नई दिल्ली
पत्नी से क्रूरता के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। आरोपी ने अपने बचाव में दावा किया कि उसकी पत्नी ने 300 अश्लील विडियो बनाए थे, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की बेंच ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि उसका मुवक्किल एक क्रूर व्यक्ति है और उसे कोर्ट से किसी राहत की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। बेरहम पर किसी भी तरह का रहम नहीं किया जा सकता है। वकील ने जवाब दिया कि उनके मुवक्किल ने कोई क्रूरता नहीं की है। वकील ने दावा किया कि पत्नी ने कथित तौर पर 300 टिक-टॉक विडियो बनाए हैं, जो अश्लील हैं। आरोपी बोला- पत्नी ने शेयर की न्यूड तस्वीरें
जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने कहा कि शादी के बाद अनबन होने पर पत्नी ने अपनी सैकड़ों न्यूड तस्वीरें दूसरे व्यक्ति के साथ शेयर की। साथ ही दहेज उत्पीड़न का भी आरोप लगाया जबकि दहेज के रूप में एक भी पैसे की मांग नहीं की गई और ना ही कुछ लिया गया। यह आरोप पूरी तरह से एकतरफा थे।
साथ नहीं रह सकते थे तो तलाक दे देते
पीठ ने कहा इसपर कहा, इसका मतलब यह नहीं है कि पुरुष को अपनी पत्नी पर किसी भी तरह की क्रूरता करनी चाहिए। अगर उसने ऐसा किया है, तब भी आप उसके साथ ऐसा दुर्व्यवहार नहीं करेंगे। बेंच ने कहा आप उसे तलाक दे देते, यदि आप साथ नहीं रह सकते। क्रूरता की कोई आवश्यकता नहीं है।
FIR में आरोप हमेशा एकतरफा ही होते हैं
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर एकतरफा थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि एफआईआर और उसमें लगाए आरोप हमेशा एकतरफा होते हैं। पीठ ने कहा कि हमने कभी भी दोनों पक्षों द्वारा दायर की गई संयुक्त एफआईआर नहीं देखी है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को खारिज करते हुए कहा, अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जाती है
पत्नी से क्रूरता के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। आरोपी ने अपने बचाव में दावा किया कि उसकी पत्नी ने 300 अश्लील विडियो बनाए थे, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की बेंच ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि उसका मुवक्किल एक क्रूर व्यक्ति है और उसे कोर्ट से किसी राहत की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। बेरहम पर किसी भी तरह का रहम नहीं किया जा सकता है। वकील ने जवाब दिया कि उनके मुवक्किल ने कोई क्रूरता नहीं की है। वकील ने दावा किया कि पत्नी ने कथित तौर पर 300 टिक-टॉक विडियो बनाए हैं, जो अश्लील हैं।
जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने कहा कि शादी के बाद अनबन होने पर पत्नी ने अपनी सैकड़ों न्यूड तस्वीरें दूसरे व्यक्ति के साथ शेयर की। साथ ही दहेज उत्पीड़न का भी आरोप लगाया जबकि दहेज के रूप में एक भी पैसे की मांग नहीं की गई और ना ही कुछ लिया गया। यह आरोप पूरी तरह से एकतरफा थे।
साथ नहीं रह सकते थे तो तलाक दे देते
पीठ ने कहा इसपर कहा, इसका मतलब यह नहीं है कि पुरुष को अपनी पत्नी पर किसी भी तरह की क्रूरता करनी चाहिए। अगर उसने ऐसा किया है, तब भी आप उसके साथ ऐसा दुर्व्यवहार नहीं करेंगे। बेंच ने कहा आप उसे तलाक दे देते, यदि आप साथ नहीं रह सकते। क्रूरता की कोई आवश्यकता नहीं है।
FIR में आरोप हमेशा एकतरफा ही होते हैं
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर एकतरफा थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि एफआईआर और उसमें लगाए आरोप हमेशा एकतरफा होते हैं। पीठ ने कहा कि हमने कभी भी दोनों पक्षों द्वारा दायर की गई संयुक्त एफआईआर नहीं देखी है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को खारिज करते हुए कहा, अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जाती है