नई दिल्ली हत्या के एक मामले में RJD नेता और पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को पटना हाई कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने को चुनौती देने वाली अपीलों पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला शुक्रवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति पी. सी. घोष और न्यायमूर्ति अमिताव राय की पीठ ने अपना आदेश शुक्रवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया। इससे पहले शहाबुद्दीन और अन्य लोगों की ओर से पेश हुए वकीलों ने मामले में अपनी अपनी दलीलें पीठ के समक्ष रखीं। शहाबुद्दीन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफाड़े कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने अपने मुवक्किल को जमानत दिए जाने को चुनौती देने वाली अपीलों का विरोध करते हुए कहा कि सामान्य परिस्थितियों में जीवन और छूट के आधार का हनन नहीं किया जाना चाहिए। न्यायालय ने पटना हाई कोर्ट के सामने तथ्य नहीं रखने के लिए बिहार सरकार को बुधवार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था, 'क्या उसके जमानत पाने तक आप सोए हुए थे।' हाई कोर्ट ने हत्या के मामले में RJD नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन को जमानत दी थी। नीतीश कुमार सरकार के वकील से शीर्ष अदालत ने कड़े सवाल किए थे और शहाबुद्दीन के खिलाफ मामले का अनुसरण करने में गंभीर नहीं रहने के लिए उन्हें फटकार लगाई थी। नीतीश सरकार में RJD भी सहयोगी दल है। सीवान निवासी चंद्रकेश्वर प्रसाद की तरफ से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने भी शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करने की मांग करते हुए बुधवार को कहा था कि उसे जमानत पर रिहा करना न्याय का मजाक है। चंद्रकेश्वर प्रसाद के तीन पुत्रों की दो अलग अलग घटनाओं में हत्या कर दी गई थी। शहाबुद्दीन की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफाड़े ने कहा था कि उनका मुवक्किल मीडिया ट्रायल का शिकार है। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार को निष्पक्ष होना होगा और व्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता।
शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करने की अपीलों पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
हत्या के एक मामले में RJD नेता और पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को पटना हाई कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने को चुनौती देने वाली अपीलों पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला शुक्रवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया। इससे पहले शहाबुद्दीन और अन्य लोगों की ओर से पेश हुए वकीलों ने मामले में अपनी अपनी दलीलें पीठ के समक्ष रखीं।
भाषा 29 Sep 2016, 2:57 pm