नई दिल्ली
तमिलनाडु सरकार (Tamil nadu Government) ने मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) के एक आदेश को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी है। मद्रास हाई कोर्ट ने सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का पालन न होने पर शराब की दुकानों को बंद करने के साथ ही ऑनलाइन बिक्री और होम डिलिवरी के लिए इजाजत देने की बात कही थी। इसके बाद तमिलनाडु सरकार की तरफ से यह कदम उठाया गया है। दरअसल, कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य है। हालांकि, लॉकडाउन (Lockdown) के तीसरे चरण में कई राज्यों में शराब की दुकानें खोले जाने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट में तामिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन ने अर्जी दाखिल कर कहा है कि मद्रास हाई कोर्ट ने शराब की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश दिया है। इस वजह से राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है।
सुप्रीम कोर्ट में दी गई यह दलील
राज्य सरकार की ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ही उस अर्जी पर सुनवाई से इनकार किया था, जिसमें शराब की बिक्री पर पूरी तरह से बैन लगाने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि शराब की बिक्री की इजाजत का मामला राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है और ये पॉलिसी मैटर है। मद्रास हाई कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश पारित कर शराब की बिक्री पर बैन का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का गलत मतलब निकालकर हाई कोर्ट ने यह आदेश पारित किया है।
पढ़ें: शराब के लिए भारी भीड़, कोर्ट ने कहा- बंद करो दुकान...
होम डिलिवरी की दी थी इजाजत
हाई कोर्ट में ये दलील दी गई कि राज्य सरकार परोक्ष बिक्री यानी होम डिलिवरी का रास्ता चुन सकती है। राज्य के कॉर्पोरेशन ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा है कि मद्रास हाई कोर्ट का आदेश न्यायिक सीमा को लांघने वाला है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर टिकने वाला नहीं है। मद्रास हाई कोर्ट ने कहा है कि जब तक लॉकडाउन है तब तक शराब की बिक्री पर पूरी तरह से बैन होगा। शराब की दुकान खुलने के बाद लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का जो प्रोटोकॉल तय किया गया था, उसे बुरी तरह से तोड़ा गया। अदालत ने शराब की होम डिलिवरी की इजाजत दे दी थी।
'...तो बढ़ेगी लोगों की आवाजाही'
तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपील में कहा है कि राज्य सरकार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करा रही है और जो उल्लंघन कर रहे हैं उन पर कार्रवाई हो रही है। इस तरह से तामिलनाडु में शराब की बिक्री बंद करने से राज्य के बॉर्डर पर परेशानी का सबब बन सकता है क्योंकि पड़ोसी राज्यों में शराब की बिक्री हो रही है और लोगों की आवाजाही बढ़ेगी।
तमिलनाडु सरकार (Tamil nadu Government) ने मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) के एक आदेश को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी है। मद्रास हाई कोर्ट ने सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का पालन न होने पर शराब की दुकानों को बंद करने के साथ ही ऑनलाइन बिक्री और होम डिलिवरी के लिए इजाजत देने की बात कही थी। इसके बाद तमिलनाडु सरकार की तरफ से यह कदम उठाया गया है। दरअसल, कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य है। हालांकि, लॉकडाउन (Lockdown) के तीसरे चरण में कई राज्यों में शराब की दुकानें खोले जाने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट में दी गई यह दलील
राज्य सरकार की ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ही उस अर्जी पर सुनवाई से इनकार किया था, जिसमें शराब की बिक्री पर पूरी तरह से बैन लगाने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि शराब की बिक्री की इजाजत का मामला राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है और ये पॉलिसी मैटर है। मद्रास हाई कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश पारित कर शराब की बिक्री पर बैन का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का गलत मतलब निकालकर हाई कोर्ट ने यह आदेश पारित किया है।
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होम डिलिवरी की दी थी इजाजत
हाई कोर्ट में ये दलील दी गई कि राज्य सरकार परोक्ष बिक्री यानी होम डिलिवरी का रास्ता चुन सकती है। राज्य के कॉर्पोरेशन ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा है कि मद्रास हाई कोर्ट का आदेश न्यायिक सीमा को लांघने वाला है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर टिकने वाला नहीं है। मद्रास हाई कोर्ट ने कहा है कि जब तक लॉकडाउन है तब तक शराब की बिक्री पर पूरी तरह से बैन होगा। शराब की दुकान खुलने के बाद लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का जो प्रोटोकॉल तय किया गया था, उसे बुरी तरह से तोड़ा गया। अदालत ने शराब की होम डिलिवरी की इजाजत दे दी थी।
'...तो बढ़ेगी लोगों की आवाजाही'
तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपील में कहा है कि राज्य सरकार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करा रही है और जो उल्लंघन कर रहे हैं उन पर कार्रवाई हो रही है। इस तरह से तामिलनाडु में शराब की बिक्री बंद करने से राज्य के बॉर्डर पर परेशानी का सबब बन सकता है क्योंकि पड़ोसी राज्यों में शराब की बिक्री हो रही है और लोगों की आवाजाही बढ़ेगी।