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आरक्षण की अवधि बढ़ाने पर विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट इस बात की सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है कि क्या संसद और विधानसभाओं...

ईटी 27 Feb 2016, 9:38 am
समन्वय राउतरे, नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम supreme court to decide on extended reservation
आरक्षण की अवधि बढ़ाने पर विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट इस बात की सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है कि क्या संसद और विधानसभाओं में अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए आरक्षण की अवधि 2020 तक बढ़ाना संविधान की मूल संरचना का उल्लंघन तो नहीं है। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई के लिए तैयार हो गया।

जस्टिस अनिल आर दवे, पिनाकी चंद्र घोष, शिव कीर्ति सिंह, आदर्श कुमार गोयल और अमिताभ रॉय की कॉन्सटिट्यूशनल बेंच ने सरकार से 14 मार्च तक इसपर अपनी कानूनी राय देने को कहा है। करीब 15 सालों बाद कोर्ट ने इस याचिका पर विचार करने का फैसला किया है।

संसद में अनुसूचित जातियों के लिए 79 और जनजातियों के लिए 40 सीट आरक्षित हैं। 95वें संविधान संशोधन से इस आरक्षण का प्रावधान 2020 तक के लिए किया गया था। इस प्रावधान को 2000 में एक याचिका द्वारा चुनौती दी गई थी कि यह संविधान की धारा 14 द्वारा दिए 'समानता के अधिकार' और लोकतंत्र का उल्लंघन करता है। याचिका में कहा गया था कि ये दोनों संविधान की मूल संरचना का हिस्सा हैं। यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के पास सालों से लंबित थी।

केंद्र सरकार ने दलील दी थी कि काफी समय बीत जाने की वजह से यह पर विचार करना निष्फल साबित होगा। इसके बावजूद बेंच ने शुक्रवार को इस पर नए सिरे से विचार करने का फैसला किया। यह मामला कॉन्सटिट्यूशनल बेंच को भेजे जाने पर याचिकाकर्ताओं के वकील अशोक कुमार जैन ने अपने शुरुआती तर्क में कहा था कि ऐसे प्रावधान संविधान की आधारभूत संरचना का उल्लंघन हैं और संविधान द्वारा दिए गए लोकतंत्र और समानता के अधिकार का भी हनन करते हैं।

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