स्वतंत्र टास्क फोर्स बनाने के करीब (वायु प्रदूषण को रोकने के उपाय के रूप में) ... अगर राज्य कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।


'अधिकारियों को उम्मीद है कि सब अच्छा होगा'
शीर्ष अदालत ने जोर देकर कहा कि निर्देश जारी किए गए हैं और अधिकारियों को उम्मीद है कि सब अच्छा होगा। पीठ ने कहा कि लेकिन, जमीन पर रिजल्ट जीरो हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों - दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा को दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (AQMC) द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया और उनसे अनुपालन रिपोर्ट मांगी।
लेखक के बारे में
अनिल कुमार
अनिल पिछले एक दशक से अधिक समय से मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। दैनिक जागरण चंडीगढ़ से 2009 में रिपोर्टिंग से शुरू हुआ सफर, दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका, अमर उजाला, जनसत्ता.कॉम होते हुए नवभारतटाइम्स.कॉम तक पहुंच चुका है। मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं लेकिन पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है। स्पोर्ट्स और एजुकेशन रिपोर्टिंग के साथ ही सेंट्रल डेस्क पर भी काम करने का अनुभव है। राजनीति, खेल के साथ ही विदेश की खबरों में खास रुचि है।... और पढ़ें

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